देशभर में ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल 23 फरवरी से, उत्तराखंड में संघर्ष समिति ने बनाई रणनीति
देशभर में 23 और 24 फरवरी को संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से हड़ताल प्रस्तावित है। इसे सफल बनाने के लिए उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति की बैठक में चर्चा की गई।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के कारण आज आम श्रमिक भुखमरी के कगार पर आ गया है । वक्ताओं ने कहा कि श्रम कानूनों को बड़ी कुर्बानियों से हांसिल किया गया। इससे 29 श्रम कानूनों को समाप्त कर 4 श्रम संहितायें बनाई गई हैं, जो पूंजीपतियों के हितो को साधते हुये श्रमिकों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है।
इस अवसर पर हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि 23 और 24 फरवरी की हड़ताल को सफल बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके तहत 30 जनवरी 2022 को राज्य स्तरीय कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा। इसमें ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों सहित मजदूर भागेदारी करेंगें। सीटू के महासचिव महेंद्र जखमोला ने हड़ताल के प्रचार प्रसार किये जाने पर जोर दिया गया।
सचिव लेखराज ने कहा कि केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने के लिए श्रमिकों के साथ बैठकें, सभाओं के कार्यक्रम तेज किए जाएंगे। आम श्रमिको के बीच जाकर उन्हें सरकार के मजदूर विरोधी चेहरे से अवगत कराएंगे। बैठक में एटक से अशोक शर्मा, रक्षा विभाग से जगदीश छिम्मवाल, बीमा निगम से नंदलाल शर्मा, बैंक कर्मचारी संगठन से एसएस रजवार, भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल आदि उपस्थित थे। इसमें श्रमिक नेता अशोक शर्मा वर्चुवली जुड़े।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।