यूकॉस्ट की कार्यशाला में पर्वतीय भूभाग में जल सुरक्षा एवं जल संसाधन प्रबंधन पर की गई चर्चा

उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) की ओर से जल शिक्षा कार्यशाला के अंतर्गत पर्वतीय भूभाग में जल सुरक्षा एवं जल संसाधन प्रबंधन, विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही संबंधित विभागों सामाजिक संगठनों के इस दिशा में मिलकर कार्य करने की जरूरत बताई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा कि परिषद की ओर से उत्तराखंड राज्य के जल संसाधनों के संरक्षण, प्रबंधन, पुनर्जीवन आदि की दिशा में राज्य के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, संबंधित विभागों, सामाजिक संस्थाओं के साथ सहयोगात्मक रूप से मिलकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के सीमांत क्षेत्र तक के विद्यार्थियों एवं आमजन मानस हेतु जल जागरुकता एवं जल स्रोतों के वैज्ञानिक अध्ययन हेतु ऑनलाइन माध्यम से वैज्ञानिक व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का स्वागत संबोधन यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डीपी उनियाल ने किया। उन्होंने परिषद की ओर से संचालित विभिन्न विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित कार्यक्रमों तथा जल संरक्षण से जुड़ी पहलों पर प्रकाश डाला। यूकॉस्ट के वैज्ञानिक व कार्यक्रम समन्वयक डॉ. भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए सभी का परिचय कराया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य वक्ता के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, रूड़की के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गोपाल कृष्ण ने पर्वतीय भूभाग में जल सुरक्षा एवं जल संसाधन प्रबंधन पर अपने व्याख्यान में जल से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जल लिंकिंग स्फीयर, हाइड्रोलॉजिकल साइकिल, वैश्विक जल वितरण, जल संकट के कारक, जल गुणवत्ता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, वर्षा वितरण, समस्थानिक (Isotopes) मिश्रण मॉडल, वायुमंडलीय नदियाँ (Atmospheric Rivers) एवं रिवर बैंक फिल्ट्रेशन जैसे विषयों पर विस्तार से बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
व्याख्यान के पश्चात प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित हुआ जिसमें विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों ने विशेषज्ञ से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। यूकॉस्ट के वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डॉ. मनमोहन रावत ने किया। कार्यक्रम में वैज्ञानिक व अधिकारी डॉ राजेंद्र सिंह राणा, डॉ ओम प्रकाश नौटियाल, परियोजना अधिकारी नरेश गौर, अमित पोखरियाल, डॉ मंजू सुंदरियाल आदि सहित समस्त वैज्ञानिक एवं तकनीकी स्टाफ उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से ग्रुप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीमान्त एवं पर्वतीय जिलों पिथौरागढ़, चंपावत, चमोली, बागेश्वर, पौड़ी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, देहरादून जिलों के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, यूकॉस्ट के पर्यावरण विज्ञान चेतना केंद्रों के छात्र छात्राओं, शिक्षकों सहित 200 से अधिक प्रतिभागियों की ओर से प्रतिभाग किया गया।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।