मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति भी होगी हड़ताल में शामिल

उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति का प्रांतीय कन्वेंशन उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित किया गया। इसमें 20 मई 2025 की देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया गया। साथ ही इसमें उत्तराखंड की भी भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कंवेंशन में तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, एटक के प्रांतीय अध्यक्ष एमएस त्यागी ने संयुक्त रूप से शामिल हुए। सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कन्वेंशन का संचालन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में सीटू के राष्ट्रीय सचिव केएन उमेश ने कहा कि जब वर्ष 2020 में जब पूरी दुनियां में करोना से जूझ रही थी, उसी दौरान केंद्र सरकार के गलत फैसलों के कारण मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलने को मजबूर होना पड़ा था। ऐसे समय में मजदूरों के 44 श्रम कानूनों में से 29 प्रभावशाली कानूनों के स्थान पर चार श्रम संहिताओं को बनाया गया, जो कि पूरी तरह से मजदूरों को गुलामी की ओर धकेलने का काम करेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने इंगित किया कि 2020 से ट्रेड यूनियनों के दबाव में ये सरकार लागू नहीं कर सकी, किन्तु आज जबकि भाजपा की यह सरकार बैशाखी की सरकार है, श्रम संहिताओं को लागू करने की कोशिश कर रही है। इसे मजदूर वर्ग कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा और 20 मई 2025 की होने वाली ऐतिहासिक हड़ताल को सफल बनाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री व इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कन्वेंशन का उद्घाटन करते हुए कहा कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण आज देश के मजदूरों के सामने रोजी रोटी का प्रश्न खड़ा हो गया है। हमारे प्रदेश में तो सरकार द्वारा इन श्रम संहिताओं को लागू करने का कुप्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार द्वारा 12 घंटे के काम का आदेश सबसे पहले जारी किया गया। उसके बाद कार्यस्थल पर श्रमिक की मृत्यु होने पर भी मालिक या प्रबंधन की गिरफ्तारी पर रोक लगाने का कानून विधान सभा में पारित कर बनाया गया है। इससे मालिकों को गिरफ्तारी का डर समाप्त हो गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि 20 मई की हड़ताल को सफल बनाने के लिए संयुक्त अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत फैक्ट्रियों, विभिन्न संस्थानों में गेट मीटिंग की जाएंगी। श्रमिकों को मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों से होने वाले कुप्रभावों से अवगत कराएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कन्वेंशन का संचालन करते हुए सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कहा कि श्रम कानूनों के उल्लंघन जारी है। इसके तहत उद्योगों में 12- 12घंटे काम करवाया जा रहा है. किन्तु उन्हें ओवर टाइम भी नहीं दिया जा रहा है। वहीं संविदा और ठेके के मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। इसके तहत उनसे अवैध वसूली करना, ईपीएफ जमा न करना, ईएसआई जमा न करना, न्यूनतम वेतन तक नहीं देने आदि की समस्या से श्रमिक जूझ रहे हैं। यदि कोई श्रमिक इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे निकाल दिया जाता है। उन्होंने प्रदेश सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, एटक के प्रांतीय अध्यक्ष एमएस त्यागी, उपाध्यक्ष समर भंडारी, युवा इंटक के प्रदेश अध्यक्ष पंकज क्षेत्री, इंटक के हिमांशु नेगी, विक्टर थॉमस, एक्टू के प्रांतीय महामंत्री केके बोरा आदि ने विचार व्यक्त किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कन्वेंशन में सीटू के जिला अध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, मनमोहन रौतेला, भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल, राम सिंह भंडारी, मामचंद, आंगनवाड़ी यूनियन से चित्रा, सुनीता रावत, आशा यूनियन से सुनीता चौहान, लोकेश देवी, उत्तराखंड मेडिकल एवं सेल्स रिप्रजेंटेटिव एसोसिएशन से दीपक शर्मा, एफआरआई से लक्ष्मी नारायण, स्कूल कर्मचारी यूनियन से हरीश कुमार, चाय बागान श्रमिक यूनियन से देवानंद पटेल, इमारत सिंह, चंपा देवी, निर्माण श्रमिक यूनियन से सोनू कुमार, एसएफआई के प्रांतीय अध्यक्ष नितिन मलेथा, महामंत्री हिमांशु चौहान, शैलेन्द्र परमार, बस्ती बचाओ आंदोलन से अनंत आकाश आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।