उत्तराखंड में कांग्रेस ने भी दी चुनौती, लगा दिया पीएम मोदी से सवाल का बैनर, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा गिरफ्तारी का मामला
देश की राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी से सवाल पूछने वाले पोस्टर को लेकर शुरू हुए बवाल का असर अब उत्तराखंड में भी नजर आने लगा है। इन पोस्टरों को लेकर दिल्ली में 25 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
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देश की राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी से सवाल पूछने वाले पोस्टर को लेकर शुरू हुए बवाल का असर अब उत्तराखंड में भी नजर आने लगा है। इन पोस्टरों को लेकर दिल्ली में 25 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं, अब विरोध में कांग्रेस सहित कई दलों के लोग उतर आए हैं। उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय के गेट पर महानगर कांग्रेस ने भी इस पोस्टर को लगा दिया है। इस पोस्टर में पीएम मोदी से सवाल किया गया है कि- मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया। उधर पोस्टर को लेकर गिरफ्तारी के विरोध का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
शनिवार को लगाए गए थे पोस्टर
शनिवार रात को दिल्ली में कई जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वैक्सीन के विदेश भेजे जाने को लेकर सवाल करते पोस्टर लगाए गए थे। इन पोस्टरों में लिखा था- ‘मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया।’ इन पोस्टरों को लेकर रविवार को दिल्ली पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। मामले में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया और 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी का विरोध शुरू
इस गिरफ्तारी का विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल में इसी पोस्टर को लगा दिया था। साथ ही राहुल गांधी ने इस पोस्टर को ट्विटर में शेयर करते हुए लिखा कि-मुझे भी गिरफ्तार करो। अब तो स्थिति ये है कि हजारों आम लोग भी इस पोस्टर को सोशल मीडिया पर शेयर कर गिरफ्तारियों की निंदा की कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया’ लिखे पोस्टर लगाए जाने पर गिरफ्तारियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन की देश में कमी होने के बावजूद विदेशों को भेजने पर पीएम मोदी से सवाल करते हुए पोस्टर लगाना कोई अपराध नहीं है। प्रदीप कुमार यादव नाम के वकील की ओर से दायर इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वो दिल्ली में इस मामले से जुड़ी सभी एफआईआर रद्द करने का आदेश दे और पुलिस को कार्रवाई करने से रोके।
प्रदीप कुमार यादव ने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट खुद ये कह चुका है कि अभिव्यक्ति की आजादी को किसी नागरिक से छीना नहीं जा सकता है। ऐसे में अगर कोई सरकार की कोरोना टीकाकरण नीति पर सवाल उठाता है तो उसके एक अपराधी की तरह से सुलूक नहीं किया जा सकता है। पोस्टर लगा देने पर दिल्ली पुलिस ने एक ही दिन में 24 एफआईआर की और 25 गिरफ्तारियां की हैं। इन पर सुप्रीम कोर्ट इस पर दिल्ली पुलिस को तलब करे और दर्ज एफआईआर रद्द की जाए।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी लगा बैनर
देहरादून में कांग्रेस मुख्यालय के गेट के बाहर बड़े होर्डिंग में उक्त सवाल का बैनर लगा दिया गया है। इसके नीचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा का नाम है। लालचंद शर्मा के मुताबिक एक तरफ सरकार कोरोना से मौत के आंकड़े छिपा रही है। वहीं, वैक्सीन को लेकर राजनीति कर रही है। उत्तराखंड में कई अस्पतालों की ओर से मौत के आंकड़े अपडेट नहीं कराए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमितों को बाटी जा रही कोविड-किट से ऑक्सीमटर और थर्मामीटर गायब कर दिए गए हैं। अब ऐसे में यदि कोई सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उस पर कार्रवाई की जा रही है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।