एम्स ऋषिकेश में एंडो वस्कुलर एओटिक रिकंस्ट्रक्शन तकनीक से उपचार की सुविधा शुरू
रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष ब्रिगेडियर प्रोफेसर सुधीर सक्सेना ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी विभागीय चिकित्सक इसी तरह से मरीजों को जटिलतम उपचार सुलभ कराने की दिशा में सततरूप से उपलब्धिपूर्ण कार्य करेंगे। जिस बुजुर्ग का इस तकनीकी से इलाज किया गया, वह लंबे अरसे से सबसे बड़ी हार्ट से शरीर के विभिन्न हिस्सों को रक्त संचार करने वाली नस से जुड़ी दिक्कत से परेशान थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संस्थान में उपचार के लिए आए मरीज के जरुरी परीक्षण के बाद ईवीएआर विधि से उपचार का निर्णय लिया गया। इस तकनीक के प्रोसिजर जिसमें एक छोटे से चीरे के माध्यम से पैर की सबसे छोटी नस से शरीर में प्रवेश कर हृदय से शरीर को रक्त सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी नस अयोटा नस में तीन ग्राफ्ट लगाए गए। इस उपचार विधि से बुजुर्ग मरीज का उपचार करने वाले संस्थान के इंटरवेंशन रेडियोलॉजिस्ट डा. उदित चौहान ने बताया कि मरीज के शरीर में रक्त सप्लाई करने वाली अयोटा नस उम्र के हिसाब से काफी कमजोर हो गई थी, जो कि कभी भी फट सकती थी। इसे इस प्रोसिजर के अंतर्गत ग्राफ्ट लगाकर मजबूती दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति इस उम्र में कई तरह की अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे। लिहाजा एंडो वस्कुलर एओटिक रिकंस्ट्रक्शन विधि से उपचार प्रक्रिया जटिल थी,जिसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि संस्थान में अब नियमिततौर पर मरीजों को इस तकनीक का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इवीएआर प्रोसिजर में इन्वरवेंशन रेडियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों की टीम के साथ ही सीटीवीएस विभाग के डा. अनीष गुप्ता व उनकी टीम तथा एनेस्थीसिया विभाग से डा. गौरव जैन व उनकी टीम के सदस्य शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एम्स में कम खर्च में उपलब्ध है महंगा इलाज
अब तक इस विधि से उपचार दिल्ली आदि महानगरों के अस्पतालों में ही उपलब्ध था। इसके लिए उत्तराखंड व समीपवर्ती क्षेत्रों के मरीजों को इस तकनीक के इलाज के लिए वहां जाना पड़ता था। डा. उदित ने बताया कि बड़े निजि अस्पतालों में इस तकनीक से इलाज पर 12 से 14 लाख रुपए तक खर्च आता है, जबकि एम्स में यह प्रोसिजर 5 से 6 लाख तक के खर्च में उपलब्ध कराया गया है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।