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December 23, 2024

उत्तराखंडः आपदा में कुल 52 की मौत, 17 घायल, पांच लापता, 46 घर ध्वस्त, सीएम की फ्लीट की जीप बही, पढ़िए जिलेवार नुकसान

उत्तराखंड में 48 घंटे की जोरदार बारिश के दौरान भूस्खलन, ओलावृष्टि और बाढ़ से पर्वतीय जिलों में कुल 52 लोगों की मौत हो चुकी है। 17 लोग घायल हैं। साथ ही पांच लोग लापता हैं। आपदा में कुल 46 घर ध्वस्त हुए हैं।

उत्तराखंड में 48 घंटे की जोरदार बारिश के दौरान भूस्खलन, ओलावृष्टि और बाढ़ से पर्वतीय जिलों में कुल 52 लोगों की मौत हो चुकी है। 17 लोग घायल हैं। साथ ही पांच लोग लापता हैं। आपदा में कुल 46 घर ध्वस्त हुए हैं। सरकारी रिपोर्ट में फिलहाल ये ही जानकारी दी गई है।
गौरतलब है कि 17 अक्टूबर की शाम से 19 अक्टूबर की शाम तक हुई 48 घंटे की बारिश में पर्वतीय जिलों में भूस्खलन के साथ ही नदी व नाले उफान पर आ गए। इस आपदा में गढ़वाल में पौड़ी और चमोली जिले प्रभावित हुए। वहीं, कुमाऊं में चंपावत, पिथौरागढ़, नैनीताल, अल्मोड़ा, उधमसिंह नगर और बागेश्वर जिले में भारी नुकसान पहुंचा। इनमें सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जिले में हुआ। हल्द्वानी में तो रेल की पटरी तक उखड़कर बह गई। पर्वतीय जिलों में सड़कें ध्वस्त हो गई। नैनीताल में झील का पानी सड़कों पर आ गया। कई पुल ध्वस्त हो गए। इसके कई जिलों व स्थानों का दूसरे स्थान से संपर्क तक कट गया।
अब बात करते हैं रविवार 17 अक्टूबर की। इस दिन चंपावत जिले में एक मौत हुई। इसके अगले दिन 18 अक्टूबर को पौड़ी में तीन मौत और दो घायल, चंपावत में दो मौत, एक मकान ध्वस्त हुआ। वहीं, पिथौरागढ़ में एक मौत हुई। यानी 17 अक्टूबर को कुल छह लोगों की मौत, दो घायल और एक मकान ध्वस्त हुआ।
19 अक्टूबर को सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जिले में हुआ। यहां 28 लोगों की मौत, दो घायल और पांच लापता हुए। साथ ही दो मकान ध्वस्त हुए। इस दिन कैंची धाम में दो मौत और एक मकान ध्वस्त, क्वार्ब में दो की मौत, तोतापानी, धारी, चखूता में पांच मौत, एक घायल, पांच लापता, एक मकान ध्वस्त, तल्ला रामगढ़ में नौ की मौत एक घायल, ज्यूलीकोट में दो की मौत, मेहरागांव में एक मौत, चोपरा गांव में एक मौत, थलेडी में छह की मौत की सूचना है।
19 अक्टूबर को ही अल्मोड़ा जिले में छह की मौत, दो घायल और 40 मकान ध्वस्त हुए। इनमें भकियासेन में तीन की मौत, दो लापता, पांच मकान आंशिक ध्वस्त हुए। अल्मोड़ा हीराडुंगरी में एक मौत के साथ ही पांच मकान पूरी तरह से ध्वस्त हुए। अल्मोड़ा सिरान में एक की मौत, स्यालदेव में एक मौत, भनौली में 15 मकान आंशिक और सात मकान पूरी तरह से ध्वस्त हुए। सोमेश्वर में आठ मकान ध्वस्त हुए।
इसी दिन चंपावत में आठ की मौत, चार लोग घायल हुए। एक मकान ध्वस्त हुआ। इनमें चंपावत तिलवाड़ा में तीन की मौत, दो घायल, पाटी, थुआमुनी में एक की मौत दो घायल, सूला लोहाघाट में चार की मौत हुई। उधमसिंह नगर में दो की मौत, तीन घायल और एक मकान आंशिक रूप से ध्वस्त हुआ। इनमें बाजपुर में एक की मौत, रुद्रपुर में एक मौत, किच्छा में तीन घायल हुए। चमोली जिले के जोशीमठ में चार लोग घायल हुए और एक मकान आंशिक रूप से ध्वस्त हुआ। बागेश्वर के कपकोट में एक की मौत इसी दिन हुई।
राहत कार्यों में तेजी
उधर आपदा प्रभावित जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। एसडीआरएफ, सेना, आइटीबीपी, पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अमला इस काम के लिए जुटा है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं कुमाऊं के दौरे पर हैं। वह आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। लोगों से मिल रहे हैं। साथ ही रेस्क्यू कार्य की मानिटरिंग कर रहे हैं।
टला बड़ा हादसा, निरीक्षण के दौरान बही सीएम की फ्लीट की जीप
विधानसभा खटीमा में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में निरीक्षण के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी की फ्लीट में शामिल जीप सड़क से फिसल कर बाढ़ग्रस्त पानी मे बह गई। खटीमा के नौसर गांव में पानी के तेज बहाव में पुलिस वाहन का चालक गाड़ी नही संभाल पाया था। मौके पर मौजूद बैठे मौजूद स्थानीय ग्रामीणों ने बमुश्किल गाड़ी से बैठे पुलिस कर्मियों को पानी से निकाल उनकी जान बचाई। गनीमत यह रही कि इस हादसे में गाड़ी में मौजूद सभी पुलिसकर्मी सकुशल रेस्क्यू कर लिए गए। साथ ही बड़ा हादसा होते होते टल गया।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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