यूकेडी का अधिवेशन, सुरेंद्र कुकरेती बने केंद्रीय अध्यक्ष, 25 राजनीतिक प्रस्ताव पारित
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) एक दिवसीय विशेष अधिवेशन देहरादून के कुआंवाला स्थित नंदा गार्डन में आयोजित किया गया। इस अधिवेशन में सभी संरक्षक, प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। इस अधिवेशन में 25 राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए। साथ ही सर्वसम्मति से सुरेंद्र कुकरेती को उक्रांद का केंद्रीय अध्यक्ष बनाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिवेशन में वर्तमान केंद्रीय अध्यक्ष पूरन सिंह कठेत ने सुरेंद्र कुकरेती के नाम का प्रस्ताव रखा। इसे दल के संरक्षक शक्ति शैल कप्रवान ने अनुमोदित किया। तत्पश्चात पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने सुरेंद्र कुकरेती के नाम की अगले कार्यकाल के लिए केंद्रीय अध्यक्ष के रूप में घोषणा की। इस मौके पर काशी सिंह ऐरी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी के रूप में मजबूत स्तंभ सुरेंद्र कुकरेती निश्चित तौर पर उत्तराखंड क्रांति दल को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नवनिर्वाचित अध्यक्ष कुकरेती ने कहा कि दल की ओर से जो अहम जिम्मेदारी उन्हें दी गई हैं, उस पर वह खरा उतरेंगे। यूकेडी के संस्थापक स्व. इंद्रमणि बडोनी के मार्गदर्शन पर चलकर प्रत्येक गांव की समस्याओं का अध्ययन कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल को सत्ता में ले जाने के लिए उनके साथ दल का प्रत्येक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मजबूती से मुकाबला करेगा। साथ ही उन्होंने राज्यहित में राष्ट्रीय पार्टी को धूल चटाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का भी आह्वान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये राजनीतिक प्रस्ताव किेए गए पारित
1-उत्तराखंड की स्थाई राजधानी गैरसैंण (चंद्रनगर) शीघ्र घोषित हो।
2-प्रदेश में सशक्त भू- कानून लागू हो।
3-प्रदेश में मूल निवास 1950 लागू किया जाए।
4-21 वीं सदी की शिक्षा प्रदान करना तथा प्रत्येक ब्लॉक में एक निशुल्क बोर्डिंग स्कूल बनाने का संकल्प।
5-प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा बेहतर करना।
6-महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास कल्याण की विभिन्न योजनाएं लागू की जाए।
7-300 यूनिट की बिजली आवासीय प्रयोजन के लिए मुफ्त प्रदान की जाए।
8-किसानों को मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था प्रदान की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
9-बड़े बांधों का विरोध, लेकिन बहते पानी पर बनने वाले छोटे बांधों के पक्षधर।
10- प्रदेश में जंगली जानवरों के आतंक से लोग खेती किसानी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। ऐसे में जंगली जानवरों से हो रहे जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए कारगर उपाय किए जाएं।
11-प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार प्रदान करना।
12-पर्यटन विकास तथा समस्त सीमांत क्षेत्रों को धारचूला से यमुनोत्री तक जोड़ने के लिए सड़क निर्माण।
13-प्रदेश में पीपीपी मोड में चल रहे अस्पतालों की व्यवस्था तुरंत समाप्त की जाए तथा सरकार पुनः अपने अधीन ही अस्पतालों का संचालन करें।
14-प्रदेश के सभी विभागों में नियुक्ति के लिए लागू आउट सोर्सिंग व्यवस्था तुरंत समाप्त की जाए। साथ ही रिक्त पदों पर सीधी भर्ती सुनिश्चित की जाए। अब तक नियुक्त सभी कार्मिकों को नियमित किया जाए।
15- उत्तराखंड में बाहर से आने वाले वहां पर ग्रीन टैक्स का प्रावधान किया जाए, ताकि प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था बेहतर हो सके।
16- उद्यान विभाग को मजबूत कर सामूहिक फल पट्टियां विकसित करना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
17- सौर ऊर्जा कार्यक्रम को प्रोत्साहित करना तथा अतिरिक्त ऊर्जा पैदा करने के उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
18- पहाड को ध्यान में रखते हुए ऊन उद्योग को और अधिक विकसित करने पर जोर दिया जाए। ताकि आर्थिकी मजबूत हो सके।
19- रिंगाल, बांस को प्रोत्साहन प्रदान करना।
20- राज्य बनने से लेकर अब तक किए गए सभी व्यापक घोटालो की जांच सार्वजनिक की जाए एवं दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
21- प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थिति, सामाजिक, आर्थिक परिस्थिति तथा लगातार हो रहे पलायन को देखते हुए संपूर्ण प्रदेश के मूल निवासियों को राष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों में विशेष आरक्षण प्रधान किया जाना।
22- पर्वतीय क्षेत्र में चिकित्सा एवं व्यवसायिक संस्थानों को स्थापित करने पर जोर।
23-प्रदेश में डिग्री एवं डिप्लोमाधारकों जैसे सीपीएड, वीपीएड, डीपीएड, योग प्रशिक्षक, बीएड और फार्मेसिस्ट आदि को शीघ्र नियुक्ति प्रदान की जाए।
24- प्रदेश में लंबे समय से लंबित भूमि व्यवस्था के लिए नई भूमि बंदोबस्त एवं चकबंदी व्यवस्था लागू की जाए।
25- ब्लॉक प्रमुखों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान से कराया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे उपस्थित
अधिवेशन के संयोजक बहादुर सिंह रावत, महानगर अध्यक्ष प्रवीण रमोला थे। मंच का संचालन केंद्रीय महामंत्री किरन रावत, बृजमोहन सजवान, विजय बोड़ाई एवं सुशील उनियाल ने किया। अधिवेशन में संरक्षक नारायण सिंह जनतवाल, संरक्षक पुष्पेंद्र त्रिपाठी, खड़क सिंह बगड़वाल, विजय ध्यानी, जयप्रकाश उपाध्याय, शांति प्रसाद, पंकज व्यास, राजेंद्र बिष्ट, रेखा, प्रमिला रावत, शकुंतला रावत, राजेश्वरी रावत, गणेश काला, मनोज कंडवाल, अतुल बेंजवाल, जितेंद्र पंवार, संगीता बहुगुणा, रमा चौहान, आशा शर्मा, डीडी शर्मा, रामपाल, शैलेश गुलेरी, सलीम अहमद, देवेंद्र चमोली, आशुतोष नेगी, आशीष नेगी, आशुतोष भंडारी, अनूप बिष्ट, प्रेम पडियार, मुकेश कुंद्रा, जितेंद्र कुमार, दीपक भाकुनी, खेमानंद सती, पवन बिजलवान, धर्मेंद्र गोसाई, राजीव नौटियाल, डॉ आशीष आदि उपस्थित रहे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।



