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September 14, 2024

यूकॉस्ट की राज्य स्तरीय जल गुणवत्ता प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू, जल गुणवत्ता और निगरानी की दी जानकारी

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उत्तराखंड जल संस्थान और यूकॉस्ट की परियोजना प्रबंधन इकाई के जिला और उपखंडीय जल गुणवत्ता परीक्षण और निगरानी प्रयोगशालाओं के रसायनज्ञों और अधिकारियों के लिए एनएबीएल (NABL) संबंधित प्रयोगशाला कार्य में तकनीकी सुधार के लिए राज्य स्तर की तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आज रविवार से शुरू हो गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद (युकास्ट), देहरादून एवम उत्तराखंड जल संस्थान, देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत 26 जिला एवम उपखंडिया प्रयोगशालाओं के प्रयोगशाला केमिस्टो और अधिकारियों के लिए ये कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इसका आयोजन देहरादून में होटल पर्ल एवेन्यू, बायपास रोड में किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सचिव अप्रेजल उत्तराखंड जल संस्थान मनीष सेमवाल ने जल जीवन मिशन के अंर्तगत उत्तराखंड की जल गुणवत्ता जांच की वास्तविक स्थिति पर अपने विचार रखे। साथ ही आशा जाहिर करते हुए कहा गया कि स्कूल, आंगनवाड़ी, घरेलू व पेयजल श्रोतो से निरंतर जांच से जल जीवन मिशन के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उद्घाटन समारोह के विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद यूकॉस्ट के वैज्ञानिक अधिकारी, डॉ. मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि जल गुणवत्ता और रिमोट सेंसिंग का एक साथ उपयोग करके जल निकायों की जल गुणवत्ता का बेहतर निगरानी और मूल्यांकन किया जा सकता है। रिमोट सेंसिंग डेटा का उपयोग जल प्रदूषण का पता लगाने और निगरानी करने, जल संसाधनों के प्रबंधन और जल गुणवत्ता के मानकों को निर्धारित करने के लिए के शानदार तकनीक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसी सत्र में कार्यशाला समन्वयक व यूकॉस्ट देहरादून के जिला समन्वयक डॉ. प्रशांत सिंह ने उत्तराखंड के जल गुणवत्ता की वर्तमान स्थिति पर पर चर्चा की। साथ ही जल जीवन मिशन के अंतर्गत जल गुणवत्ता व निगरानी पर हो रहे कार्य के बारे में जानकारी दी। उत्तराखंड जल संस्थान देहरादून के मुख्य केमिस्ट डॉ. विकास कंडारी ने सभी प्रयोगशालाओं में NABL मान्यता के विषय पर एक विशेष व्याखायन दिया। इसमे उन्होंने प्रयोगशालाओं के मूल भूत ढांचे पर जोर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पीएमयू यूकोस्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर अर्चित पाण्डेय ने सभी जल गुणवत्ता प्रयोगशालाओं में हो रहे कार्यों की प्रगति पर चर्चा की। विशेष सत्र में सभी प्रतिभागियों को जल में टोटल कोलीफॉर्म व ई कोलाई की जांच के लिए मल्टीपल ट्यूब फर्मेंटेशन मैथड की विस्तृत जानकारी दी गई। इस सत्र में जीवाणुओं से होने वाली गंभीर बीमारियों के प्रति भी वहां मौजूद सभी प्रतिभागियों को सचेत किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में 30 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक यूकॉस्ट डॉ. प्रशांत सिंह ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यशाली में की गई ये सिफारिश
1. प्रशासनिक सुधार: उत्तराखंड के जिला जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं में कार्य की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार लाया जाएगा। ताकि कम समय में सभी कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो सकें।
2. तकनीकी उन्नति: प्रयोगशालाओं को नवाचारी तकनीकों और उपकरणों के साथ अद्यतित किया जायेगा ।
3. प्रशासनिक और तकनीकी प्रशिक्षण: लैब केमिस्टों और कर्मचारियों को एन ए बी एल (NABL) सम्बंधी बेहतर प्रशासनिक और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा, ताकि वे कुशलतापूर्वक लैब कार्य कर सकें।
4. गुणवत्ता मानकों का पालन: जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं में NABL के मानकों का सख्त पालन सुनिश्चित किया जायेगा ताकि परीक्षण के परिणाम सटीक और विश्वसनीय हों।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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