धामी सरकार के दो साल पर उत्तराखंड कांग्रेस ने जारी की चार्ज शीट
उत्तराखंड में धामी सरकार के दो साल पूरे होने पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने धामी सरकार के कार्यकाल पर चार्जशीट जारी की। कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि धामी सरकार कब अपने हल्केपन से बाहर आएगी। सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स दिखा कर उसे ही सफल सरकार या सफल मुख्यमंत्री का मापदंड समझ रही है। मुख्यमंत्री को सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने की नाकाम कोशिश की जा रही है। वहीं, प्रदेश की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धामी सरकार पर हमलावर होते हुए दसौनी ने कहा कि धामी राज में प्रदेश उन सब बातों का साक्षी बना जो घटनाएं प्रदेश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुई थी। अंकिता भंडारी हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध की बात करें, या फिर सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में हुए घोटाले की। या अपने अधिकार के लिए सड़कों पर उतरे हुए मासूम और हताश युवाओं पर लाठीचार्ज की। 23 साल के उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भाजपा के पदाधिकारियों की प्रदेश में हो रहे हर दूसरे भ्रष्टाचार में संलिप्तता हो, या प्रदेश में महंगाई का विकराल स्वरूप, प्रदेश पर हावी होता हुआ खनन माफिया हो या सूबे की सरकारी जमीनों का खुर्द बुर्द किया जाना। धामी सरकार पूरी तरह से भू-माफिया खनन माफिया और शराब माफिया पर नकेल कसने में नाकाम रही है। जोशीमठ भू धंसाव जैसी बड़ी त्रासदी सरकार की असफलता का ही परिणाम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा दसौनी ने कहा कि सैन्य बाहुल्य राज्य में नौजवानों को अग्निवीर योजना में झोंकना शोषण नहीं तो और क्या है। अग्निवीर योजना के खिलाफ केंद्र के सामने धामी जी का एक बार भी मुंह नहीं खुला। प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध, अनुसूचित जातियों जनजातियों के प्रति धामी राज में बढ़ते अपराध, उत्पीड़न की घटनाओं पर तो धामी सरकार की चुप्पी ने जख्मों को और हरा कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि धामी राज में प्रदेश में लघु और मध्यम उद्योग बड़ी तादाद में बंद हुए। पलायन पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया। स्वास्थ सेवाओं में लगातार गिरावट रही। सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा नंदा- गौरी देवी कन्या धन योजना की राशि में भारी कटौती की गई। अल्पसंख्यक समाज में कभी लव जिहाद, तो कभी लैंड जेहाद की डुगडुगी पीट कर भय का माहौल उत्पन्न किया गया। नगर विकास नियोजन और विस्थापन की ठोस नीति बनाने में धामी सरकार पूरी तरह असफल रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान को न उचित समर्थन मूल्य मिला और साथ ही वन्यजीवों से हो रहे जानमाल के नुकसान की भरपाई के लिए भी सरकार की तरफ से कोई नीति नहीं बनाई गई। प्रदेश में नशे का कारोबार धामी जी की नाक के नीचे खूब पल्लवित पुष्पित होता रहा है। सरकार धृतराष्ट्र बनी हुई है। मातृशक्ति को मान सम्मान तो दूर, धामी राज में महिलाओं का बढ़-चढ़कर अपमान जरूर हुआ। उनकी रसोई का बजट पूरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया गया। दसोनी ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी जी को अपनी सोशल मीडिया की लोकप्रियता से बाहर निकल कर जमीनी हकीकत से रूबरू होना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।