16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के लिए उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन ने कसी कमर, ये है मांगे
श्रमिक संगठनों और मजदूरों की विभिन्न मांगों को लेकर 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के लिए उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियंस संघर्ष समिति ने भी कमर कस ली है। इसके लिए बैठकों का दौर जारी है। साथ ही विधानसभा कूच के साथ ही राज्य के कई जिलों में धरने व प्रदर्शन किए गए। आज संघर्ष समिति ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता की और हड़ताल के उद्देश्यों के साथ ही इसकी तैयारी को लेकर विस्तार से जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मांगे
ये हड़ताल चारों श्रम संहितायें वापस लेने, श्रम कानूनों को शसक्त बनाने, न्यूनतम वेतन 26 हजार करने, नये एमवी एक्ट को वापस लेने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, रेहडी पटरी व फुटपाथ व्यवसायियों का उत्पीड़न बंद करने, ई रिक्शा वर्कर्स का उत्पीड़न बंद करने, एमएसपी पर कानून बनाने, बैंक, बीमा, रेलवे, रक्षा, पोस्टल सहित सार्वजनिक संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगाने, बिजली बिल 2022 वापस लेने, राज्य सरकार द्वारा जल जल संस्थान, गढ़वाल मंडल विकास निगम के निजीकरण पर रोक लगाने, बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के निर्णय वापस लेने, स्किम वर्कर्स आशा, आंगनवाड़ी, भोजनमाताओ को राज्य कर्मचारी घोषित करने, ठेका प्रथा समाप्त करके रेगुलर भर्ती करने, संविदा पर लगे कर्मचारियों रेगुलर करने, समान काम का समान वेतन, भत्ते देने आदि मांगों को लेकर की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं का संबोधन
इस अवसर पर इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि देश में मोदी सरकार ने श्रम कानूनों को तिलांजलि दे दी है, जिससे मजदूर वर्ग पर संकट आ गया है। उनका जीवन स्तर निम्न से निम्न होता जा रहा है। श्रम कानूनों के स्थान पर चार श्रम संहितायें बनाई गई है, जिसे लागू करने में ट्रेड यूनियनों का विरोध ही आड़े आ रहा है। इसके खिलाफ यह हड़ताल होगी। इसमें सरकार द्वारा जनविरोधी नए मोटरयान अधिनियम बनाने के खिलाफ सारे ट्रांसपोर्ट हड़ताल करेंगे। साथ ही इस सरकार को झुकने पर मजबूर करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तैयार किया गया है 21 सूत्रीय ज्ञापन
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि हड़ताल के दिन राष्ट्रपति को 21 सूत्रीय ज्ञापन भेजा जाएगा। एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि वर्तमान में श्रमिकों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है। इसका श्रमिक पुरजोर विरोध करेंगे और आने वाली 16 फरवरी को हड़ताल व चक्का जाम होगा। उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियन एक्ट सहित चारों श्रम संहिता वापस की जानी चाहिए और श्रम कानून को प्रभावशाली बनाया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय महामन्त्री महेंद्र जखमोला ने कहा कि आज स्कीम वर्कर्स से तमाम काम लिए जा रहे हैं, किंतु उन्हें काम के बदले उनका वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि 26000 रुपये न्यूनतम वेतन होना चाहिए व राज्य कर्मचारी घोषित किया जाना चाहिए। इस अवसर पर इंटक के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि सार्वजनिक संस्थाओं बैंक, बीमा, रक्षा, रेलवे, पोस्टल व ओएनजीसी जैसे महत्वपूर्ण विभागों को सरकार निजीकरण कर रही है। उनकी जमीनों को अपने चहते पूंजीपतियों को कौड़ियों के भाव दे रही है। इसका पुरजोर विरोध होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर जून एटक के प्रांतीय उपाध्यक्ष समर भंडारी ने कहा कि वर्तमान में सरकार साम्प्रदायिकता के सहारे सारे मुद्दों को दबाना चाह रही है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनो ने इसके खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंका है और 16 फरवरी की हड़ताल इस देश की दशा व दिशा को तय करेगी। जिला देहरादून ड्राइवर कंडक्टर यूनियन ने कहा कि 16 तारीख को देहरादून के समस्त बस सेवा बंद रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर देहरादून के प्राइवेट स्कूल कर्मचारी यूनियनों ने कहा कि उन्होंने अपने नोटिस दे दिया है। वह भी मैनेजमेंट के उत्पीड़न के खिलाफ हड़ताल पर रहेंगे। रोडवेज यूनियन के दयाकिशन पाठक ने कहा कि वे तमाम यूनियनो से बातचीत कर उत्तराखंड परिवहन विभाग में भी हड़ताल का समर्थन करेंगे। आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला, आशा वर्कर्स यूनियन सीटू की प्रांतीय अध्यक्ष शिव दुबे, भोजन माता कामगार यूनियन की महामंत्री मोनिका ने भी हड़ताल में शामिल होने की बात कही। विद्युत विभाग यूनियन के अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि बिजली विभाग में निजीकरण के खिलाफ 16 तारीख की हड़ताल को समर्थन दिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये संगठन होंगे हड़ताल में शामिल
सीटू के पर प्रांतीय सचिव लेखराज ने बताया कि सीटू, इंटक, एटक व परिवहन, आंगनवाड़ी, आशा, भोजनमाता, स्कूल कर्मचारी, संविदा श्रमिक संघ, दून ऑटो रिक्शा चालक, रोडवेज कर्मचारी यूनियने, ई रिक्शा वर्कर्स यूनियन, ड्राइवर कन्डक्टर यूनियन विकासनगर व डाकपत्थर, आईएमए, एफआरआई की संविदा कर्मचारियों की यूनियनों सहित अन्य यूनियनों के प्रतिनिधि हड़ताल में शामिल रहेंगे। इस अवसर पर दयाकिशन पाठक, वीरेंद्र सिंह नेगी, मामचंद, राजवीर, हिमांशु, जितेंद्र पुंडीर आदि उपस्तित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।