उत्तराखंड सरकार का गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित न करना दुर्भाग्यपूर्णः यूकेडी
उत्तराखंड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी विजय बौड़ाई ने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा शासित सरकार ने एक बार फिर गैरसैंण की उपेक्षा की है। यह न केवल गैरसैंण को तरजीह न देना है, बल्कि उत्तराखंड के राज्य निर्माण के शहीदों की भी उपेक्षा की है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था, लेकिन ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किये जाने के बहुत समय व्यतीत होने के बाबजूद सरकार ग्रीष्म काल मे भी वहां सत्र आयोजित करने में असफल हैं, तो यह उत्तराखंड के आम जनमानस के लिये घोर निराशाजनक बात है। इससे यह भी प्रमाणित होता है कि भाजपा की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। वह जो कहती है, वह करती नही है। गैरसैंण में सत्र आयोजित न कर पाना सरकार की नाकामी एवं सरकार में बैठे लोगों की अयोग्यता को दर्शाता है।
उक्रांद मीडिया प्रभारी विजय बौड़ाई ने कहा कि भाजपा की ओर से राज्य सभा के लिए दिये गए प्रतिनिधित्व में भी पहाड़ की घोर उपेक्षा की है। पहाड़ की जनता को भरोसा था कि इस बार पहाड़ से ही किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को भाजपा अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाएगी। क्योंकि, पिछले राज्यसभा चुनाव में भी पहाड़ को प्रतिनिधित्व का अवसर नही दिया था। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा की पहाड़ से ही ज्यादा सीटें आयी है। तब भी पहाड़ को भाजपा आलाकमान ने नकारा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से पहाड़ का लगातार उपेक्षा किया जाना उत्तराखंड के लिए बहुत नुकसानदेह है। उक्रांद सरकार से मांग करता है कि सरकार अपना पुनः फैसला बदले तथा गैरसैंण में सत्र आयोजित करे तथा ग्रीष्म काल मे सरकार को गैरसैंण से ही कामकाज करना चाहिए। उक्रांद गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने के लिए और तेज करेगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।