उत्तराखंड पुलिस के दो अधिकारियों को मिला एफआइसीसीआइ स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड, चोरी हुई संपत्ति रिकवरी में पहला स्थान

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ( FICCI ) की ओर से प्रत्येक वर्ष पुलिसिंग में बेहतर कार्य करने पर यह सम्मान प्रदान किया जाता है। FICCI की ओर से पहला अवार्ड वर्ष 2021 के लिए केवल खुराना को Road Safety & Traffic Management श्रेणी के तहत सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए बनाए गए Uttarakhand Traffic Eyes App के लिए दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस महानिरीक्षक केवल खुराना की ओर से निदेशक यातायात उत्तराखंड के पद पर रहते हुए राज्य में आए दिन लगने वाले जाम की समस्या से निजात दिलाने एवं यातायात व्यवस्था को सदृढ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। इस दौरान दिनांक 29 फरवरी, 2020 को उनके निर्देशन में यातायात निदेशालय द्वारा Uttarakhand Traffic Eyes App का शुभारम्भ किया गया। इसका उद्देश्य यातायात व्यवस्था बनाने तथा नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरूद्व वैधानिक कार्यवाही किये जाने में आम जनता को उत्तराखंड पुलिस की आँखों की तरह प्रयोग कर उनका सहयोग लेना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
Uttarakhand Traffic Eyes App को वर्तमान में Uttarakhand Police App में इंट्रीग्रेड किया गया है। यह एप आम लोगों में काफी प्रसिद्व होने के कारण उत्तराखंड पुलिस एप में भी काफी अच्छे परिणाम दे रहा है। Uttarakhand Traffic Eyes App के माध्यम से वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक लगभग 70247 कुल शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन पर कार्यवाही करते हुए लगभग 44,84,400 संयोजन शुल्क वसूला गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
FICCI की ओर से दूसरा अवार्ड एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को Cyber Crime Management श्रेणी में स्मार्ट पुलिसिंग की पहलों के लिए शुरू किए गए e-Suraksha Chakra 2.0 के लिए प्रदान किया गया। स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड राज्य में घटित गम्भीर प्रकृति के अपराधों एंव साइबर क्राईम के अपराधों की रोकथाम के लिए नोडल एजेन्सी के रुप में कार्यरत है। स्पेशल टास्क फोर्स की ओर से संयुक्त रुप से घटित साइबर क्राईम, वित्तीय हानि के अपराधों के प्रति आम जनता को जागरुक करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही समय समय- पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से ऐसे अपराधियों की गिरफ्तारी कर साइबर क्राईम के अपराधों में काफी हद तक अंकुश लगाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा साइबर क्राईम के क्षेत्र में उच्च कार्यदक्षता का परिचय दिया गया तथा उत्तराखंड की वह प्रथम एजेन्सी बनी। इसके द्वारा क्रिप्टो करेन्सी के माध्यम से धोखाधडी करने वाले अपराधियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया। साथ ही मेंवात (राजस्थान, झारखंड) के ऐसे दुर्गम क्षेत्रो में जहाँ पर साइबर अपराधियों द्वारा साइबर अपराध सम्बन्धी घटनाओं को कारित किया जा रहा था, स्पेशल टास्क फोर्स ने ऐसे दुर्गम स्थानों पर अपनी पकड़ बनाते हुये इन क्षेत्रो से साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुचाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देश की विभिन्न नोडल एजेन्सियों ईडी, आईबी, आरओसी, दूरसंचार, रिर्जव बैक से सम्पर्क स्थापित कर साइबर क्राईम के क्षेत्र में बढ रहे अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर हैकाथॉन का दूसरा संस्करण (Hackathon 2.0) आयोजित करने वाली देश की पहली राज्य पुलिस बनी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चोरी की संपत्ति की रिकवरी में भी उत्तराखंड पुलिस का पहला नंबर
एनसीआरबी की ओर से प्रकाशित क्राइम इन इंडिया 2021 की रिपोर्ट में चोरी हुई संपत्ति की रिकवरी में उत्तराखंड पुलिस को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि चोरी के मामलों में आधुनिक तकनीक के अधिकतम प्रयोग से राज्य पुलिस को यह सफलता प्राप्त हुई है। उत्तराखंड पुलिस की ओर से चोरी की घटनाओं में गहनता से विवेचना करते हुए अभियुक्तों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ ही संपत्ति की प्राप्ति के लिए किए गए विशेष प्रयासों के कारण राज्य पुलिस का रिकवरी रेट देश में सबसे अधिक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
क्राइम इन इंडिया 2021 की रिपोर्ट जिसमें चोरी हुई संपत्ति की रिकवरी में उत्तराखंड पुलिस 68.7 प्रतिशत के साथ नंबर वन पर है। जो कि अन्य समस्त राज्यों के राष्ट्रीय औसत 30.2 प्रतिशत के दुगने से भी अधिक है। उत्तराखंड पुलिस के बाद तमिलनाडु 64.8 प्रतिशत दूसरे नंबर एवं हिमाचल प्रदेश 55 प्रतिशत रिकवरी के साथ तीसरे नंबर पर है।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।