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April 18, 2025

चर्चा उठी कोश्यारी की, दे दिया उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इस्तीफा, सक्रिय राजनीति में कर सकती हैं वापसी

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह तीन साल 12 दिन इस पद पर कार्यरत रहीं। तीन दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात के बाद से यह अंदेशा जताया जा रहा था।

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह तीन साल 12 दिन इस पद पर कार्यरत रहीं। तीन दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात के बाद से यह अंदेशा जताया जा रहा था। इस इस्तीफे के साथ ही राज्य का आठवें राज्यपाल को लेकर इंतजार बढ़ गया है।
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति भवन भेज दिया है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बेबी रानी मौर्य का इस्तीफा उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी वापसी के संकेत बताए जा रहे हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बारे में भी चर्चा थी कि वह भी जल्द ही इस्तीफा देकर उत्तराखंड में भाजपा की कमान संभालेंगे, लेकिन इससे पहले बेबी रानी के इस्तीफे की खबर ने सबको चौंका दिया।
बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त, 2018 में उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के तौर पर पदभार संभाला था। वह राज्य की दूसरी महिला गवर्नर थीं। उनसे पहले मार्ग्रेट अल्वा भी यह पद संभाल चुकी हैं। उत्तरप्रदेश में आगरा की मेयर रह चुकीं बेबी रानी मौर्य के बारे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार और भाजपा उन्हें दूसरी जिम्मेदारी से नवाज सकते हैं।
राजनीतिक गलियारों में तो यहां तक चर्चा है कि अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली बेबी रानी मौर्य उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी उतर सकती हैं। इसके पहले राजस्थान के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह तथा पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने भी राज्यपाल के पद से हटने के बाद भाजपा की सदस्यता लेकर दोबारा राजनीति शुरू कर की थी। पर पचहत्तर की उम्र वाले फ़ार्मूले के चलते इन्हें चुनाव मैदान में नहीं उतारा जा सका। बेबी रानी मौर्य अभी पैंसठ की है।
सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन
– वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की महापौर।
– वर्ष 1997 में वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा राम नाथ कोविंद के साथ बतौर कोषाध्यक्ष कार्य।
– वर्ष 2001 में प्रदेश, सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य।
– वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य।
सम्मान
– वर्ष 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए समाज रत्न।
– 1997 में उत्तर प्रदेश रत्न।
– 1998 नारी रत्न।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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