रूस के हमले में पहले दिन यूक्रेन के 137 लोग मरे, नाटो के रुख से यूक्रेन खफा, पीएम मोदी ने की पुतिन से बात, पढ़िए अपडेट
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद नाटो के रुख से यूक्रेन से राष्ट्रपति खफा हैं। उन्होंने कहा कि रूस से लड़ने के लिए हमें अकेला छोड़ दिया गया है।
रूस से लड़ने को हमें अकेला छोड़ दिया
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के अनुसार रूस के हमले के पहले दिन 137 लोगों की जान चले गई है। जेलेंस्की ने एक वीडियो संबोधन में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज हमने अपने 137 हीरो, अपने नागरिकों को खो दिया है, जबकि 316 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा उन्होंने इस युद्ध में किसी का साथ न मिलने की बात भी कही। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उनके देश को रूस से लड़ने के लिए छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि हमारे साथ लड़ने के लिए कौन खड़ा है? मुझे कोई नहीं दिख रहा है। यूक्रेन को नाटो सदस्यता की गारंटी देने के लिए कौन तैयार है? हर कोई डरता है।
नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह
राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने इस वीडियो संदेश में राजधानी कीव में रहने वाले नागरिकों को भी सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि रूसी के समूहों ने राजधानी कीव में प्रवेश किया। ऐसे में शहर के नागरिक सतर्क रहें और कर्फ्यू का पालन करें। इसके अलावा राष्ट्रपति ने कहा कि रूस का लक्ष्य नंबर एक होने के बावजूद भी वो और उनका परिवार यूक्रेन में ही रहेगा।
70 से अधिक सैन्य ठिकाने नष्ट
रूस ने दावा किया है कि उसने हमले के पहले दिन यूक्रेन में 70 से अधिक सैन्य ठिकानों को नष्ट किया है। इस हमले के कारण यूक्रेन के लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगह जाने पर मजबूर हो रहे हैं। दरअसल कल गुरुवार 24 फरवरी से रूस ने यूक्रेन पर अपने पूरे सैन्य बल के साथ हमला कर दिया है। ब्रिटेन (UK) और अमेरिका (US) सहित कई देशों ने इस हमले की निंदा की और इसके गंभीर परिणाम की चेतावनी भी दी।
पुतिन की चेतावनी
इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे। पुतिन ने सीधे तौर पर नाटो (NATO) और अमेरिका (US) को ये चेतावनी दी है।
फ्रांस ने दी चेतावनी
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया में चिंता बढ़ गई है। वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक चिंता इस बात को लेकर है कि यह युद्ध दो की लड़ाई से कहीं आगे न निकल जाए। साथ ही परमाणु युद्ध का खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां यवेस ले ड्रियन ने गुरुवार को कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे रहे हैं तो उन्हें यह समझने की जरूरत है कि नाटो भी एक परमाणु गठबंधन है। रॉयटर की खबर के मुताबिक, यह पूछे जाने पर कि क्या पुतिन की धमकी ऐसे परिणाम जिसका आपने अपने इतिहास में कभी सामना नहीं किया है, यूक्रेन संघर्ष में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी के समान थे? ले ड्रियन ने कहा कि इसे इसी तरह समझा गया था। फ्रांस के विदेश मंत्री ने देश के टेलीविजन टीएफ-1 पर कहा कि मुझे लगता है कि व्लादिमीर पुतिन को भी समझना चाहिए कि अटलांटिक गठबंधन एक परमाणु गठबंधन है।
पीएम मोदी ने की पुतिन से बात
यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गुरुवार की रात फोन पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच हो रही हिंसा को तुरंत बंद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिये की मतभेदों को सुलझाया जा सकता है। बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के बारे में बताया। इस दौरान, प्रधानमंत्री ने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया।
बातचीत से निकाला जा सकता है हल
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि रूस और नाटो (NATO) ग्रुप के बीच मतभेदों को केवल ईमानदार और वास्तविक बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने (पीएम मोदी ने) तत्काल हिंसा खत्म करने की अपील की और सभी पक्षों से राजनयिक वार्ता तथा संवाद के रास्ते पर लौटने के लिए ठोस कोशिशें करने का आह्वान किया।
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों खासकर छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और भारत की चिंताओं से रूसी राष्ट्रपति को अवगत भी कराया। उन्होंने कहा कि अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। दोनों देशों के नेताओं ने सहमति व्यक्त की है कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हित के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे।
रूस ने किया ये दावा
