उत्तराखंड एक सीमावर्ती संवेदनशील राज्य, राज्य सरकार असंवेदनशील, छिपती है अर्बन नक्सल के जुमले के पीछेः धस्माना
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार जनसरोकारों से जुड़े हर मुद्दे पर फिसड्डी रही है। हर मोर्चे पर विफल सरकार अब 2027 के विधानसभा चुनावों को नजदीक देख कर अर्बन नक्सल के जुमले के पीछे छिपने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस भाजपा सरकार को जवाबदेही से बचने नहीं देगी। साथ ही अर्बन नक्सल के जुमले के पर्दे से बेपर्दा कर के रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए धस्माना ने कहा कि सरकार सबसे पहले पूरे प्रदेश की जनता को यह बताए कि राज्य में अगर अर्बन नक्सल गैंग सक्रिय है, तो उसका सरगना कौन है। क्या राज्य की सरकार ने इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय को इतने संवेदनशील विषय की जानकारी दे दी है। क्योंकि हाल ही में देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह दावा किया है कि देश से नक्सल का खत्मा अंतिम चरण तक पहुंच गया है। तो क्या उत्तराखंड में ये नई परिस्थिति जो अर्बन नक्सल की बन गई है, उस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय कितनी गंभीरता से कार्य कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड देश का एक सीमावर्ती राज्य है जिसकी सीमाएं अंतराष्ट्रीय पड़ोसी देशों चीन तिब्बत, नेपाल से मिलती हैं। अगर अर्बन नक्सल जैसी कोई बात यहां पनप चुकी हैं, तो वाकई यह मामला बहुत गंभीर है। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की विफलता को भी दर्शाता है। कारण ये है कि इस गंभीर विषय पर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इसलिए सरकार को इसका उत्तर देना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि वास्तविकता यह है कि लगातार दो बार राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने जनता को बुरी तरह से निराश किया है। अब तीसरी बार के लिए वोट मांगने के लिए भाजपा सरकार के पास कोई उपलब्धियों का ब्योरा नहीं है। इसलिए अब अर्बन नक्सल का नया जुमला गाढ़ा गया है। सरकार के मुख्यमंत्री मंत्रीगणों से लेकर पार्टी के बड़े छोटे सभी नेता एक सुर में अर्बन नक्सल का राग अलाप रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में बेरोजगारी आज चरम पर है। सरकार फर्जी आंकड़े पेश कर लोगों को बरगला रही है कि छब्बीस हजार से ज्यादा लोगों की सरकारी नौकरियां लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह मांग करती है कि पिछले पौने चार साल में सरकार ने जो सरकारी नौकरियों लगाई हों, उनके विभागवार आंकड़े श्वेत पत्र जारी कर सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा कि ठीक एक साल पहले देश के सर्वोच्च न्यायालय ने उपनल कर्मचारियों के समान काम समान वेतन और नियमितीकरण के मामले में उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय को मानने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे, किंतु एक वर्ष बीतने पर भी राज्य की सरकार ने उस पर अमल नहीं किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महिलाओं पर अत्याचार, हत्या, बलात्कार जैसी घटनाओं की उत्तराखंड में बाढ़ आई हुई है। सरकारी पार्टी के लोग इस तरह के हर दूसरे मामले में खुद संलिप्त हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। इसी प्रकार से राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही है। इसके कारण आज प्रदेश की जनता में भरी आक्रोश व्याप्त है। इसका ज्वलंत उदाहरण चौखुटिया में जन आंदोलन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि शिक्षा चाहे प्राथमिक हो या माध्यमिक, या फिर उच्च शिक्षा। सभी क्षेत्रों में शिक्षा बदहाल है और परीक्षाओं के लीक, पेपर आउट, नकल से पूरी परीक्षा प्रणाली की पोल पट्टी देश और दुनिया के सामने खुल चुकी है। साथ ही आपदा प्रबंधन तंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। आज तक सरकार यह ही नहीं बता पाई कि धराली आपदा में कितने लोगों की मौत हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कुल मिला कर राज्य में हर मुद्दे पर भाजपा सरकार पूर्ण रूप से फिसड्डी साबित हुई है। अब नए नए जुमले गढ़ कर जनता को मूर्ख बनाने के लिए उन काल्पनिक मुद्दों के पीछे छुपने का प्रयास कर रही है। पत्रकार सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के मीडिया सलाकार सरदार अमरजीत सिंह, श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कौशल, महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष विपुल नौटियाल आदि उपस्थित रहे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




