Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 13, 2024

जी 20 के निमंत्रण पत्रों में भारत नाम का प्रयोग उत्तराखंड के लिए गौरवशाली: महेंद्र भट्ट

उत्तराखंड भाजपा ने जी 20 के निमंत्रण पत्रों में भारत नाम के प्रयोग को उत्तराखंड के लिए विशेष गौरवशाली क्षण बताते हुए इसे गुलामी की मानसिकता रखने वालों पर करारी चोट बताया है। साथ ही विपक्षी ‘मुहब्बत की दुकान’ में सनातन और भारत विरोधी सामान की बिक्री को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया के सवालों का ज़बाब देते हुए कहा कि इंडिया के स्थान पर भारत नाम का औपचारिक प्रयोग प्रत्येक देशवासी का शीश गर्व से ऊंचा करने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारी सनातनी संस्कृति को प्रतिबिंबित करने वाला भारत नाम युगों युगों से हमारे देश की पहचान है। ऐसे में आज अधिकृत सरकारी भाषा में भारत शब्द का प्रयोग होना, विशेष रूप से उत्तराखंड के लिए भी गौरवमयी बदलाव है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में कोटद्वार में ऋषिकण्व के आश्रम में ही चक्रवर्ती राजा भारत का जन्म हुआ था। उनके योगदान के दृष्टिगत ही देश को भारत नाम से पहचाना गया। उन्होंने इस बदलाव पर सवाल खड़ा करने वालों को गुलामी की मानसिकता में जीने वाला बताया। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं, जो आज भी अंग्रेजों और उससे पहले मुस्लिम आक्रांताओं के शासनकाल की तारीफ करते नही थकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि हमारे मन में इंडिया नाम के प्रति भी पूरा सम्मान है और संविधान में भी इंडिया को भारत के नाम से उल्लेखित किया गया है। ऐसे में तमाम विपक्षी दलों को भारत नाम से इतनी तकलीफ क्यों है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगों को सनातन धर्म और संस्कृति से नफरत है उन्ही लोगों को भारत नाम से आपत्ति है। ये वही राजनैतिक दल हैं, जो समुदाय विशेष की तुष्टि के लिए भारत माता की जय के नारे लगाने से अपने ही कार्यकर्ताओं को रोकते हैं और वंदे मातरम को सांप्रदायिक साबित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इसके अलावा राजनैतिक फायदे के लिए भारत जोड़ो यात्रा तो निकलते हैं लेकिन भारत नाम से दिक्कत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भट्ट ने कहा कि आज पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की गुलामी के प्रतीकों को हटाकर नए भारत की पहचान स्थापित करने वाले ऐतिहासिक कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। देश की गौरवशाली सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सभ्यता से जुड़े स्थलों एवं परंपराओं को पुनर्स्थापित एवम अधिक महिमामंडित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े आयोजन के आमंत्रण कार्डों में भारत शब्द का औपचारिक प्रयोग भी इन प्रयासों की कड़ी में निर्णायक कदम है। एक ओर जहां भारत सरकार के इस निर्णय की सभी देशवासी मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं न जाने क्यों मौकापरस्ती के लिए नया-नया I.N.D.I.A. गठबंधन बनाने वालों को परेशानी हो रहे है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page