सहस्त्रधारा में पर्यटक और कोटद्वार में किशोर की नदी में डूबने से मौत, कोटद्वार में गुस्साए लोगों ने किया जेसीबी मशीनों पर पथराव
उत्तराखंड में लगातार बारिश के चलते नदी और नाले उफान पर हैं। सहस्त्रधारा में दिल्ली के पर्यटक की नदी में बहने से मौत हो गई। वहीं, कोटद्वार में सुखरो नदी में किशोर की डूबने से मौत हो गई। कोटद्वार में तो आक्रोशित लोगों ने खनन कार्य में लगी जेसीबी मशीनों पर पथराव भी किया।
दिल्ली के रानीबाग मु्ल्तानी मल निवासी ओमप्रकाश अरोड़ा (66 वर्ष) पुत्र कंवरपाल अरोड़ा अपने निजी वाहन से अपने परिवार संग देहरादून के सहस्त्रधारा में घूमने आए थे। यहां पैर फिसलने से वह नदी में गिर गए और पानी के तेज बहाव में बहने लगे। स्थानीय लोगों ने उन्हें पानी से बाहर निकाला गया। परिजन उन्हें अपने वाहन से दून अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने मृतक घोषित कर दिया।
करीब दो सप्ताह पूर्व रायपुर में भी एक पर्यटक नदी में बह गया था। इन दिनों भारी बारिश के कारण देहरादून की सभी नदियां और बरसाती नाले उफान पर हैं। पुलिस और प्रशासन की ओर से प्रमुख पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों से नदी में न जाने की अपील की जा रही है। इसके बावजूद बाहरी राज्यों के पर्यटक पुलिस को चकमा देकर नदी में नहाने पहुंच जा रहे हैं।
पौड़ी जिले में कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत सुखरो नदी में डूबने से एक किशोर की मौत हो गई। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम ने नदी में किशोर का शव बरामद किया। जिस स्थान पर किशोर डूबा, प्रशासन की ओर से वहां रीवर ट्रेनिंग के नाम पर खनन कार्य करवाया जा रहा। नतीजा, बच्चे की मौत से आक्रोशित क्षेत्रीय जन ने खनन कार्य में लगी जेसीबी मशीनों पर पथराव किया। साथ ही पुलिस को मौके से शव नहीं उठाने दिया।
घटना बुधवार दोपहर की है। बलभद्रपुर क्षेत्र के अंतर्गत नयागांव निवासी मोहन का 15 वर्षीय पुत्र प्रियांशु उर्फ भोला सुखरो नदी में अपने मित्रों के साथ नहा रहा था। इसी दौरान प्रियांशु की चप्पल नदी में बहने लगी। चप्पल को पकड़ने की कोशिश में जैसे ही प्रियांशु नदी में करीब दस मीटर नीचे की ओर आया, वह गहरे खड्ड में डूब गया। साथ नहा रहे बच्चों ने घर पहुंच घटना की सूचना दी।
इसके बाद प्रियांशु के परिवार के सदस्य व आस-पड़ोस के व्यक्ति मौके पर पहुंच गए। सूचना पर एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची और गड्ढे में डूबे प्रियांशु की तलाश शुरू कर दी। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद प्रियांशु का शव गड्ढे के भीतर दलदल में धंसा मिला। जैसे ही टीम के सदस्य शव को लेकर बाहर आए तो लोगों में गुस्सा भड़क गया और उन्होंने नदी में मौजूद जेसीबी व अन्य मशीनों पर पथराव शुरू कर दिया।
पुलिस ने किसी तरह आमजन को समझा कर शांत किया और शव के पंचायतनामे की कार्रवाई शुरू करने की कोशिश की। लोगों ने पुलिस को शव पर हाथ नहीं लगाने दिया। उनका आरोप था कि प्रियांशु की मौत के लिए पूरी तरह प्रशासन जिम्मेदार है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।