भू कानून में सुधार के नाम पर प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिशः लालचंद शर्मा
लालचंद शर्मा ने कहा कि भू-कानून में सुधार के लिए बनाई गई उच्च अधिकार प्राप्त समिति में पारदर्शिता होनी चाहिए। राज्य की जनता को भी यह जानने का हक है कि 6 दिसंबर 2018 को उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश) जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की दो धाराओं में परिवर्तन के बाद उनकी सरकार या अधिकारियों ने किस- किस को कितनी जमीन खरीदने की अनुमति प्रदान की है। सरकार ने जिलाधिकारी के स्थान पर शासन स्तर से भूमि की क्रय विक्रय अनुमति की बात जोड़कर जनता को गुमराह किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इन दिनों सरकारी विभागों में विभिन्न भर्ती घोटाले को लेकर आम चर्चा है। साथ ही विधानसभा में हुई भर्तियों की सीबीआइ से जांच की मांग की जा रही है। ऐसे में सरकार भू कानून का मुद्दा उठाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। अब प्रदेश की जनता समझ चुकी है कि जांच के नाम पर मामलों को उलझाया जाता है। आने वाले समय में बीजेपी को प्रदेश की जनता कड़ा सबक सिखाएगी।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।