आप का केंद्र पर निशाना, अग्निपथ के नाम पर युवाओं से मजाक, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह फैसला सेना के मनोबल को कमजोर करने के साथ-साथ सेना में भर्ती होने के लिए पिछले 2 सालों से दिन-रात तैयारी कर रहे नौजवानों के सपने पर कुठाराघात करने वाला है।
आम आदमी पार्टी का मानना है कि भारत सरकार को अपने इस फैसले को बदल कर सेना के दो लाख रिक्त पदों पर पूर्व की प्रक्रिया के अनुरूप भर्ती शुरू करते हुए देश के वीर नौजवानों को पूरे समय तक सेवा का अवसर प्रदान करने का निर्णय लागू करना चाहिए।
जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि भारत सरकार की ओर से सेना में भर्ती के अपने इस फैसले को अग्निपथ का नाम देते हुए मात्र 4 साल के लिए ठेके प्रथा की तरह सेना में भर्ती होने वाले जवानों को अग्निवीर नाम देकर महिमामंडन किया जा रहा है। भारत सरकार नासमझी भरे अपने इस फैसले पर अपनी पीठ थपथपा रही है। वहीं, भारत सरकार का यह फैसला अपने नाम के अनुरूप सेना में भर्ती के इच्छुक नौजवानों को जलते अंगारों पर चलने के लिए धकेलता हुआ दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में आजादी के 75 साल में ऐसा पहली बार दिखाई दे रहा है कि भारत सरकार ने 46 हज़ार पदों पर भर्ती निकाली और उसके खिलाफ देश के अनेकों शहरों में नौजवान सड़कों पर उतर आए हैं। हम सीमावर्ती राज्य हैं उत्तराखंड की सीमाएं चीन और नेपाल से मिली हुई हैं। हमारे नौजवानों में राष्ट्रभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा है इसलिए उत्तराखंड के वीर जवान सेना में भर्ती को अपनी प्राथमिकता में रखते हैं लेकिन भारत सरकार के इस फैसले से राज्य का नौजवान हतप्रभ है। इस प्रक्रिया से सेना में भर्ती होने वाले नौजवान अधिकतम 24 से 25 साल की उम्र में फिर बेरोजगार हो जाएगा।
उसके सामने फिर से रोजगार की तलाश का पहाड़ खड़ा होगा। ऐसे में वह ना तो सैनिक रह पाएगा, ना ही रोजगार। सेना में 4 साल प्रशिक्षण पाने के बाद बाहर होकर सड़कों पर रोजगार की तलाश में भटकता नौजवान किस रास्ते पर जाएगा यह सोचने का विषय है। भारत सरकार के इस फैसले के खिलाफ सेना के वरिष्ठ एवं पदों पर रहे सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया, पूर्व आईजी बीएन शर्मा, लेफ्टिनेंट जनरल एस एस सूरी, रक्षा विशेषज्ञ पीके सिंघल आदि अनेक जानकार लोगों ने भारत सरकार के फैसले को सेना के मापदंडों के विपरीत ठहराया है।
मोदी सरकार को चाहिए कि फैसले को लागू करने से पहले देश के रक्षा विशेषज्ञों की राय लेने के बाद इस पर पुनर्विचार किया जाए। देश के नौजवानों को आधा अधूरा सैनिक बनाने के बजाय उन्हें पूर्णकालिक सैनिक बनने का मौका दिया जाए। रक्षा बजट में की गई 63 हज़ार करोड़ की कटौती को समाप्त कर के सेना के बजट में एक लाख करोड़ की बढ़ोतरी कर के देश की सीमाओं की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाए।
लाठीचार्ज के विरोध में आप ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
हल्द्वानी में अग्नीपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे नौजवानों पर पुलिस द्वारा बर्बर लाठीचार्ज के खिलाफ उत्तराखंड में आज आम आदमी पार्टी ने जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा।
इस दौरान आप के गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र आनंद ने कहा कि हल्द्वानी में आंदोलनरत नौजवानों पर बर्बर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार को राज्यपाल निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार नौजवानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के बजाय उनसे बातचीत करके हल निकाले।
उन्होंने आगे कहा कि महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड राज्य के नौजवानों की भावनाओं से भारत सरकार को भी अवगत कराने का कष्ट करें कि अग्निपथ योजना को समाप्त करते हुए सेना के 2 लाख रिक्त पदों पर तथा अर्धसैनिक बलों के एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर पूर्व निर्धारित भर्ती प्रक्रिया के अनुरूप ही भर्ती शुरू की जाए। भारत सरकार ने इस साल सेना के बजट में 63 हज़ार करोड़ की कटौती की है। उस कटौती को समाप्त करते हुए देश की सीमाओं की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए एक लाख करोड़ का पैकेज सेना के बजट में शामिल किया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि महामहिम राज्यपाल देश के नौजवानों के हित के लिए आम आदमी पार्टी के इस प्रस्ताव पर उचित कार्रवाई करने का कष्ट करेंगे। इस दौरान जिलाधिकारी कर्यालय में प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट, उमा सिसोदिया, आजाद अली, रविंद्र आनंद, डी के पाल, नितिन जोशी, विपिन खन्ना, डॉक्टर अंसारी, नासिर खान मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।