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March 12, 2025

यूसर्क ने किया महिला कॉनक्लेव-2022 आयोजित, छह युवा महिला वैज्ञानिकों को किया सम्मानित

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) की ओर से महिला कॉनक्लेव-2022 का आयोजन देहरादून स्थित आइआरडीटी सभागार में किया गया। इस दौरान युवा महिला वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया।

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) की ओर से महिला कॉनक्लेव-2022 का आयोजन देहरादून स्थित आइआरडीटी सभागार में किया गया। इस दौरान युवा महिला वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर यूसर्क की निदेशक प्रो (डा) अनीता रावत ने कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन एवं महिला कॉंक्लेव के आयोजन संबंधी भूमिका से उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का परिचय कराया। प्रो. रावत ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य 2030 की अवधारणा को महिलाओं की भागीदारी एवं योगदान के बिना धरातल पर उतारना सम्भव नहीं है। इस सोच के तहत यूसर्क की ओर से वैज्ञानिक अभिरुचि विकसित करने की दिशा में युवा महिला वैज्ञानिकों को प्रथम Women Scientist Excellence Award एवें Achievement Award से सम्मानित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा गीता खन्ना ने कहा कि वर्तमान समय में महिलायें शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न उपलब्धियां प्राप्त कर रही हैं, जो कि आने वाले भविष्य के लिये एक अच्छा संकेत है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) उत्तराखंड के अध्यक्ष अशोक विंडलास ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है। इसमें शिक्षा, विज्ञान के साथ-साथ अनुसंधान सम्बन्धी कार्यों में विभिन्न तकनीकियों का प्रयोग आवश्यक हो गया है। इन सभी क्षेत्रों में प्रदेश और देश की महिलायें निरन्तर योगदान दे रहीं हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रोत्साहित करने में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों के माध्यम से यूसर्क द्वारा निरन्तर सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

पद्म श्री सम्मान से सम्मानित एवं कृषि के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले उन्नत किसान प्रेम शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्तखंड की कृषि में महिलाओं का सबसे अधिक योगदान रहता है। आज विज्ञान एवं तकनीकी की सहायता से उन्नत एवं जैविक कृषि के माध्यम से आजीविका को बढाते हुये रोजगार के अवसर उत्तराखण्ड की महिलाओं के लिये निश्चित रूप से लाभकारी होंगे।
कार्यक्रम में नालंदा कॉलेज, देहरादून की निदेशक प्रो. सविता रावत ने ‘विज्ञान प्रसार में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर तकनीकी व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि वर्तमान समय में महिलायें विज्ञान के प्रसार सम्बन्धी कार्यों में विशिष्ट योगदान दे रही है तथा विज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान एवं नवाचार सम्बन्धी कार्यों में निरन्तर अनुकरणीय कार्य कर रही है।

कार्यक्रम का दूसरा तकनीकी व्याख्यान उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन की पूर्व निदेशक प्रो. सविता मोहन ने समाज में महिलाओ की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रयास विषय पर देते हुये कहा कि आज सामाजिक स्तर पर महिलाओं द्वारा विभिन्न कार्यों में योगदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिये उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में सामाजिक भागीदारी प्रदान किये जाने की अत्यंत आवश्यकता है। प्रो0 सविता मोहन ने कहा कि आज महिला सशक्तीकरण एवं स्वरोजगार की दिशा में आ रही विभिन्न कठिनाईयों को दूर करते हुये सामाजिक सहभागिता बढाये जाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर के पर्यावरण विज्ञान के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्तराखण्ड की महिलाओं ने महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। कार्यक्रम के अंत में सम्मानित की गयी सभी युवा महिला वैज्ञानिकों ने विशेषज्ञों से परिचर्चा की एवं अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में सम्मानित की महिला वैज्ञानिकों की सूची
श्रेणी प्रथम- Young Women Scientist Excellence Award
1.ऐनी भाम्बरी
2.रेशम तलुजा, ग्राफिक ऐरा पर्वतीय विश्वविद्यालय, देहरादून
3.हेमा, एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी
श्रेणी द्वितीयः- Young Women Scientist Achievement Award
1.डा. रश्मि उनियाल राजकीय डिग्री कॉलेज, नरेन्द्र नगर, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।
2.डा. मनीषा नन्दा, डाॅलफिन इंस्टीट्यूट बायोमेडिकल नैचुरल साइंसेज, देहरादून
3.डा. मनीषा कोरंगा, ग्राफिक ऐरा हिल यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी कैम्पस

ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं एवं शिक्षकों सहित 260 लोगों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा. ओम प्रकाश नौटियाल, डा. मन्जू सुन्दरियाल, डा. भवतोष शर्मा, डा. राजेन्द्र राणा, ई. उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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