उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश को हटाया, सुखबीर सिंह संधु नए सीएस, आदेश जारी
उत्तराखंड में शपथ ग्रहण करने के एक दिन बाद ही नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन में आ गए। मुख्य सचिव ओम प्रकाश हटा दिया गया है। उन्हें राजस्व परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष के साथ ही मुख्य स्थानिक आयुक्त दिल्ली की भी जिम्मेदारी दी गई है। अब उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु बनाए गए हैं। वह देहरादून पहुंच गए। उन्होंने सीएम से शिष्टाचार भेंट की। सुखबीर सिंह संधु उत्तराखंड कैडर के 1988 बैच के आईएएस अफसर हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सरकार की ओर से आदेश जारी किया। साथ ही कहा जा रहा है कि बहुत दर्जन एक दर्जन आइएएस की जिम्मेदारी भी बदली जानी है।
सुखबीर सिंह संधु इस वक्त एनएचएआई के चेयरमैन हैं। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने कैबिनेट सचिव भारत सरकार को केन्द्र से रिलीव करने के लिए चिट्ठी लिखी। उधर वर्तमान मुख्य सचिव ओमप्रकाश की बात करें तो लगातार विवादों में रहे हैं। उनकी वजह से नौकरशाही हावी होने की बात भी कही जाती रही है। ऐसे में ओमप्रकाश की छूट्टी कर दी है और उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सुखबीर सिंह संधु को दी गई है। इस संबंध में जारी पत्र में संधु को अविलंभ कार्यभार संभालने को कहा गया है।
एक दिन पहले यानी बीते रविवार को ही पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के 11 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। शपथ लेने के बाद सही चर्चाएं चल रही थी कि उत्तराखंड राज्य में जल्द मुख्य सचिव भी बदले जा सकते हैं। जो आज सही साबित हुई। निवर्तमान मुख्य सचिव ओमप्रकाश तीरथ सरकार के कार्यकाल के दौरान से ही पद पर बने हुए थे, लेकिन मार्च महीने में प्रदेश में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि वर्तमान मुख्य सचिव ओम प्रकाश की जगह किसी और को मुख्य सचिव बनाया जाएगा। ऐसा ना हो सका और एक बार फिर अब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो गया है।
नेतृत्व परिवर्तन का ये है घटनाक्रम
मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में खत्म होगा। इस विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में 9 महीने ही बचे हैं। वहीं, लोकसभा सदस्य तीरथ सिंह रावत ने दस मार्च को सीएम पद की शपथ ली थी। ऐसे में उन्हें शपथ लेने के छह माह के भीतर विधायक बनना जरूरी था। रामनगर में आयोजित भाजपा के तीन दिनी चिंतन शिविर में भाग लेकर मंगलवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत देहरादून पहुंचे थे। बुधवार 30 जून की सुबह वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। देर रात ही उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात करने की सूचना मिली। इसके साथ ही कई तरह की चर्चाओं ने तेजी से जोर पकड़ा। ये बुलावा भी अचानक आया। बताया गया कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें दिल्ली तलब किया। इस बीच तीरथ सिंह रावत ने उसी रात राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। वह गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले।
इसके बाद शुक्रवार दो जुलाई को उत्तराखंड में उपचुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग को पत्र दिया। हालांकि चुनाव आयोग पहले ही कोविड काल में उपचुनाव कराने से मना कर चुका था। चुनाव आयोग को पत्र देने के बाद सूचना आई कि संवैधनिक संकट का हवाला देकर तीरथ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की।
इसके बाद तीरथ सिंह रावत देहरादून पहुंचे और रात करीब नौ बजकर 50 मिनट पर उन्होंने सचिवालय में प्रेस कांफ्रेंस की और अपनी उपलब्धियां गिनाई। साथ ही सरकार के आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। इसके बाद वह देर रात करीब 11 बजकर सात मिनट पर राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा दिया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के कारण संवैधानिक संकट खड़ा हुआ। इसलिए मैने इस्तीफा देना उचित समझा। तीन जून को भाजपा विधानमंडल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी का नाम दल अध्यक्ष के रूप में तय किया गया। पर्यवेक्षक एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम बैठक के बाद उनके नाम की घोषणा की। चार जुलाई 2021 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। साथ ही मंत्रिमंडल सदस्यों ने भी शपथ ली। इस बार सभी कैबिनेट मंत्री हैं। वही पुराने चेहरे हैं। राज्यमंत्री किसी को नहीं बनाया गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।