यूकेडी ने कहाः उत्तराखंड में निराशाजनक रहा भाजपा का पांच साल का कार्यकाल
उत्तराखंड क्रांति दल ने प्रदेश में भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल को घोर निराशाजनक बताया। दल के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पिछले पांच साल से प्रदेश की जनता जनता खुद को छला हुआ महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने नर्सो की भर्ती के लिए नियमावली में गलत और अन्यायपूर्ण संसोधन कर लिखित परीक्षा का प्रावधान कर 2600 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की। संसोधन इतने अन्यायपूर्ण थे कि बार बार भर्ती अटकी और सरकार की किरकिरी हुई। बाद में स्टाफ नर्स की नियमावली पूर्व की भांति की गयी और भर्ती प्रक्रिया आज तक लंबित है। एक साल बाद भी किसी किसी को नौकरी नही मिली।
उपनल से कार्यरत संविदा कर्मचारियों के साथ सरकार ने पुनः विश्वासघात किया और दो तीन हजार मानदेय बढ़ा कर कर्मचारियों के नियमितिकरण को रोक दिया। ये कर्मचारी खुद को आज भी ठगा महसूस कर रहे हैं। फार्मासिस्ट संवर्ग के 500 से अधिक पदों को सरकार ने खत्म किया और प्रदेश के बेरोजगार फार्मासिस्टों पर लाठीचार्ज भी किया गया। कोरोना महामारी में सबसे अधिक और फ्रंट में कार्य करने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्मिकों को सरकार ने एक भी रुपये की वृद्धि नही दी। 17 दिन ये कार्मिक आंदोलन में रहे और आंदोलन के बाद भी अपनी सेवाएं कोविड में दिन रात दे रहे हैं। फिर भी सरकार ने मानवीय आधार पर इन कर्मियों की मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार नही किया। पूरे कोरोना काल में सबसे अधिक अन्याय इन्ही कार्मिकों के साथ हुआ।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा, पालिटेक्निक में संविदा शिक्षकों को नियमितिकरण की सौगात तो मिली पर कर्मचारियों के शासनादेश निर्गत नही हो पाये। पुलिस जवानों का ग्रेड पे 4600 करने का आदेश भी पुलिस कर्मियों को नही मिला और आचार संहिता तक यह प्रकरण भी सरकार के पाले में लटका है। भूकानून का मसला कमेटी बनाकर दरकिनार कर दिया।
यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री जयदीप भट्ट ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में एक भी ठोस निर्णय किसी भी कर्मचारी संगठन के हित में नही लिया। इसी के बीच शिक्षा मंत्री गैस्ट शिक्षकों का मानदेय दस हजार और शिक्षा मित्रों का मानदेय 5000 बढ़ाने में सफल रहे, परन्तु ये कार्मिक भी सुरक्षित भविष्य और स्थाई रोजगार से कोषों दूर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हो या पूर्ववर्ती कॉंग्रेस सरकार हो इन दोनों ने उत्तराखंड की भोली भाली जनता को ठगा है। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन अपने चरम पर है। स्वास्थ सेवाओं के नाम पर सिर्फ बजट ठिकाने लगाया। आज भी अस्पताल में इलाज नही मिलता। गर्भवती माताएं या तो सड़क में बच्चों को जन्म दे रही हैं, या बिना इलाज के दम तोड़ देती हैं।
उन्होंने कहा कि चाहे धामी सरकार हो, या फिर पूर्व में हरीश रावत और विजय बहुगुणा की सरकारे रही हों। इन्होंने अपने लोंगो को ही रोजगार दिया और उच्च पदों पर तो कई भ्रष्टाचारियों को बिठा दिया। जो सिर्फ राज्य के संशाधनों की लूट खसोट में लगे हैं। वर्तमान में तो भ्रष्टाचार इतने चरम पर है कि आचार संहिता लगने के बावजूद भी बैक डेट से नियुक्तियां की जा रही हैं। सरकार नैतिकता छोड़ कर सिर्फ अपने चहेतों के लिए संविधान के खिलाफ भी काम कर रहे हैं।
अबकी बार के चुनाव में उत्तराखंड क्रांति दल इन दोनों की कारगुजारियां जनता के सामने ले जाएगा। साथ ही एक साफ सुथरी विकासपरक सरकार के निर्माण के लिए जनता यूकेडी को अवश्य समर्थन देगी। शीघ्र ही दल सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।