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December 15, 2024

कल मोहर्रम का अवकाश, उत्तराखंड पुलिस ने एक दिन पहले मना दिया सद्भावना दिवस, जानिए क्यों मनाते हैं ये दिन

भारत में हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। इस बार 20 अगस्त को मोहर्रम का अवकाश है। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने एक दिन पहले ही सद्भावना दिवस मना लिया।

भारत में हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। इस बार 20 अगस्त को मोहर्रम का अवकाश है। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने एक दिन पहले ही सद्भावना दिवस मना लिया। इस मौके पर उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में आयोजित समारोह में डीजीपी अशोक कुमार ने उपस्थित कार्मिकों को शपथ भी दिलाई।
सद्भावना दिवस के अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पुलिस मुख्यालय प्रांगण में उपस्थित समस्त पुलिस बल को सद्भावना दिवस का उद्देश्य के बारे में बताया। साथ ही सभी धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों में राष्ट्रीय एकीकरण और साम्प्रदायिक सौहार्द से संबंधित सद्भावना को बढ़ावा देने की शपथ दिलायी गई। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी गुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक फायर, एपी अंशुमान, पुलिस उपमहानिरीक्षक फायर मुख्तार मोहसिन, पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणे, सहित समस्त अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
इसलिए मनाया जाता है सद्भावन दिवस
हर साल 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती को सद्भावना दिवस या Harmony Day के रूप में मनाया जाता है। इस साल 20 अगस्त 2021 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 77वीं जयंती है। राजीव गांधी के करीबी परिवार के सदस्यों, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए सुबह-सुबह वीरभूमि पर जाते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उनकी मृत्यु के एक साल बाद 1992 में राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की थी।
हर साल यह दिन स्वर्गीय राजीव गांधी की याद में मनाया जाता है, जो 40 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। भारत के लिए उनके विजन को श्रद्धांजलि देने के बदले इस अवसर पर समाज की बेहतरी के लिए योगदान दिया जाता है। उनका हमेशा एक विकसित राष्ट्र का सपना था। इसके लिए उन्होंने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, लाइसेंस राज को कम करने और पंचायती राज को शामिल करने सहित कई काम किए हैं। वह वही थे, जिनका देश के विकास में योगदान वर्तमान में हमें उसका लाभ मिल रहा है। उनके सपनों को याद करने के लिए, देश को विकास की ओर ले जाने के उनके सामाजिक और आर्थिक कार्यों के लिए सद्भावना दिवस को जाना जाने लगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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