वीडियो में देखें, इस माह नजर आएंगे अंतरिक्ष के ये गजब नजारे, जानिए शनि से कितनी गति से छिन रहा ताज
इस माह अंतरिक्ष में अद्भुत नजारा दिखने जा रहे हैं। इन नजारों की शुरुआत पांच मई से हो जाएगी। इस दौरान बिना दूरबीन के शुक्र, शनि, और दो बौनी आकाशगंगाओं को भी देखा जा सकेगा। मई का महीना खगोलविदों के लिए रोचक अनुभव लेकर आ रहा है। इस माह जहां एक ओर इस माह पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण हो रहा है, वहीं दूसरी ओर कई ग्रहों का गोचर भी होगा जो समस्त भूमंडल के प्राणियों पर अपना प्रभाव डालेगा। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी करते हुए इस महीने घटने वाली प्रमुख खगोल घटनाओं की एक लिस्ट भी जारी की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये नजर आएंगे अंतरिक्ष के नजारे
पांच मई को पूर्णिमा पर खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह विश्व के अधिकतर हिस्सों में दिखाई देगा, यद्यपि भारत में यह दृश्य नहीं होगा।
13 मई को सूर्योदय से कुछ घंटे पहले ही शनि ग्रह चंद्रमा के साथ उदय होगा। अतंरिक्ष के सितारों के नजारे देखने वालों के लिए यह एक अद्भुत नजारा होगा।
17 मई को चंद्रमा गुरु ग्रह के साथ उदय होता हुआ दिखाई देगा। इस घटना को कई दक्षिण अमरीकी राज्यों में सुबह के समय स्पष्ट तौर पर देखा जा सकेगा।
22 से 24 मई तक सूर्यास्त के बाद चंद्रमा, शुक्र और मंगल ग्रह पश्चिमी दिशा में एक सीधी रेखा में दिखाई देंगे। चन्द्रमा दोनों ग्रहों के बीच दिखाई देगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बगैर दूरबीन के शुक्र के भी होंगे दीदार
गत काफी समय से शुक्र ग्रह आसमान में लगातार अपनी दिशा बदलते हुए ऊपर की ओर जा रहा है। मई माह में यह भी अंतरिक्ष में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच जाएगा। जहां इसे बिना किसी दूरबीन की सहायता के देखा जा सकेगा। इसके बाद यह वापस नीचे की ओर लौटने लगेगा और जून में धीरे-धीरे नीचे आते हुए जुलाई माह में दिखना बंद हो जाएगा। इसके बाद अगस्त माह में एक बार शुक्र पूर्वी आकाश में दिखाई देगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
May is a good month for skywatchers. Venus, Mars, and Jupiter cozy up to the Moon, and even Saturn makes a cameo. Where and when to look: https://t.co/P2s1urpEX6 pic.twitter.com/RvKaRJVWsw
— NASA (@NASA) May 2, 2023
दिखेंगी दो बौनी आकाशगंगाएं
अंतरिक्ष से पूरे ब्रह्माण्ड का बहुत ही अद्भुत दृश्य दिखाई देगा। यदि आप किसी ऐसे स्थान (जैसे जंगल या सुदूर गांव) पर जाएं, जहां बिल्कुल रोशनी न हो तो दक्षिण दिशा में आपको बिना किसी दूरबीन या अन्य उपकरण के ही दो आकाशगंगाएं दिखाई देंगी। ये दोनों ही बौनी आकाशगंगाएं हैं, जो हमारी मिल्की वे आकाशगंगा की परिक्रमा कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
क्या शनि से छिन रहा ताज
हमारे सौरमंडल में सबसे अनोखे ग्रहों की बात करें तो इसमें शनि का नाम सबसे पहले आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस ग्रह के पास अपनी एक रिंग है, जो इसे देखने पर नजर आती है। यानि यह शनि का ताज है। अब यह रिंग धीरे-धीरे गायब हो रही है। 1980 से ही खगोलविद जानते हैं कि शनि का ऊपरी वायुमंडल लगातार इसके बर्फीले रिंग का क्षरण कर रहा है। यह कितना तेजी से खत्म हो रहा है इसे इस हिसाब से समझा जा सकता है कि शनि पर बरसने वाली बर्फ हर रोज गल कर इतना पानी बनाती है, जिससे एक ओलंपिक स्वीमिंग पूल भरा जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शनि ग्रह की रिंग कितनी तेजी से खत्म हो रही है और यह कब पूरी तरह खत्म हो जाएगी? ये एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब अभी नहीं मिला है। अब जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इस रिंग के खत्म होने की घटना से जुड़ी जानकारी दे सकता है। जेम्स वेब ने अबने शक्तिशाली उपकरणों से वह कर दिखाया है, जो आज तक कोई टेलीस्कोप नहीं कर सका। इसने अंतरिक्ष के सबसे दूर के प्रकाश की फोटो खींची है। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के एक ग्रह वैज्ञानिक जेम्स ओ डोनोग्यू ने कहा, ‘हम इन छल्लों के खत्म होने की गति का पता लगा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उतार-चढ़ाव का लिया जाएगा जायजा
सोमवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा था कि वर्तमान में हुए शोध से पता चला है कि यह छल्ले अगले कुछ लाख वर्षों तक शनि ग्रह का हिस्सा होंगे। शनि ग्रह के छल्ले कब तक रहेंगे, इसका बेहतर अनुमान लगाने के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और हवाई में मौजूद केक ऑब्जर्वेटरी का इस्तेमाल किया जाएगा। टेलीस्को यह जानने में मदद करेंगे कि आखिर शनि ग्रह पर एक पूरे मौसम के दौरान रिंग की बारिश में क्या उतार चढ़ाव होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कब खत्म हो जाएगी रिंग
खगोलविद अब दिलचस्प डेटा की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले शोध से पता चला है कि भारी मात्रा में बर्फ शनि ग्रह पर बरस रही है। नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान ने पता लगाया था कि शनि ग्रह पर हर सेकंड 400 से 2800 किग्रा बर्फ बरस रही होती है। अगर इसी तरह बर्फ की बारिश होती रही तो अगले 30 करोड़ वर्षों में शनि ग्रह की रिंग पूरी तरह खत्म हो जाएगी। बर्फ के गिरने की रफ्तार स्थिर नहीं है, इसमें बदलाव होता रहता है। एक अनुमान के मुताबिक यह रिंग हो सकता है कि 10 करोड़ साल में खत्म हो जाए या फिर 1 अरब साल में भी खत्म न हो।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।