उत्तराखंड सरकार कर रही देहरादून घाटी में केदारनाथ व धराली जैसी आपदाओं की तैयारी: सूर्यकांत धस्माना

उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेस उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड सरकार देहरादून घाटी में केदारनाथ व धराली जैसी आपदाओं की तैयारी कर रही है। कारण ये है कि देहरादून घाटी अधिसूचना 1989 की जगह नई अधिसूचना में अब उत्तराखंड में रेड व ऑरेंज श्रेणी के उद्योगों के लिए केंद्र का हस्तक्षेप खत्म हो चुका है। इससे प्रदूषणकारी उद्योग लगाने वालों के वारे न्यारे हो गए हैं। उन्होंने इस मामले में एनजीटी से हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही बताया कि एनजीटी ने केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड व उत्तराखंड के मुख्य सचिव को नोटिस जारी रपके हुए 19 सितंबर को तलब किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में धस्माना ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्रीय सरकार ने दो फरवरी 1989 को जारी किए गए दून वाले नोटिफिकेशन को बड़ी चालाकी से संशोधित कर दिया। उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने गलत तथ्य व अधूरी जानकारी देते हुए केंद्र सरकार ने संशोधित करवा नया नोटिफिकेशन 13 मई 2025 को जारी करवा लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि जिसमें रेड ऑरेंज श्रेणी के उद्योगों की स्थापना के लिए अब केंद्र सरकार की सहमति या अनापत्ति की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस पर राज्य की सरकार ही निर्णय कर सकेगी। इस नोटिफिकेशन के खिलाफ देवभूमि मानव संसाधन विकास समिति एवं ट्रस्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में रिट दाखिल कर चुनौती दी और इसे देहरादून के लिए विनाशकारी बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना देवभूमि मानव संसाधन विकास समिति एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि देहरादून की जल वायु, यहां की नैसर्गिक सुंदरता, यहां की नदियों, नालों खालों व बचे कुचे वन क्षेत्र, जल स्रोतों, खेती की बची हुई जमीन बचाने के लिए यह रिट डाली गई। इसे एनजीटी ने स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार के पर्यावरण वन एवं मौसम विभाग व मंत्रालय को, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व मुख्य सचिव को आगामी 19 सितंबर को जवाब देने के नोटिस जारी किए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि राज्य की सरकार अपने मित्र उद्योगपतियों के रेड व ऑरेंज श्रेणी में आने वाले उद्योंगो को 1989 के दून वैली नोटिफिकेशन के कारण नहीं लगवा पा रही थी। इसलिए उक्त नोटिफिकेशन को ही केंद्र सरकार के समक्ष गलत व भ्रामक तथ्य रख कर खत्म करवाते हुए नया नोटिफिकेशन 13 मई 2025 को जारी करवा दिया। इसमें अब रेड व ऑरेंज श्रेण के उद्योगों को स्थापित करवाने के लिए केंद्र सरकार की कोई अनापत्ति या सहमति की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि आज जिस प्रकार से राज्य में अंधाधुंध खनन हो रहा है, बिना सोचे समझे पेड़ काटे जा रहे हैं। कहीं भी भू उपयोग बदले जा रहे हैं, उससे देहरादून का अस्तित्व खतरे में है। उच्चतम न्यायालय की ओर से देहरादून घाटी को विशेष दर्जा दे कर 1989 में केंद्र सरकार से बाकायदा नोटिफिकेशन जारी करवाया गया था। अब अगर वो खत्म हो गया तो देहरादून का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। पहले से ही देहरादून भूकंपीय श्रेणी चार व पांच में आता है। ऐसे में हमारी आने वाली पीढ़ियों हमें कभी माफ नहीं करेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि एनजीटी के के साथ साथ हम इसे राजनैतिक व सामाजिक लड़ाई भी बनाएंगे। क्योंकि यह हम सभी के व हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य व अस्तित्व से जुड़ा मामला है। प्रेस कांफ्रेंस में धस्माना के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के मीडिया सलाहकार सरदार अमरजीत सिंह, श्रम विभाग के अध्यक्ष दिनेश कौशल, प्रदेश प्रवक्ता गिरिराज किशोर हिंदवाण, अधिवक्ता वेदांत बिजलवान व अधिवक्ता अभिषेक दरमोड़ा उपस्थित रहे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।