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June 20, 2025

उत्तराखंड में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों की आगामी ग्रांट जारी, शिक्षकों ने स्थगित किया 28 अक्टूबर से प्रस्तावित आंदोलन

उत्तराखंड में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के लिए शासन से आगामी ग्रांट 52 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। ऐेस में शिक्षकों ने 28 अक्टूबर से प्रस्तावित आंदोलन को स्थगित कर दिया।

उत्तराखंड में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के लिए शासन से आगामी ग्रांट 52 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। ऐेस में शिक्षकों ने 28 अक्टूबर से प्रस्तावित आंदोलन को स्थगित कर दिया। साथ ही ग्रांट जारी होने पर सीएम का आभार व्यक्ति किया। ग्रांट जारी न होने से प्रदेश के करीब 18 महाविद्यालोयं के शिक्षकों और कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन भुगतान नहीं हो रहा था।
पिछले कुछ माह से उत्तराखंड में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षक और अन्य स्टाफ को सरकार की ओर से नियमित रूप से वेतन का भुगतान तक नहीं किया जा रहा था। ऐसे में शिक्षक संघ ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जल्द इस संबंध में कार्रवाई की मांग की। साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि जल्द महाविद्यालयों की ग्रांट जारी नहीं की गई तो 28 अक्टूबर से आंदोलन किया जाएगा। इसके तहत कार्यबहिष्कार होगा।
उत्तराखंड में 18 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में पहले भी शिक्षकों और अन्य स्टाफ के वेतन के लाले पड़ गए थे। इस पर हाईकोर्ट तक ये मामला पहुंचा था। तब बताया गया कि महाविद्यालयों को छह माह की ग्रांट जारी कर दी गई है। अब फिर दोबारा से इन महाविद्यालयों में वेतन के लाले पड़ गए हैं। इसके बाद की सात माह की ग्रांट की फाइल करीब छह माह से शासन में दबा दी गई है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों की केंद्रीय एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्धता समाप्त की जा रही है। इन महाविद्यालयों को श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जा रहा है। इसके खिलाफ देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज, बीएसएम कॉलेज रुड़की हरिद्वार, सतीकुंड महाविद्यालय हरिद्वार की प्रबंध समिति हाईकोर्ट की शरण में है। हाईकोर्ट में ये मामला विचाराधीन है। इस मामले में सभी पक्षों ने पत्रावलियां हाईकोर्ट में प्रेषित की हुई हैं। अब अंतिम सुनवाई तब होगी, जब भौतिक रूप से कोर्ट का कार्य प्रारंभ होगा।
इस बीच पांच अशासकीय महाविद्यालय ने श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की शरण में आ गए हैं। यानी कि 19 में से पांच महाविद्यालयों ने घुटने टेक दिए। इस संबंध में विश्वविद्यालय ने पांच महाविद्यालयों को संबद्ध किए जाने के आदेश भी पूर्व में जारी कर दिए गए थे। अन्य महाविद्यालयों का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि जानबूझकर ऐसे महाविद्यालयों की ग्रांट को रोका जा रहा है। ताकी महाविद्यालय घुटने टेक दें और श्रीदेव सुमन विश्वविद्लाय की संबद्धता को स्वीकार कर लें।
गढ़वाल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, देहरादून महासचिव डॉ डीके त्यागी ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया है कि प्रदेश स्तर के शिक्षक संगठन राज्य सहायता प्राप्त कालेजों के बजट अवमुक्त न होने के कारण लंबित वेतन भुगतान को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय पुष्कर सिंह धामी से जनता दरबार में गत माह मिले थे। उनसे अपनी वेतन संबंधी मांगों का समय रहते निस्तारण करने का अनुरोध किया था। इसके बाद 10 अक्टूबर को शिक्षक अपर मुख्य सचिव से भी मिले थे और इस संदर्भ में एक अनुरोध पत्र दिया था। साथ ही शिक्षकों की समस्या को लेकर वार्ता का अनुरोध किया गया था। इसके बावजूद भी मीटिंग के लिए समय नहीं मिल पाया है।
गढ़वाल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, देहरादून महासचिव डॉ डीके त्यागी ने बताया कि शासन से 52 करोड़ रुपये ग्रांट के जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में जनवरी 2022 तक का वेतन मिल सकेगा। ऐसे में अब आंदोलन का औचित्य नहीं है। उन्होंने ग्रांट जारी होने पर समस्त शिक्षकों और कार्मिकों की ओर से सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार भी जताया।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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