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April 16, 2025

उत्तराखंड स्थापना दिवसः कांग्रेसियों ने किया मिष्ठान का वितरण, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर देहरादून में महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिष्ठान वितरण किया। साथ ही राज्य के सम्मुख उपस्थित चुनौतियों पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके उपरांत कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक पहुंच कर शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस भवन में आयोजित गोष्ठी में महानगर अध्यक्ष डॉ जसविन्दर सिंह गोगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण शहीदों के बलिदान, आंदोलनकारियों और मातृशक्ति के संघर्ष के परिणामस्वरूप तथा राज्यवासियों के सहयोग से संभव हुआ है। आज के दिन सभी लोग संकल्प लें कि जैसे ही कांग्रेस को राज्य में जनादेश प्राप्त होता है, पहले दिन से राज्य का शासन, प्रशासन, व्यवस्था, कार्यसंस्कृति और सम्पूर्ण तंत्र, आंदोलनकारियों और शहीदों के सपनों के अनुरूप ढाला जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कांग्रेस ने राज्य आंदोलनकारियों को यथासंभव सम्मान देने का कार्य किया है। राज्य में भूमि के खरीद फरोख्त को भी कांग्रेस ने सख्ती से विनियामियत किया। गोगी ने कहा कि सरकार जानबूझ कर राज्य आंदोलनकारियों की मांगों को लागू करने में देरी कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गोष्ठी में उपस्थित वक्ता डॉ अरुण रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना की मूल भावना तथा हिमालय, दोनों को तत्काल संरक्षित करने की आवश्यकता है। इसके लिए बहुत सारे काम किये जा सकते हैं जिनके लिए हर गुजरते दिन के साथ हमें बहुत विलंब हो रहा है। इसलिए सबसे पहले वे कदम उठाए जाएं जिनसे सबसे अधिक और तात्कालिक लाभ हो। ऐसा ही एक तात्कालिक समाधान जिसके लिए बहुत समय और वित्तीय संसाधन भी अपेक्षित नहीं है, यह है कि भू कानून लागू करके हिमालय की मिट्टी और हिमालय की संस्कृति को बचाया जाए। किसी एक के संरक्षण से काम नहीं चलेगा। दोनों पक्ष आपस मे जुड़े हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि भूमि खरीद पर विनियमन होने से राज्य की जमीनें बचेंगी। जमीनें बचेगी तो बेतरतीब और अनियंत्रित निर्माण नहीं होंगे, और हिमालय और अधिक सुरक्षित रहेगा। इसके साथ ही साथ भू कानून राज्य के सांस्कृतिक वैशिष्ट्य को भी बचाएगा। दूसरा तात्कालिक समाधान यह है कि राज्य के पर्यटन केंद्रों और तीर्थस्थलों पर यात्रियों का संख्या उनके धारण क्षमता तक सीमित की जाए। फिर इसके बाद पिछले 23 साल की गलतियों से सबक लेते हुए विकास योजना तैयार की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर मुख्य रूप से वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी तथा कांग्रेस महासचिव मनीष कुमार ने कहा कि राज्य आंदोलन के बहुत सारे सिपाही ऐसे हैं जो आंदोलन में बहुत सक्रिय रहे परन्तु आजकल अभिनंदन समारोहों में और सार्वजनिक जीवन मे वे लोग दिखाई नही देते हैं। ऐसे आन्दोलनकारियों को सरकार और संबंधित संस्थाएं समुचित सम्मान दे। इन्हीं लोगों के कारण राज्य निर्माण संभव हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर मुख्य रूप से मनीष नागपाल, सुनील जायसवाल, पूनम कंडारी, सावित्री थापा, अनुराधा, साधना तिवारी, मंजू चौहान, जगदीश धीमान, राजेश पुंडीर, अल्ताफ, अभिषेक तिवारी, डॉक्टर अरुण रातोड़ी, लकी राणा, शहजाद अंसारी, वीरेंद्र पवार, संजय गौतम, देवेंद्र सिंह, उदय सिंह रावत, रवि हसन, अशोक कुमार, सूरज क्षेत्री, शकील मंसूरी, राजेश पुंडीर, अल्ताफ अहमद, नरेश बंगवाल आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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