रूसी हमले के बाद यूक्रेन की फौजों को तीनों मोर्चा-भूमि, वायु और समुद्र- पर गुरुवार को संघर्ष करना पड़ा। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोपीय देश पर यह अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। हमले में यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचने की खबर है। रूस ने दावा किया है कि उसने हमले के पहले दिन यूक्रेन में 70 से अधिक सैन्य ठिकानों को नष्ट किया है। यूक्रेन में हमले के चलते दर्जनों लोगों की मौत भी हुई है और सैकड़ों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह जाने पर मजबूर होना पड़ा।
70 से अधिक सैन्य ठिकाने नष्ट
रूस ने कहा कि उसकी सेना ने यूक्रेन में 11 एयर फील्डस समेत 70 से अधिक सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया है। रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमलों के कारण यूक्रेन के 74 सैन्य सुविधाएं नष्ट हो गईं। ध्वस्त किए गए सैन्य ठिकानों में 11 हवाई क्षेत्र भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन का एक सैन्य हेलीकॉप्टर और चार ड्रोन भी मार गिराए गए हैं।
दिन की शुरुआत में हुए 203 हमले
उधर, यूक्रेन की पुलिस ने गुरुवार को कहा कि रूस ने दिन की शुरुआत से 203 हमले किए और यूक्रेन के पूरे क्षेत्र में लगभग हर जगह लड़ाई चल रही है। राष्ट्रपति कार्यालय के एक सलाहकार ने बताया कि सुमी, खारखिव, खेरसन, ओडेसा और कीव के पास मिलिट्री एयरपोर्ट पर भीषण लड़ाई हो रही है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, रूसी फौजों ने Chernobyl न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा कर लिया है।
अमेरिका ने प्रतिबंधों को किया सख्त
यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर आलोचनाओं के बीच अमेरिका ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रतिबंधों को और सख्त करने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर हमले को लेकर हम रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। साथ ही रूस से निर्यात को भी सीमित कर रहे हैं। बाइडन ने अपने संबोधन में कहा, यूक्रेन में पुतिन ने इस युद्ध का विकल्प चुना और अब वह एवं रूस नए प्रतिबंधों का परिणाम भुगतेंगे। बाइडन ने कहा कि अमेरिका, उसके सहयोगी चार बड़े रूसी बैंकों की संपत्ति को ब्लॉक कर रहे हैं। निर्यात नियंत्रण लागू कर रहे हैं। रूस के कुलीन वर्गों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर नाटो बलों को मजबूत करने के लिए अमेरिका जर्मनी में अतिरिक्त बलों को भेज रहा है।
जी 7 देशों की डिजिटली बैठक
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के बिना किसी उकसावे और अनुचित हमले के लिए एकजुट प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को जी-7 देशों के नेताओं के साथ डिजिटल तरीके से बैठक की। जी-7 दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह है। इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। व्हाइट हाउस के एक अन्य अधिकारी के अनुसार, इससे पहले राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन में नवीनतम घटनाओं पर चर्चा करने के लिए सिचुएशन रूम में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई।
पुतिन ने बताई हमले की वजह
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन में एक सैन्य अभियान शुरू करने का उनका कदम पड़ोसी देश से उत्पन्न खतरों के जवाब में उठाया गया है। पुतिन ने अन्य देशों को भी चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने रूसी सैन्य अभियान में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो वे ऐसे परिणाम देखेंगे जो उन्होंने कभी नहीं देखे।
कैबिनेट की बैठक में भारतीयों को सकुशल निकालने पर चर्चा
रूस और यूक्रेन के बीच जंग की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन संकट की स्थिति की समीक्षा करने के लिए कैबिनेट कमेटी की एक बैठक की। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा औरउनको भारत वापस लाना है।
अब तक निकाले गए 4000 भारतीय
विदेश सचिव ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से भारत वापस लाया जा चुका है। दिल्ली में MEA कंट्रोल रूम को को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं। यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। वहीं रूसी हमले झेल रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि हम रूस के आगे नहीं झुकेंगे। यह हमारी मातृभूमि है और हम लड़ेंगे। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव ने कहा कि जो कोई भी हथियार पकड़ने के लिए तैयारऔर सक्षम है, वह टेरिटोरियल डिफेंस फोर्स के रैंक में शामिल हो सकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।