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September 25, 2024

उत्तराखंड में 30 जून के बाद लागू हो जाएगी समान नागरिक संहिता, सीएम ने किया अन्न महोत्सव का शुभारंभ

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में कमेटी ने ड्राफ्ट लगभग तैयार कर लिया है। इसे कमेटी 30 जून तक सरकार को उपलब्ध करा देगी। सरकार को ड्राफ्ट मिलते ही उसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीएम धामी ने शुक्रवार को पुलिस लाइन कार्यालय में स्थापित मॉडर्न इंट्रीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का शुभारंभ करने के दौरान यह बात कही। सीएम ने कहा कि धर्मांतरण घुन की तरह लग गया था जिसे रोकने के लिए कठोर कानून लाए। कहा कि सरकार किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें, उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। कमेटी राज्य के सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून या मौजूदा कानून में संशोधन की रिपोर्ट तैयार करेगी। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्य सचिव, पूर्व कुलपति और एक सामाजिक कार्यकर्ता को सदस्य बनाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

अन्न महोत्सव का किया शुभारंभ
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सर्वे स्टेडियम, हाथीबड़कला देहरादून में अन्न महोत्सव 2023 का शुभारंभ किया। चार दिन तक चलने वाले इस अन्न महोत्सव में प्रदेशभर से हजारों किसान प्रतिभाग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मिलेट्स पर आधारित विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया एवं कृषि विभाग उत्तराखण्ड की पौष्टिक फसलों पर आधारित पुस्तक ‘स्वाद के साथ स्वास्थ्य’ का विमोचन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह आयोजन ‘अन्न’ को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। इस तरह के आयोजनों से न केवल मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे किसानों को भी मोटे अनाजों से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्राप्त होंगी। देश में वर्ष 2023 को ‘मिलेट्स ईयर’ के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व दूरदर्शिता के कारण ही आज समस्त विश्व हमारे देश की परम्परागत फसलों के महत्व को समझ रहा है। भारत के प्रस्ताव पर ही ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘अन्न’ केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं हैं, जहां ‘श्री’ होता है वहां समृद्धि भी होती है, समग्रता होती है और विजय होती है। इसलिए प्रधानमंत्री जी ने मिलेट्स को ‘अन्न’ की संज्ञा दी है। अन्न भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है इसमें गांव और गरीब जुड़ा है और अब देश का प्रत्येक नागरिक भी इससे जुड़ रहा है। अन्न फसलों में पौषणीय तत्व के साथ-साथ औषधीय गुण भी पाये जाते है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में मिलेट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित करने और रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। राज्य के पर्वतीय जिलों के कृषकों से मंडवा, झिंगोरा, चौलाई जैसे मोटे अनाजों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है साथ ही किसानों को इसका ऑनलाइन भुगतान भी किया जा रहा है। इससे न सिर्फ किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है बल्कि मिलेट उत्पादों के उत्पादन हेतु किसान प्रोत्साहित भी हो रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकार द्वारा मिलेट फसलों को प्रोत्साहन तथा आम जनमानस के भोजन में सम्मिलित करने हेतु लगभग 73 करोड़ रुपए की धनराशि स्टेट मिलेट मिशन को दी गई है। जैविक कृषि के साथ-साथ राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन योजना का क्रियान्वयन प्रदेश के 11 जनपदों में इस वर्ष से आरम्भ किया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 6400 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 796 लाख के कृषि मिशन कार्यक्रम के संचालन की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राज्य में ‘मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना’ तथा नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कॉरिडोर योजना द्वारा प्रदेश के अधिक से अधिक कृषि क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अन्तर्गत आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन किये जाने हेतु नियमित अनुश्रवण एवं नियोजन के लिए राज्य प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन किया जाना भी प्रस्तावित है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि लोकपर्वों एवं त्योहारों में अन्न को अवश्य शामिल करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में प्राचीन काल से ही अन्न की खेती होती थी। देवभूमि उत्तराखण्ड मोटे अनाजों की राजधानी रही है। राज्य में किसानों से मंडुवे को एमसपी पर लेने एवं इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जो इन्सेन्टिव देने की व्यवस्था की गई यह सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया अन्न के महत्व को समझ रही है। उत्तर प्रदेश में भी पौष्टिक आहारों को तेजी से प्रमोट किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में मिलेट्स के क्षेत्र में लगातार कार्य हो रहे हैं। राज्य में अनाजों की उपज बढ़ रही है। किसानों को मोटे अनाजों के उत्पादन कर अच्छा मूल्य मिले इसके लिए राज्य में मंडुवे की एमएसपी 35 रूपये 78 पैसे रखी गई है। किसानों से एमएसपी पर मंडुआ लेने पर महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रति किलो मंडुवे पर 1.50 रुपये इन्सेंटिव की व्यवस्था की गई है। 2025 तक राज्य के सवा लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि जैविक खेती के क्षेत्र में भी राज्य में अच्छा कार्य हो रहा है। इसके लिए उत्त्राखण्ड को लगातार दो साल प्रथम पुरस्कार मिला है। ऐरोमा के क्षेत्र में भी राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं। एप्पल मिशन मिशन में 35 करोड़ एवं कीवी मिशन में 20 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। 2025 तक मिलेट्स एवं हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में उत्पादन को दुगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, सुरेश गड़िया, किसान आयोग के अध्यक्ष राकेश राजपूत, किसान मोर्चा के अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह पुण्डीर, भाजपा के जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, सचिव कृषि बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, निदेशक कृषि गौरी शंकर एवं प्रदेश भर से आये कृषक मौजूद थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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