Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 19, 2025

यूसर्क का उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू, दी जा रही हैं वैज्ञानिक जानकारी

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क), सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखंड शासन की ओर से स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के लिये यूसर्क सभागार में तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है।

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क), सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखंड शासन की ओर से स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के लिये यूसर्क सभागार में तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। इसमें वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने व्याख्यान दिए और छात्रों की जिज्ञासाओं का उत्तर दिए।
उद्घाटन के मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो (डा) अनीता रावत ने कहा कि जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को जल के विभिन्न आयामों जैसे जल की गुणवत्ता का अध्ययन, जल संरक्षण, जलस्रोतों का संवर्धन आदि को विभिन्न व्याख्यानों, हैण्डस आन ट्रेनिंग, फील्ड विजिट आदि के माध्यम से विद्यार्थियों में जल चेतना को जागृत करने का कार्य किया गया है। सम्बन्धित विषय पर ज्ञानवर्धन के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि यूसर्क द्वारा विगत पांच जून को आयोजित पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह निर्णय लिया गया कि राज्य के जल स्रोतों के महत्व को देखते हुये यूसर्क जलशाला के माध्यम से मासिक आधार पर ‘जल शिक्षा कार्यक्रम’ एवं ‘जल विज्ञान प्रशिक्षण’ कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।
इसी के अन्तर्गत प्रत्येक माह जल शिक्षा कार्यक्रम एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन प्रारंभ किया गया है। इस तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम में देहरादून जनपद के पांच उच्च शिक्षण संस्थानों एसजीआरआर विश्वविद्यालय, ग्राफिक ऐरा (हिल) विश्वविद्यालय, डॉल्फिन पी. जी. इंस्टीट्यूट आफ बायोमेडिकल एण्ड नेचुरल साइंसेज, शहीद दुर्गामल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोईवाला, दून पीजी कालेज आफ एग्रीक्लचर सांइस एण्ड टेक्नोलॉजी के बीएससी एवं एमएससी कक्षाओं के 25 छात्र-छात्राओं की ओर से प्रतिभाग किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक व यूसर्क के वैज्ञानिक डा. भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं विषय विशेषज्ञों का स्वागत करते हुये इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले और तीसरे दिन विशेषज्ञ व्याख्यान तथा हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की जायेगी। दूसरे दिन भारत सरकार के अन्तर्गत कार्यरत संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट आफ सॉयल एण्ड वाटर कंजर्वेशन (आईसीएआर) देहरादून का वैज्ञानिक भ्रमण कराया जायेगा।

प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र का प्रथम विशेषज्ञ व्याख्यान राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रूड़की के वाटर रिसोर्स सिस्टम डिवीजन के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 संजय जैन ने ‘रिमोट सेंसिंग एण्ड जीआईएस एप्लीकेशन्स इन वाटर रिसोर्सेज’ विषय पर बताया कि रिमोट सेन्सिंग एवं जीआईएस तकनीकी द्वारा जल संसाधनों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सेटेलाइट में हाई रिसोल्यूशन कैमरे व सेन्सरों का प्रयोग करके पृथ्वी की सतह पर उपलब्ध सतही जल, भूजल, जल की गुणवत्ता, भूजल रिचार्ज, बर्फबारी आदि का अध्ययन किया जाता है। प्राप्त डाटा को विश्लेषित कर सटीक परिणाम प्राप्त किये जा सकते है। प्राप्त परिणामों का वैज्ञानिक अध्ययन करके जल संसाधनों के प्रबन्धन हेतु कार्य योजना तैयार की जा सकती है।
प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र का द्वितीय विशेषज्ञ व्याख्यान यूनीवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एवं एनर्जी स्टडीज, देहरादून के प्रोफेसर (डा) एनए सिद्दीकी ने ‘अपशिष्ट जल प्रबंधन’ विषय पर अपना व्याख्यान दिया। अपने संबोधन में उन्होंने वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट की विभिन्न विधियों को वैज्ञानिक रूप से समझाया। उन्होंने बताया कि उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट जल को किन-किन विधियों द्वारा उपचारित करके प्रयोग में लाया जा सकता है। अपशिष्ट जल के रंग, गंध, रासायनिक प्रदूषकों को भौतिक एवं आधुनिक विधियों, एक्टीवेटेड एडसोर्वेन्ट मैटिरियल आदि का प्रयोग करके, बीओडी और सीओडी का स्तर सुधार कर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दूसरे तकनीकी सत्र में यूसर्क के वैज्ञानिक डा. भवतोष शर्मा ने जल संरक्षण तथा जल गुणवत्ता अध्ययन विषय पर अपना व्याख्यान दिया तथा उपस्थित प्रतिभागियों को हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की। उन्होंने अपने व्याख्यान में जल संरक्षण की विभिन्न वैज्ञानिक विधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुये जल संरक्षण करने का आहवान किया। डा. शर्मा ने जल गुणवत्ता अध्ययन हेतु टीडीएस, टर्विडिटी, डिसोल्वड ऑक्सीजन, पीएच, कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया, हार्डनैस आदि पैरामीटर्स पर उपस्थित पांच उच्च शिक्षण संस्थानों के 25 प्रतिभागियों को हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की।
कार्यक्रम के अन्त में वैज्ञानिक यूसर्क डा. मंजू सुन्दरियाल ने समस्त विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूसर्क के डा राजेन्द्र सिंह राणा, आईसीटी टीम के ई. उमेश चन्द्र, ओम जोशी, शिवानी पोखरियाल, हरीश प्रसाद ममगांई, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत सहित 40 लोगों की ओर से प्रतिभाग किया गया।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page