उत्तराखंड कांग्रेस ने बीजेपी को उससे दृष्टि पत्र की दिलाई याद, पूछा कितने वादे किए पूरे

उत्तराखंड कांग्रेस ने बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान बीजेपी की ओर से जारी घोषणा (दृष्टि पत्र) की सरकार को याद दिलाई। साथ ही पूछा कि ये बताएं कि उसमें किए गए कितने वादे पूरे किए गए हैं। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड भाजपा का 2022 चुनावी घोषणा पत्र मात्र चुनावी स्टंट था। या प्रदेश की भोली भाली जनता को ठगने का शिगूफा मात्र था। इसे बीजेपी को बताना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि 2022 में उत्तराखंड की जनता से भाजपा ने अपने घोषणा पत्र (दृष्टि पत्र) के जरिये बहुत सारे वादे किए थे, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी भाजपा 56 पृष्ठों के घोषणा पत्र की एक चौथाई घोषणाएं भी पूरी नहीं कर पाई है। चाहे लोकायुक्त हो, या महिलाओं के मुद्दे, या फिर युवाओं और किसानों से किए गए वादे हों। भाजपा कहीं भी अपनी बातों पर खरी नहीं उतरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में हारी हुई 23 सीटों को लेकर टास्क सौंपा है कि यहां 60 फीसद वोट को बढ़ाने के लिए काम करें। इसी पर उत्तराखंड कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमले कर रही है। गरिमा दसौनी ने कहा कि 23 हारी हुई विधानसभाओं में भाजपा के सांसद आखिर जनता के सामने क्या रिपोर्ट कार्ड लेकर जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि पहले भाजपा यह बताए कि बाकी बची 47 विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया क्यों अपनाया जा रहा है। क्योंकि भाजपा कुशासन का जो दंश महंगाई बेरोजगारी के रूप में 23 विधानसभाएं झेल रही हैं, वही 47 विधानसभाओं का भी हाल है। भाजपा बताए कि आखिर उनके जीते हुए विधायकों ने अपने क्षेत्र की कितनी समस्याओं का निस्तारण किया। घोषणा पत्र को कितना अमलीजामा पहनाने में वह सफल रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जनता आज भाजपा के झूठ को पहचान चुकी है। यह जान चुकी है कि भाजपा का भाषण ही उसका शासन होता है। चुनावी बेला में लच्छेदार भाषा में भाजपा के दिग्गज नेता जनता के साथ बड़े-बड़े वादे करते हैं और सत्ता प्राप्ति के बाद उसी जनता को दुश्वारियां झेलने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। आज प्रदेश भर में जनता सड़क के गड्ढों से परेशान है। वहीं महिला उत्पीड़न में राज्य अग्रणी स्थान ले चुका है। लगातार राज्य में कानून का राज समाप्त होता दिखाई पड़ रहा है। भू माफिया खनन माफिया और शराब माफिया राज्य पर हावी होते हुए दिखाई दे रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों के क्षेत्र में व्यवस्थाएं जर्जर अवस्था में है। सड़क स्वास्थ्य शिक्षा सब पटरी से उतर चुकी है। रोजगार का कहीं अता पता नहीं है। ऐसे में भाजपा बताए कि उनके सांसदों को उत्तराखंड की जनता हाथों-हाथ क्यों ले। उत्तराखंड में आई तमाम चुनौतियों के बाद भी जीते हुए भाजपा के पांचो सांसद गुमशुदा रहे। ना ही उन्होंने अग्निविर जैसी आत्मघाती योजना को दिल्ली में मुखरता से विरोध करने का काम किया। ऐसे में उत्तराखंड की जनता आगामी लोकसभा और निकाय चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का यह कहना कि कांग्रेस के कार्यकाल में निकाय चुनाव कभी समय पर नहीं हुए। ये बयान बहुत ही बचकाना है। क्योंकि कांग्रेस के पास ना तो कभी भाजपा की तरह प्रचंड बहुमत था और ना ही डबल ट्रिपल इंजन की सरकार। और तो और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने का कुत्सित प्रयास भाजपा की ओर से जरूर किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में केंद्र ने कभी राष्ट्रपति शासन लगाया। कभी खरीद फरोख्त करके कांग्रेस के विधायकों को भाजपा में सम्मिलित कराया गया। ऐसे में चुनाव प्रभावित होना लाजिमी था। यदि महेंद्र भट्ट और उनकी पार्टी को कांग्रेस की ही नकल करनी थी तो फिर सत्ता परिवर्तन का औचित्य ही क्या है। भाजपा स्वयं को पार्टी विद द डिफरेंट कहती है, ऐसे में महेंद्र भट्ट कांग्रेस से होड़ क्यों कर रहे हैं। यदि भाजपा जीरो टॉलरेंस और दृढ़ इच्छा शक्ति की सरकार है तो उन्हें निकाय चुनाव समय पर कराने चाहिए। इस तरह की बेसिर पैर की बयानबाजी से बचना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।