उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियंस संघर्ष समिति का आशाओं के आंदोलन को समर्थन, डीएम के माध्यम से सीएम को भेजा ज्ञापन
उत्तराखंड में संयुक्त ट्रेड यूनियंस संघर्ष समिति आशाओं के आंदोलन को समर्थन किया। साथ ही देहरादून के जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर शीघ्र कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आशा वर्कर्स विभिन्न मांगों को लेकर दो अगस्त से कार्य बहिष्कार पर हैं। साथ ही वे हर जिले में सीएमओ कार्यालय के साथ ही समस्त स्वास्थ्य केंद्रों के समक्ष धरना दे रही हैं। उत्तराखण्ड संयुक्त ट्रेड यूनियंस संघर्ष समिति ने आशाओं के चल रहे आंदोलन का समर्थन किया। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि नौ अगस्त को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई थी। शासन से वार्ता के दौरान आशाओं की कुछ मांगों पर सहमति बनी थी। आज तक इसका जीओ जारी नहीं किया गया है। समिति के प्रतिनिधिमंडल ने आज जिला मुख्यालय पहुंचकर सीएम को ज्ञापन भेजा। इस अवसर सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज, इंटक के प्रान्तीय महामंत्री एपी अमोली, सीटू उपाध्यक्ष भगवंत पयाल , एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा, ईश्वरपाल शर्मा, एक्टू के संयोजक केपी चन्दोला , गगन ककड़, रविन्द्र नौडियालआदि उपस्थित थे।
ये हैं आशाओं की मांगे
आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाऐ, न्यूनतम वेतन 21हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, कोविड कार्य में लगी आशाओं 50 लाख का बीमा, 19 लाख स्वास्थ्य बीमा का लाभ, कोरनाकाल में मृतक आशाओं के परिवारों को 50 लाख का मुआवजा, चार लाख की अनुग्रह राशि दी जाए। ओड़ीसा की तरह ऐसी श्रेणी के मृतकों के परिवारों विशेष मासिक भुगतान, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशन खोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए, कोरना ड्यूटी के लिये विशेष मासिक भत्ते का प्रावधान हो।
शासन से वार्ता में ये लिए गए थे निर्णय
-आशाओं को पांच हजार का मानदेय देने की पेशकश स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने की। अन्य देय भी मिलते रहेंगे।
– प्रत्येक केन्द्र में आशा रूम स्थापित किये जाऐंगे।
-अटल पेंशन योजना में उम्र की सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।
-आशाओं के सभी प्रकार के उत्पीड़न एवं कमीशनखोरी पर कार्रवाई होगी।
-अन्य सभी मांगों पर सौहार्दपूर्ण कार्यवाही होगी।
-स्वास्थ्य बीमा की मांग पर समुचित कार्यवाही होगी।
-उपरोक्त सन्दर्भ में शासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही के बाद अति शीध्र शासनादेश जारी किया जाऐगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।