उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार सेवानिवृत्त, अभिनव कुमार ने संभाली कमान, विदाई समारोह में भावुक हुए अशोक
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया। आज गुरुवार को देहरादून पुलिस लाइन में उनके लिए भव्य विदाई समारोह आयोजित किया गया। फिलहाल नए डीजीपी के रूप में अभिनव कुमार को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 53 साल के अभिनव कुमार 1996 बैच के आईपीएस हैं। वह खुफिया विभाग के चीफ भी बने रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में डीजीपी के रूप में अशोक कुमार ने अपनी सहृदयता से लोगों के बीच में पकड़ बनाई। उन्हें यदि कोई व्हाट्सएप पर भी कोई समस्या या मैसेज लिखता था तो बगैर देरी किए उसका जवाब देते थे। साथ ही यदि समस्या के समाधान का भी प्रयास करते थे। वह खेल प्रेमी हैं। वहीं, पुलिस के अधिकारी से लेकर निचले स्तर पर जवान की समस्याओं को लेकर भी कई बार चिंता जाहिर करते रहे। ऐसे में उनके कार्यकाल को एक लोकप्रिय डीजीपी के रूप में देखा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
किया गया भव्य रैतिक परेड का आयोजन
इस अवसर पर पुलिस लाइन्स देहरादून में भव्य रैतिक परेड का आयोजन किया गया। परेड का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून सर्वेश पंवार द्वितीय कमाण्ड पुलिस उपाधीक्षक प्रेमनगर आशीष भारद्वाज, व परेड एडज्यूटेन्ट पुलिस उपाधीक्षक हरिद्वार निहारिका सेमवाल के साथ किया। परेड में उत्तराखण्ड पुलिस की विभिन्न शाखाओं, ट्रेफिक पुलिस, नागरिक पुलिस, पीएसी, महिला पीएसी, कमाण्डो दस्ता, तथा एटीएस आदि सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन फायरमैन मनीष पंत ने किया। रैतिक परेड का पुलिस महानिदेशक द्वारा मानप्रणाम ग्रहण करने के उपरांत परेड का निरीक्षण किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अशोक कुमार का संबोधन
इस मौके पर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे तीन वर्ष तक आप सबका नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला। 34 वर्षों से अधिक की समर्पित सेवा के बाद आज पुलिस सेवा का अंतिम दिन है, काफी भावुक क्षण हैं। वर्दी ने सेवा के हजारों मौके दिए। टीम के बिना कुछ भी संभव नहीं है। आप मेरे साथ खड़े रहे। जान जोखिम में डालकर खड़े रहे। मैं अपने पुलिस के सभी साथियों का धन्यवाद करता हूँ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
किया कई बड़ी चुनौतियों का सामना
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि हमने मिलकर कई बड़ी चुनौतियों जैसे कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर, रैंणी आपदा, कोरोना महामारी के बीच महाकुम्भ का आयोजन, और कुमाऊं परिक्षेत्र में अतिवृष्टि, आदि का धैर्य और दृढ़ता के साथ डटकर सामना किया और देशभर के लोगों का विश्वास जीता। मेरा मानना है कि पुलिस जनता के लिए बनी है। ऐसी पुलिस व्यवस्था बनाने का प्रयास किया, जिसमें अपराधियों में पुलिस का भय और जनता पुलिस को देखकर सुरक्षित महसूस करे। आप सभी के सहयोग से यह एक विस्मरणीय यात्रा रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मित्र पुलिस बनाने का काम
उन्होंने कहा कि हम सभी ने उत्तराखण्ड पुलिस को People Friendly, संवेदनशील और पीड़ित केन्द्रित बनाने के लिए काम किया, ताकि हम देश की सर्वोत्तम पुलिस बन सके। इस दौरान उत्तराखण्ड पुलिस ने ऑपरेशनल, प्रशासनिक, वेलफेयर, मॉर्डनाइजेशन, टैक्नीकल आदि क्षेत्रों में वृहद एवं फोकस्ड रूप से कार्य किया। हम सभी ने मिलकर माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दी गयी SMART पुलिसिंग की अवधारणा को साकार करने के लिए कार्य किया। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी नए नेतृत्व के साथ मिलकर लगन, अनुशासन, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और जोश के साथ राज्य व आम जनता की सेवा एवं सुरक्षा करते रहेंगे तथा उनका विश्वास जीतने में सफल होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नवनियुक्त डीजीपी का संबोधन
नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, महोदय ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकारी सेवा में रिटायरमेंट शाश्वत सत्य होता है और रिटायरमेंट के बाद जिन्दगीं की एक नई पारी शुरू होती है। आज सांय को हमारे बीच से हमारे पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार सर 34 वर्ष से भी अधिक की भारतीय पुलिस सेवा में अपना योगदान देकर सेवानिवृत हो रहे हैं। राज्य गठन के साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस को भी 23 वर्ष पूर्ण हुए हैं, जिसमें अशोक कुमार ने पुलिस सेवा में अपना विशेष योगदान दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सबके साथ मिलकर पुलिस को ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के infrastructure में सर (अशोक कुमार) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मैं उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि उत्तराखण्ड पुलिस सदैव उनका परिवार रहेगा साथ ही भविष्य में हमें आपका मार्गदर्शन मिलता रहेगा। व्यक्तिगत रूप से मैने सर के साथ कार्य किया है, जिसमें सर से बहुत कुछ सीखने को मिला है। सबसे महत्वपूर्ण है उनका स्वभाव मैने कभी भी उन्हें किसी परिस्थिति में विचलित होते नहीं देखा है। उनकी कार्यप्रणाली से हम सभी पुलिस अफिसर को सीख लेनी चाहिए। मेरा यह प्रयास रहेगा हम सब मिलकर उत्तराखण्ड पुलिस को नयी ऊंचाई पर ले जायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो कार्मिकों को सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न
पुलिस महानिदेशक ने उत्कृष्ट कार्यो के लिए मुख्य आरक्षी नापु मनोज कुमार और महिला कांस्टेबल विद्या मेहता को सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न प्रदान किया। मनोज कुमार ने वर्ष 2021 तथा वर्ष 2023 में ऑपरेशन स्माईल अभियान के अन्तर्गत जनपद टिहरी गढ़वाल में बड़ी लगन व मेहनत से कार्य किया गया है। इसमें वर्ष 2021 में कुल 58 गुमशुदाओं तथा वर्ष 2023 में कुल 88 गुमशुदाओं इस प्रकार कुल 146 गुमशुदाओं को तलाश कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया है। वहीं, महिला कांस्टेबल विद्या मेहता ने जनपद पौड़ी गढ़वाल में ऑपरेशन स्माईल/ऑपरेशन मुक्ति के अन्तर्गत वर्ष 2021 से 2023 तक कुल 74 गुमशुदाओं को तलाश कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी, अभिसूचना एवं सुरक्षा पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ए पी अंशुमान के साथ ही समस्त पुलिस महानिरीक्षक, समस्त पुलिस उपमहानिरीक्षक, सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम के सचिव रह चुके हैं अभिनव कुमार
इससे पहले अभिनव कुमार हरिद्वार और देहरादून पुलिस कप्तान रहे हैं। कुछ महीनों तक उन्होंने आईजी गढ़वाल के पद पर सेवा दी। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर उन्होंने सीआरपीएफ में भी सेवा दी। जिस वक्त जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई, तब वहां की कमान अभिनव कुमार के हाथ में थी। वे सीएम पुष्कर सिंह धामी के सचिव भी रह चुके हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।