यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा भी की गई रद्द, सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया फैसला
सीबीएसई और आइएससी की तर्ज पर अब यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला ले लिया गया है।

सीबीएसई और आइएससी की तर्ज पर अब यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला ले लिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर ये फैसला लिया है। सारे छात्रों को प्रमोट किया जाएगा। इसके लिए उनका मूल्यांकन किया जाएगा। अब छात्रों का मूल्यांकन किस आधार पर फैसला लिया जाएगा। इसे लेकर छात्र चिंतित हैं।
इस साल यूपी बोर्ड में करीब 56 लाख छात्र-छात्राएं ( 29,94,312 छात्र हाईस्कूल में पंजीकृत, 26,09,501 छात्र इंटरमीडिएट में पंजीकृत) हैं। हाईस्कूल की परीक्षा पूर्व में रद्द कर दी गई थी. अब 12वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। छात्र संख्या के हिसाब से यूपी बोर्ड देश का सबसे बड़ा परीक्षा बोर्ड है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एक जून को सरकार ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा छात्र और शिक्षकों के हित में किया गया है। इस फैसले से लाखों छात्रों और अभिभावकों ने खुशी जाहिर की है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि आखिर छात्रों का मूल्यांकन किस आधार पर किया जाएगा। इसके बाद उत्तराखंड सहित मध्यप्रदेश, गुजरात और हरियाणा ने भी अपने यहां 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया। साथ ही फैसला लिया कि सीबीएसई जो भी मूल्यांकन के मानक तय करेगी, उसी हिसाब से वे भी अपने राज्यों में उसे लागू करेंगे।
मूल्यांकन के हो सकते हैं ये दो विकल्प
-जानकारी के मुताबिक, 12वीं के छात्रों का मूल्यांकन पिछली 2 कक्षाओं (10वीं और 11वीं) की अंतिम परीक्षाओं और 12वीं की आंतरिक परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर हो सकता है।
-या फिर कक्षा 10वीं के बोर्ड के परिणाम को कुछ वेटेज दिया जा सकता है और कुछ वेटेज कक्षा 12वीं के आंतरिक मूल्यांकन को दिया जाएगा।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।