अंकिता हत्याकांड के विरोध में उत्तराखंड बंद, कठपुतली ने भी किया समर्थन, बोली-अंकिता को मिले न्याय

एकबार फिर उत्तराखंड में 19 साल की किशोरी अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गयी। वर्तमान सरकारों की कार्यप्रणाली, शासन प्रशासन के दोगलापन के खिलाफ कठपुतली आवाज उठा रही है। कठपुतली बताती है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, एक दिखावा है। कठपुतली इस बार पूछती है कि हमारे देश में महिलाएं सुरक्षित हैं या नहीं। समाज में पितृसत्तात्मक वर्चस्व हावी हो रहा है। समाज और देश को सुरक्षित और सुन्दर भविष्य के लिए क्या करना चाहिए ? अंकिता आपकी शक्ति नयी राह सुझायेगी। अंकिता हत्याकांड को लेकर लोग अपने अपने तरह से विरोध जता रहे हैं। वहीं कठपुतली कलाकार भी इसमें योगदान से पीछे नहीं रहे। आज कठपुतली विचार कर रही है कि देश में महिलाओं के बारे में हमारी सोच किया है। महिलाएं ना देवी हैं या दासी, सिर्फ अधिकार दो। ऊंचा मत देखो, दबे रहो, इस परंपरा को तोड़ने का कठपुतली संदेश देती है। महिलाएं दिमाग का इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं। पुरुष समाज का तर्क रहता है कि ताकतवर वाले काम महिलाएं नहीं कर सकती हैं। ऐसे में अंकिता की तरह कोई घटना नहीं घटे, इसके लिए कठपुतली सुझाव देती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें कठपुतली के संवाद
ये है प्रकरण
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित रिसोर्ट से 18 सितंबर की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया है। वहीं, सरकार ने इस मामले की जांच एसआइटी को सौंपी है। उधर, तमाम संगठनों का कहना है कि सरकार आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रामलाल कर रहे हैं नए प्रयोग
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट 12 साल की उम्र के कठपुतली पर प्रयोग रहे हैं। करीब 40 साल से वह कठपुतली खुद बनाते हैं और नचाते हैं। स्कूलों में प्रोग्राम देते हैं। गांव में, संस्थाओं के लिए, युवाओं के लिए प्रोग्राम देते हैं। उनका कहना है कि कठपुतली शिक्षा में भी सहायक है। कठपुतलियों की मदद से किसी विषय को आसानी पढ़ाया जा सकता है। गणित जैसे मुश्किल विषय को भी खेल खेल में आसानी से समझाया जा सकता है। रामलाल ने पर्यावरण बचाने के लिए भी कठपुतली के माध्यम से कई प्रयोग किए। सोशल मीडिया का जमाना आया तो यू ट्यूब के माध्यम से भी कठपुतली नचा रहे हैं। कठपुतली के शो में कठपुतली नचाने के साथ ही बेजान कठपुतलियों को आवाज देना भी अहम काम है। अलग अलग कठपुतलियों को अलग अलग आवाज देना कोई आसान काम नहीं है। इस काम में रामलाल के साथ की दूसरी कलाकार धनवीरा देवी बखूबी करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कलाकार का परिचय
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट करीब चालीस साल के कठपुतलियों को लेकर प्रयोग कर रहे हैं। वह स्कूलों में शिक्षाप्रद वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। उनके पपेट शो में चार तरह की कठपुतलियों का इस्तेमाल होता है। इनमें वह धागेवाली पपेट, रॉड पपेट, मोपेड पपेट और दस्ताना पपेट के जरिये अपना शो करते हैं। यदि किसी को स्कूलों या संस्थानों में पपेट शो या वर्कशाप करानी हो तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। संपर्क सूत्र—9412318880, 7017507160

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।