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June 24, 2025

देहरादून के पर्यावरण को बचाने के लिए पर्यावरणप्रेमियों का सचिवालय कूच, पेड़ों की निकाली शवयात्रा

देहरादून के पर्यावरण को बचाने के लिए पर्यावरणप्रेमी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। आज रविवार 30 मार्च को भी पर्यावरण प्रेमियों ने परेड मैदान से लेकर सचिवालय तक कूच किया। इस दौरान विकास के नाम पर काटे गए पेड़ों की टहनियों के साथ शवयात्रा भी निकाली गई। इस आंदोलन को पर्यावरण बचाओ आंदोलन 2.0 का नाम दिया गया है। साथ ही सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर किए जा रहे विकास को राक्षसी विकास कहा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देहरादून में पहले भी पर्यावरण प्रेमियों ने सहस्त्रधारा रोड, कैंट रोड, जाखन कैनाल रोड आदि क्षेत्र से सैकड़ों पेड़ों को कटने से बचाने के लिए आंदोलन किया था। इसमें उन्हें सफलता भी मिली थी। अब देहरादून में रानीपोखरी से लेकर ऋषिकेश, मसूरी रोड, देहरादून पांवटा रोड आदि क्षेत्र में सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर हजारों पेड़ों को काटने की योजना है। ऐसे में विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग एक मंच पर आकर आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे लोगों में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या भी काफी है। उनका कहना है कि पिछले कई साल से देहरादून का पर्यावरण ऐसा बिगड़ा कि गर्मियों में अक्सर तापमान 43 डिग्री तक पहुंच जाता है, जो कि देहरादून के पर्यावरण के लिए काफी चिंताजनक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आज रविवार की सुबह करीब नौ बजे पर्यावरण प्रेमी परेड ग्राउंड स्थित अशोक स्तंभ पर एकत्र हुए। उनका कहना था कि हजारों पेड़ों की कटाई से जुड़ी मूर्खतापूर्ण योजनाओं को समाप्त करने की अपनी मांग को वे जारी रखेंगे। सफेद कपड़े पहने लोगों ने देहरादून में विभिन्न परियोजनाओं के लिए काटे गए हजारों पेड़ों की टहनियों को एकत्र कर उसकी अर्थी तैयार की उसके साथ सचिवालय तक शव यात्रा निकाली। इसे महिलाओं ने भी कांधा दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सचिवालय से पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका तो उन्होंने सड़क पर ही धरना दिया। इस मौके पर ज्योत्सना, अजय शर्मा, विजय भट्ट और करण ने सभा को संबोधित किया। मेड बाई बीटीओ (MAD by BTD) के सदस्यों ने इस मौके पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति के जरिये देहरादून के बिगड़ते पर्यावरण को लेकर चिंता जताई। साथ ही देहरादून के नागरिक, प्रशासकों और सत्ता में बैठे लोगों से अपील की कि वे मौजूदा विकास मॉडल पर पुनर्विचार करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम सभी एक ही पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं और पेड़ों को बेरहमी से काटकर हम अपने साथ ही भविष्य के लोगों के लिए भी ‘अर्थी’ तैयार कर रहे हैं। देहरादून स्थित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के आसपास के इलाके को प्रदर्शनकारियों ने पेड़ों का कब्रिस्तान, का नाम दिया। उन्होंने कहा कि वहां सैकड़ों मृत पेड़ हैं। इन पेड़ों का दो साल पहले सहस्त्रधारा रोड से प्रत्यारोपण किया गया था, लेकिन उनमें से कोई भी जीवित नहीं बचा। प्रदर्शन में जया, रवि चोपड़ा, राम लाल, अनूप नौटियालत, नितिन मलेथा, कमला पंत, अनीश लाल, विजय भट, पंकज क्षेत्री, हिमांशु अरोरा, शशांक आदि भी शामिल थे।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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