धामी कैबिनेट में तीन प्रस्तावों पर लगी मुहर, प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती को सेवा नियमावली में संशोधन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट में तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में प्रदेश में 1180 राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने का रास्ता साफ कर दिया गया है। कारण ये है कि सरकार ने प्रधानाचार्यों के सीधी भर्ती के लिए सेवा नियमावली में संशोधन को हरी झंडी दिखा दी। इससे प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती के लिए परीक्षा को लेकर अड़चन दूर होने की उम्मीद बंधी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिवालय में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग से संबंधित यह महत्वपूर्ण निर्णय किया गया। प्रधानाचार्य पद की संशोधित सेवा नियमावली के अनुसार प्रधानाचार्य विभागीय सीमित परीक्षा के लिए जो पात्रता तय की गई है उसमें अभ्यर्थी की दो वर्ष बतौर प्रधानाध्यापक सेवा पूरी होनी चाहिए। प्रवक्ता का सेवाकाल 10 वर्ष का पूरा होना चाहिए। उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत खाली पदों को विभागीय सीधी भर्ती और अन्य पदों को पदोन्नति से भरा जाएगा। 15 साल की सेवा पूरी कर चुके सहायक अध्यापक एलटी भी प्रधानाचार्य के पद पर भर्ती के लिए पात्र होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रधानाध्यापक जो भर्ती वर्ष के प्रथम दिवस को दो वर्ष की मौलिक सेवा पूरी कर चुके हैं, सहायक अध्यापक एलटी जिनकी प्रवक्ता के पद पर 10 साल की सेवा पूरी हो चुकी है, प्रधानाचार्य के पद पर सीमित विभागीय परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के पद पर होने वाली विभागीय सीधी भर्ती को पिछले साल शिक्षकों के विरोध के चलते स्थगित कर दिया गया था। इसके लिए गठित समिति की सिफारिश के बाद संशोधित नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली है। प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के 85 प्रतिशत पद खाली हैं। 1385 स्कूलों में से 1190 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। जबकि प्रधानाध्यापकों के 923 में से 808 पद खाली हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कुंभ मेले को लेकर निर्णय
वर्ष 2027 में जनवरी से अप्रैल तक हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले के संबंध में भी बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया। मेले के लिए 82 पद सृजित करने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कुंभ मेला अधिष्ठान कार्यालय में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए नौ स्थायी, 44 अस्थायी, 29 पदों को आउटसोर्स से भरा जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ई-स्टैंप व्यवस्था में बदलाव
उत्तराखंड में स्टांप (ई-स्टांप प्रमाण पत्रों के माध्यम से शुल्क) (संशोधन) नियमावली, 2023 में संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब डिजिटल ई-स्टांप में कस्टम बांड की सुविधा मिलेगी। उत्तराखण्ड राज्य में स्टाम्प शुल्क भुगतान लिए तकनीकी नवाचार और पारदर्शिता को अपनाने जाने पर जोर दिया जा रहा है। जनता को स्टाम्प क्रय की सुविधा बैंक परिसर में ही उपलब्ध कराये जाने के लिए भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-(ख) में वर्णित उत्तराखण्ड राज्य में लागू गैर पंजीकरण योग्य कुछ अनुच्छेदों को इस नियमावली में शामिल किया गया। ऐसे में भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-ख में दिए गए प्रावधान, गैर पंजीकरण योग्य अनुच्छेद 26 कस्टम बांड (Customs Bond) को इस नियमावली में सम्मिलित किया जाना है। इससे सीमा शुल्क के लिये स्टाम्प शुल्क में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सम्भव हो पायेगा और उत्तराखण्ड राज्य में बांड निष्पादित करने वाले करदाता उक्त सुविधा का पूर्ण लाभ उठा सकेंगें। साथ ही इस प्रक्रिया के बाद जनहित में EODB (Ease of Doing Business) प्रणाली को भी बल मिलेगा।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।