पीएम मोदी के तर्क को टीएमसी ने बताया ज्ञान बांटो सत्र, कहा- पहले हमारा बकाया चुकाओ, कांग्रेस ने किया प्रहार
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर पीएम मोदी की ओर से विपक्ष की राज्य सरकारों को जिम्मेदार बताने पर विरोध के स्वर उठने लगे हैं।

जहां बीजेपी सरकारें हैं, वहां भी तेल की कीमतें ज्यादा राहत देने वाली नहीं हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ही देखें तो यहां पेट्रोल 103 रुपये 87 पैसे प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं, डीजल 97 रुपये 38 पैसे प्रति लीटर मिल रहा है। हल्द्वानी में पेट्रोल 102.91 रुपये और डीजल 96.60 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। ये स्थिति तब है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें पहले की अपेक्षा कम हुई हैं। इससे पहले जब पांच राज्यों में चुनाव थे और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही थीं, तब पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए। फिर भी यदि पीएम के भाषण को सुनेंगे तो लगेगा कि इन सबके लिए विपक्षी दल जिम्मेदार हैं।
विपक्ष शासित कई राज्यों में ईंधन की अधिक कीमतों का मुद्दा उठाते हुए पीएम मोदी ने बुधवार को उनसे आम आदमी के हित में वैट घटाने और वैश्विक संकट के इस वक्त में सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम करने का आग्रह किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि कई राज्य पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने की केंद्र की अपील पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में ही उत्पाद शुल्क घटा दिया था।
पीएम मोदी के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट में कहा कि नरेंद्र मोदी जी, हम इस महत्वपूर्ण संख्या के बारे में आपका ध्यान आकर्षित करना चाहेंगे जो आप आज के ज्ञान बांटो सत्र में चूक गए होंगे। भारत सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल को 97,807.91 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है। ट्वीट में कहा गया है कि हमारा बकाया चुकाने की क्या कोई योजना है? इस महत्वपूर्ण दिन कृपया हमें बताएं प्रधानमंत्री..।
पार्टी ने एक अन्य ट्वीट में आम आदमी का बोझ घटाने की पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा किये गये कार्यों को गिनाया। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भारत सरकार पर बंगाल सरकार की भारी रकम बकाया है। 97,807.91 करोड़ रुपये। पश्चिम बंगाल सरकार ने फरवरी 2021 से पेट्रोल और डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर की छूट दी है, ताकि लोगों पर भार घट सके. राज्य सरकार ने वाहनों पर 400 करोड़ रुपये के पथ कर को माफ कर दिया।
कांग्रेस ने किया जोरदार प्रहार
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने की अपील को लेकर उन पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री को ‘जुमला और ध्यान भटकाने’ की बजाय पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए। जिस स्तर पर वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में थी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कटौती करे।
उन्होंने ट्वीट किया कि-मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भटकाना नहीं, कोई जुमला नहीं। कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है। कांग्रेस नेता ने आग्रह किया कि-कृपया पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कमी करिये।
सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार को पिछले आठ वर्षों में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के माध्यम से एकत्र किए गए 27 लाख करोड़ रुपये का हिसाब देना चाहिए। उनके मुताबिक, 26 मई, 2014 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला था तब कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर थी। उन्होंने कहा कि आज कच्चे तेल की कीमत 100.20 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर है।
तेलंगाना के मंत्री ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
तेलंगाना उद्योग और वाणिज्य मंत्री के टी रामाराव ने केंद्र सरकार से देश भर में पेट्रोल और डीजल पर सेस यानी उपकर समाप्त करने की मांग की है। केंद्र द्वारा राज्य सरकारों से ईंधन पर वैट (मूल्य वर्धित कर) कम करने का आग्रह किया गया था। इस पर अब तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के नेता का ये बयान आया है। देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए तेलंगाना मंत्री के टी रामाराव ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार भी ठहराया है।
के टी रामाराव ने एक ट्वीट कर लिखा कि “ईंधन की कीमतें एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) केंद्र सरकार की वजह से बढ़ी हैं। वैट कम नहीं करने के लिए राज्यों का नाम लेना, भले ही हमने इसे कभी नहीं बढ़ाया हो। क्या ये सहकारी संघवाद है। जिसके बारे में आप बात कर रहे हैं नरेंद्र मोदी जी ? तेलंगाना में 2014 से ईंधन पर वैट की वृद्धि नहीं हुई है।
इन्होंने आगे लिखा कि आपकी सरकार द्वारा लगाए गए सेस के कारण हमें हमारे उचित हिस्से का 41 प्रतिशत नहीं मिलता है। उपकर के रूप में आप राज्य से 11.4 प्रतिशत लूट रहे हैं और हमें वित्त वर्ष 2023 के लिए केवल 29.6 प्रतिशत ही मिल रहा है। कृपया उपकर को समाप्त करें। ताकि हम पूरे भारत में पेट्रोल 70 रुपये और डीजल 60 रुपये पर दे सकें। वन नेशन – वन प्राइस?
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।