दो दिन से लगातार अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की बीच मौजूद हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी, विपक्ष का बेतुका हमला

दैवीय आपदा से के बाद विभिन्न राजनीतिक दल सरकार को व्यवस्थाओं को लेकर घेर रहे हैं। विपक्ष का राग तो हमेश इसी प्रकार का रहता है। यदि सीएम दौरा न करें तो आलोचना और यदि दौरा करें तब भी आलोचना। आलोचना होनी चाहिए, लेकिन कहीं यदि आपदा आती है तो पहले किसे पता होता है कि अमूक स्थान पर आपदा आएगी। अब आम आदमी पार्टी के एक नेता का बयान है कि-सरकार ने पहले से व्यवस्था नहीं की। अब पहले किसे पता कि किस स्थान पर भूस्खलन होगा। यदि पता होता तो क्या उस मकान को पहले ही उसमें रहने वाला खाली नहीं कर देता। वहीं कांग्रेस के एक बयानबाज नेता ने तो सीएम के दौरे को हवाई बता दिया। ये नेताजी घर से कहीं नहीं निकलते और बात बात पर विज्ञप्ति जारी कर देते हैं। नेताजी यहां तक कह रहे हैं कि सीएम हवाई दौरा कर पेट्रोल फूंक रहे हैं। एक बार तो इन नेताजी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन का शोक समाचार जारी कर उन्हें श्रद्धांजलि तक दे दी। अब इन नेताओं को कौन समझाए कि राजनीति ऐसी करो जो हजम हो। प्रदेश का मुखिया होने के नाते सीएम का फर्ज बनता है कि वह आपदाग्रस्त इलाकों में जाएं और लोगों को ढाढस बंधाए। स्वस्थ आलोचना के लिए लोकसाक्ष्य में स्थान है, वहीं उटपटांग बयानबाजों के लिए कोई स्थान नहीं है। सरकार गलत करती है तो उसे लिखने में लोकसाक्ष्य कभी पीछे नहीं हटेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आपदा कि इस घड़ी में कांग्रेसियों से आपदाग्रस्त इलाकों में मदद करने के लिए ट्विट किया। हो सकता है कि कुछ नेता ऐसे इलाकों में जा रहे हों, लेकिन बयानबाज नेता घर से ही विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं। इसकी परवाह किए बगैर सीएम पुष्कर सिंह धामी कल से ही आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। वह पीड़ितों से मिल रहे हैं। साथ ही राहत कार्य में जुटी सरकारी मशीनरी का हौसला बढ़ा रहे हैं।
बीती 17 से 19 अक्टूबर के बीच हुई मूसलाधार बारिश के चलते कुमाऊं और गढ़वाल में कई स्थानों पर भूस्खलन होने से 50 से अधिक लोगों की जान चली गई। मरने वालों में कुमाऊं के नैनीताल जिले में सर्वाधिक लोग हैं। सेना के तीन हेलीकॉप्टर भी इस मिशन में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं ग्राउंड जीरो पर उतर कर बचाव और राहत कार्य की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
बीती मंगलवार को उन्होंने गढ़वाल मंडल के प्रभावित स्थानों में जाकर अपना दौरा शुरू किया जो अब कुमाऊं मंडल में जारी रहा। पीड़ित जनता से मिलकर मुख्यमंत्री लगातार उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। रेस्क्यू अभियान की खुद अगुवाई करके उन्होंने पूरे सरकारी सिस्टम को राहत के काम में झोंक रखा है।
मंगलवार की देर रात तक प्रभावित लोगों दुख-दर्द बांटने के बाद बुधवार की सुबह हल्द्वानी में उन्होंने जनता दरबार लगाया और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं। सरकारी प्रेस नोट के अनुसार, इस दौरान अधिकांश समस्याओं का एट दि स्पॉट समाधान किया गया। सीएम ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाए। उनकी समस्या का समाधान किया जाए और आवश्यक जरूरतें पूरी की जाएं। जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों के लिए निकले पर हल्द्वानी में उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से ही चले गए। रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी व आसपास के तमाम क्षेत्रों का उन्होंने सघन भ्रमण किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा के बाढग्रस्त प्रतापपुर व नौसर में ट्रेक्टर द्वारा पहुंचकर बाढ़ पीड़ित लोगों का हाल चाल जाना व किसानों से वार्ता की। उन्होने किसानो से कहा कि सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री बण्डियां सत्रहमील होते हुये खटीमा में मेलाघाट रोड स्थित रेलवे कांसिग के पास दुकानदारों से मिलकर उनका हाल चाल जाना। तद्पश्चात उन्होंने मेलाघाट रोड स्थित पकड़िया में स्थानीय लोगों से मुलाकात की। अपना घरबार व फसल गंवा चुके लोगों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपदा से हुए नुकसान का अतिशीघ्र आंकलन पर प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाए। जो लोग बेघर हो गए हैं उनके आवास और भोजन की व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारियों को बचाव व राहत अभियान की कमान अपने हाथ में लेने और हर घण्टे इसकी प्रगति से अपडेट रहने को कहा गया है। खटीमा के पश्चात मुख्यमंत्री ने चंपावत एवं तल्ला रामगढ़ के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई व स्थलीय निरीक्षण तथा भिकियासैंण का हवाई निरीक्षण करने के पश्चात् अतिवृष्टि से क्षेत्र में हुई हानि का ब्योरा लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।