उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना बोले- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बढ़ाएं अपना सामान्य ज्ञान
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की ओर से कल अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पर दिए गए बयान पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पलटवार किया। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को तेल के भाव पर अपना सामान्य ज्ञान दुरुस्त करने की सलाह दी है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को रोजाना समाचार पत्रों में या गूगल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव जान लेना चाहिए। रोजाना न जानें तो कम से कम जिस दिन इस संबंध में बयान देना हो, तो उस दिन का भाव तो जान ही लेना चाहिए।
विदित हो कि कल कांग्रेस नेता व राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने देहरादून में प्रेस वार्ता के जरिये महंगाई पर हमला किया था। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बयान में कहा था कि अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आये उछाल के कारण भारत में पेट्रोल डीजल महंगा है।
धस्माना ने कहा कि डॉक्टर मनमोहन सिंह के दस वर्षों के कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में औसतन सौ डॉलर प्रति बैरल रहा, लेकिन कभी पेट्रोल 71 रुपये और डीजल 57 रुपये प्रति लीटर से ऊपर नहीं गया। वहीं, मोदी जी के सात वर्षों के कार्यकाल में कच्चा तेल 28 डॉलर के न्यूनतम और 75 डॉलर प्रति बैरल अधिकतम व 50 डॉलर औसत रहा। पेट्रोल अब तक के अधिकतम 106 रुपये तथा डीजल 95 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। वहीं, इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जिस प्रकार का सफेद झूठ बोल रहे हैं वो शर्मनाक है। धस्माना ने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल डीजल में साढ़े तीन लाख करोड़ से चार लाख करोड़ रुपया प्रति वर्ष आम नागरिक की जेब में डाका डाल रही है। इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
देवस्थानम बोर्ड पर गुमराह कर रही सरकार
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार देवस्थानम बोर्ड के बारे में तीर्थ पुरोहितों व अन्य हकहकूक धारियों को पुनर्विचार करने के नाम पर गुमराह कर रही है। पहले तीरथ सिंह ने बतौर मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड के बारे में पुनर्विचार का बयान दिया और मंत्री सतपाल महाराज ने कड़वा सच बोल दिया कि पुनर्विचार का सवाल ही नहीं उठता। इस पर उनकी आलोचना भी हुई और विरोध भी हुआ। इसके बाद तीरथ सरकार ने बाकायदा बोर्ड में अनेक नियुक्तियां भी कर दी। फिर तीरथ सिंह जी की विदाई के बाद धामी सरकार में भी वही दोहराया।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार के जिम्मेदार मंत्री ने पुनर्विचार की घोषणा की और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री धामी ने बाकायदा बोर्ड की बैठक कर यह साफ संदेश दे दिया कि देवस्थानम बोर्ड पर नई सरकार की नीति भी तीर्थ त्रिवेंद्र सरकार वाली है। यानी कोई पुनर्विचार नहीं होगा। धस्माना ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस की इस संबंध में कांग्रेस देवस्थनम बोर्ड के कानून को समाप्त करने की मांग करती है। अगर भाजपा सरकार ऐसा नहीं करती तो कांग्रेस 2022 में सरकार में आने के तत्काल बाद सबसे पहले देवस्थानम बोर्ड के कानून को समाप्त करने का निर्णय लेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।