उत्तराखंड में आफत की बारिश, बागेश्वर में मकान पर गिरा पेड़, दो की मौत, सात घायल, गढ़वाल में बारिश, कुमाऊं में राहत
उत्तराखंड में करीब दो सप्ताह से अधिक हो रही लगातार बारिश आफत बनती जा रही है। शुक्रवार 21 मई की पिछले तीन दिन से लगातार बारिश का दौर देहरादून सहित गढ़वाल के कई इलाकों में जारी है। वहीं, कुमाऊं में सुबह कुछ राहत है। कई इलाकों में सुबह ही धूप खिल गई। उधर, कुमाऊं के बागेश्वर जिले गुनकोट गांव में अलसुबह एक विशालकाय पेड़ मकान के ऊपर गिर गया है। हादसे में एक ही परिवार के दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है, जबकि सात लोग गंभीर रूप से घायल हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए जिला प्रशासन ने टीम गांव भेज दी है। दो दिन से लगातार बारिश के दौरान गढ़वाल और कुमाऊं में कुल सात लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 13 लोग घायल हुए हैं। मौसम विभाग ने आज बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। 22 मई से बारिश हल्की होनी शुरू हो जाएगी और इसका असर पर्वतीय इलाकों में ही देखने को मिलेगा।
शुक्रवार भारी बारिश के कारण बागेश्वर जिले के गुनकोट गांव में मकान के ऊपर पेड़ गिरने से गीता देवी (46 वर्ष) पत्नी कैलाश राम और आदित्य राम (10 वर्ष) पुत्र गणेश राम की मौत हो गई है। वहीं, कैलाश राम (54 वर्ष) पुत्र मोहन राम, पूरन राम (31 वर्ष) पुत्र कैलाश राम, मनोज कुमार 20 वर्ष, निर्मला देवी 35 वर्ष, रेनू 26 वर्ष, मोहन राम 80 वर्ष और मनोज कुमार घायल हो गए हैं।
जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया जा रहा है। पुलिस टीम और राजस्व विभाग की टीम घटना स्थल पर है। घटना तड़के सुबह दो बजे की है। जिला मुख्यालय से तीन बजे तक राहत बचाव को टीम गांव पहुँची।
कुमाऊं में छंटने लगे हैं बादल, नैनीताल में धूप खिली
कुमाऊं में शुक्रवार की सुबह अधिकांश स्थानों पर धूप खिल गई। चंपावत में भी विगत तीन दिनों से हो रही बारिश शुक्रवार को थम गई। बादल में धीरे-धीरे छटने लगे। गुरुवार शाम को हुई तेज बारिश कर चलते टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग चल्थी, स्वाला, धौन, भरतोली में बंद है। कार्यदाई कम्पनियां हाइवे खोलने में जुटी हैं। आपदा विभाग बारिश से हुए नुकसान की जानकारी जुटाने में जुटा है। हाइवे बंद होने से आवश्यक सामग्री के कई वाहन रास्ते मे फंसे हैं।
गढ़वाल का मौसम
उत्तराखंड में तीन दिन की बारिश के बाद अब मौसम सामान्य होता जा रहा है। हालांकि, पहाड़ों में अब भी बादलों का डेरा है। गुरुवार की देर शाम केदानाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड, पिथौरागढ़ आदि की चोटियों पर हल्का हिमपात भी हुआ। शुक्रवार की सुबह केदारनाथ धाम में भी धूप खिल गई।
उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी
उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला अभी जारी है। मौसम विभाग की ओर से आज भी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, आज की बात करें तो उत्तराखंड में देहरादून सहित आसपास के इलाकों में सुबह से रुक रुक कर बारिश का दौर चल रहा है। वहीं, देहरादून और मसूरी में लगातार बारिश मौसम ठंडा हो गया है। लोगों को गर्मी से निजात मिल गई है। मई के माह में सितंबर व अक्टूबर माह के मौसम का अहसास हो रहा है।
आगामी मौसम का हाल
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक आज 21 मई का यलो अलर्ट है। पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। मैदानी क्षेत्र में कहीं कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश का अनुमान है। 22 मई को भी पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। वहीं, मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा। उन्होंने बताया कि आने वाले दो-तीन दिनों में तापमान कम होगा। इस समय सामान्य के करीब चल है। बारिश का दौर तेज होते ही अधिकतम तापमान चार से छह डिग्री सेंटीग्रेड तक कम हो सकता है। 23 और 24 मई को उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश होगी। शेष जिलों में मौसम शुष्क रहेगा।
मई माह में उत्तराखंड में हो चुका भारी नुकसान
उत्तराखंड में पिछले दो सप्ताह के पर्वतीय क्षेत्र में बारिश हो रही है। कभी कभार मैदानी क्षेत्र में भी बारिश का असर देखने को मिल रहा है। पर्वतीय क्षेत्र में ओलावृष्टि के साथ ही बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। बुधवार 12 मई को नैनीताल जिले के कैंचीधाम में बादल फटने से भारी तबाही मची। मंदिर परिसर मलबे से अट गया था। इससे पहले मंगलवार 11 मई को गढ़वाल मंडल में देवप्रयाग में आंचलच पर्वत पर बादल फटने से शांता गदेरे (बरसाती नाला) में आए उफान से कई घर और दुकान ध्वस्त हो गई। हालांकि कर्फ्यू के कारण दुकानें बंद थी और घरों से लोगों ने ऊंचाई वाले इलाकों में भागकर जान बचाई।
इससे पहले छह मई को बादल फटने से टिहरी जिले के घनसाली और जाखणीधार ब्लॉक में काफी नुकसान हुआ था। कई हेक्टेयर जमीन तेज बहाव में बह गई थी, जबकि घनसाली बाजार में कई वाहन मलबे में दब गए। जंगलों में बादल फटने से स्थानीय नैलचामी गदेरे में जलस्तर बढ़ गया, जिससे ये नुकसान हुआ था। वहीं, कुछ दिन पहले चमोली जिले में घाट क्षेत्र और रुद्रप्रयाग जिले में भी बादल फटने से नुकसान हुआ था। आकाशीय बिजली गिरने से उत्तरकाशी में कई मवेशियों की भी जान गई। वहीं, 20 मई को उधमसिंह नगर के बाजपुर केलाखेड़ा के निकट गांव रम्पुरा काजी स्थित कच्चे मकान की दीवार धराशायी हो गई। अंदर सो रहे दो लोगों की दबकर मौत हो गई। नैनीताल जिले के भवाली में भीमताल रोड स्थित नगारी गांव में एक निर्माणाधीन मकान की सुरक्षा दीवार टूटने से दो लोग घायल हुए। कल ही देहरादून के चकराता क्षेत्र में बादल फटने से मकान ध्वस्त हो गया और एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई और चार लोग घायल हैं। यह हादसा तहसील चकराता क्षेत्रान्तर्गत प्रातः लगभग 9.55 बजे ग्राम पंचायत जोगियों, ग्राम कवांसी के बिजनाड़ छानी में हुआ। इस दौरान 21 मवेशी भी मलबे में दफन हो गए।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।