यूसर्क का सात दिवसीय द्वितीय हैण्डस ऑन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से जहां एक ओर शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं अध्यापकों में कौशल (Skill) विकसित होगा। वहीं, उनमें नवाचार (Innovation) का संचार होगा एवं उद्यमिता विकास हेतु बेहतर वातावरण भी उत्पन्न होगा। इस प्रकार विज्ञान के माध्यम से तैयार उत्कृष्ट मानव संसाधन का प्रदेश के समन्वित, समग्र एवं सतत् विकास में योगदान सुनिश्चित किया जा सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आयोजन सचिव व यूसर्क वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने इस एक सप्ताह के सर्टिफिकेट कोर्स के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पेक्ट्रोस्कोपिक विधियों का रिसर्च में महत्व तथा इनके अनुप्रयोग पर विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि शोध एवं अनुसंधान के कार्यों में यह विधियां अत्यधिक उपयोगी साबित हुई है। साथही उन्होंने शोध कार्यों में एक्सआरडी (XRD) एवं एसईएम (SEM) आवश्यकता एवं उसके कार्य सिद्धान्त पर विस्तारपूर्वक बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यूसर्क वैज्ञानिक डा. भवतोष शर्मा ने एटोमिक एब्सोर्पसन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (AAS) के द्वारा जल गुणवत्ता के अध्ययन में भारी धातुओं का विशलेषण करना बताया। उन्होंने बताया कि विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपी विधियों का रसायन विज्ञान एवं जल विज्ञान अध्ययन में विशेष महत्व है। कार्यक्रम में डॉल्फिन इन्सटीट्यूट देहरादून की रसायन विज्ञान विभाग की प्रो. वर्षा पारचा ने उपस्थित प्रतिभागियों को ‘इंट्रोडक्शन ऑफ स्पेक्ट्रोस्कोपिक मैथड्स एण्ड मैटेरियल कैरेक्टराईजेशन स्ट्रक्चर्स’ विषय पर अपना विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में विभिन्न प्रकार की स्पेक्ट्रोस्कोपिक विधियों के प्रकार, उनके सिद्धान्त और शोध, अनुसंधान एवं विकास संबंधी कार्यों में उपयोग के बारे में विस्तार से बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डा. मन्जू सुन्दरियाल ने दिया। कार्यक्रम में डा. राजेन्द्र सिंह राणा, ई. उमेश चन्द्र, ई ओम जोशी, ई राजदीप जंग ने तकनीकी सहयोग प्रदान कियाष इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के स्नातकोत्तर एवं शोध के 30 छात्र-छात्राओं की ओर से प्रतिभाग किया जा रहा है।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।