26 मार्च के भारत बंद को उत्तराखंड के वामपंथी दलों ने दिया समर्थन
तीन कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाये जाने की मांग को लेकर पिछले चार महीने से देश भर में चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन के आव्हान पर 26 मार्च को होने वाले भारत बंद का वामपंथी दलों ने समर्थन किया है। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर को शुरू हुए इए ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण आंदोलन को 26 मार्च को पूरे चार माह हो रहे हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के उत्तराखंड राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव समर भंडारी, सीपीआई (एमएल) के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने संयुक्त रूप से जारी बयान में समर्थन की जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि देश की कृषि को कारपोरेट के हवाले करने और किसानों को उनकी ही जमीनों से बेदखल करने के साथ ही देश की अन्न सुरक्षा को खतरे में डालने वाले इन कानूनों का देश भर में विरोध हो रहा है। संसद में भी जिन राजनीतिक दलों ने पहले इन कानूनों का समर्थन किया था, अब इन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इन दलों की ओर से कहा गया है कि यह कानून सिर्फ किसानों और कृषि के ही खिलाफ नहीं हैं बल्कि गरीब की रोटी को भी कारपोरेट की तिजोरी में बेद कर देने की साजिश का हिस्सा हैं। गरीब के मुंह के निवाले को छीनने वाले इन कानूनों का देश का हर तबका विरोध कर रहा है।
वामपंथी दलों ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार की निजीकरण की नीतियों का अब तो मुखर विरोध हो रहा है। बैंकों की दो दिवसीय सफल हड़ताल के बाद बीमा क्षेत्र की दो दिन की सफल हड़ताल ने भी संघर्षरत किसानों की आवाज में आवाज मिलाई है। वामपंथी दलों ने देश के साथ ही उत्तराखंड में भी 26 मार्च 21के भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।