फेसबुक पर उत्तराखंड के डीजीपी की फेक आइडी बनाकर ठगी के तीन आरोपी गिरफ्तार, साइबर क्राइम का नया हब बना मेवात क्षेत्र
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के नाम पर फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर लोगों से पैसों की मांग करने वाले तीन आरोपियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया।
ये था मामला
15 जून 2021 को एक व्यक्ति ने कोतवाली देहरादून में शिकायत की थी कि उसकी फेसबुक आइडी के फेसबुक मैसेंजर पर अशोक कुमार आइपीएस के नाम से मैसेज आया। चैट के दौरान उक्त आइडी चला रहे अज्ञात व्यक्ति ने उससे गूगल पे/ पेटीएम के माध्यम से पैसे की मांग की। वह जानता था कि अशोक कुमार उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक हैं। ऐसे में उसने इसकी शिकायत की।
पेटीएम नंबर में दी गई आइडी यूपी की निकली
पुलिस ने डीजीपी के नाम से फेसबुक प्रोफाइल चलाने वाले व्यक्ति की ओर से दिए गए पेटीएम व गूगल पे में दी गई आइडी की जांच की तो वह रामलखन पुत्र बालकराम निवासी ग्राम भगेली, थाना नुकुमपुर जिला लखीमपुर खीरी के नाम पर पंजीकृत मिली। पूछताछ पर उसने उक्त नंबर पर पेटीएम और गूगल पे चलाने से मना कर दिया। साथ ही बताया कि कुछ दिन पहले उनके गांव में गरीबी रेखा के डिजिटल कार्ड बनाने के लिये एक टीम आई थी। उस दौरान उसके और गांव वालो के एक मशीन पर हस्ताक्षर, अगूंठा निशान व आइडी ली गई थी। हो सकता है कि यहीं से उसकी आइडी चोरी की गई हो।
मृत व्यक्ति के नंबर संचालित होती मिली फेसबुक
फेसबुक से प्राप्त जानकारी के आधार पर पता चला कि उक्त फेसबुक आइडी राजस्थान
के जनपद भरतपुर क्षेत्र से संचालित हो रही है। जो कि शेर मोहम्मद पुत्र सद्दन निवासी ग्राम
खोह थाना डींग भरतपुर के नंबर से चल रही है। इसकी जांच के लिए एसटीएफ से एक
टीम उक्त क्षेत्र भरतपुर कार्यवाही के लिए भेजी गई। जहां पर जानकारी मिली कि शेर मोहम्मद की मौत 29 अप्रैल 2021 को हो चुकी है। ऐसे में एसआइटी टीम का काम और ज्यादा पेचीदा हो गया।
प्रकाश में आए ये नाम
एसआइटी टीम ने जब भरतपुर व आसपास के क्षेत्र में जानकारी जुटाई तो पता चला कि शेर मोहम्मद का दामाद इरशाद पुत्र माजिद निवासी ग्राम कलथरिया, थाना जुरूहेरा, जिला भरतपुर फेसबुक पर फर्जी आइडी बनाकर लोगो को धोखाधड़ी करने का गैंग चला रहा है। इसमें उसका भाई व मृतक शेर मोहम्मद का दामाद अरशद उर्फ साजिद व शेर मोहम्मद का पुत्र जाहिद भी मिलकर यह काम कर रहे हैं।
तीनों आरोपी गिरफ्तार
एसटीएफ ने जाहिद पुत्र शेर मोहम्मद निवासी ग्राम रूद खोड भरतपुर को गिरफ्तार किया। उसने बताया गया कि वह और उसके दोनों जीजा मिलकर फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर पैसा कमाते हैं। पुलिस के सक्रिय होने पर इरशाद व अरशद दोनो पुलिस से बचने के लिये गुडगांव, रिवाडी क्षेत्र से कोलकत्ता व चेन्नई जाने वाली मालवाहक ट्रालो में ड्राईवर और क्लीनर के रूप में चले जाते है। इरशाद का पीछा करते हुये एसटीएफ की एक टीम लगभग 2200 किलोमीटर दूर तक हैदराबाद, विशाखापट्टनम, विजयवाडा, आन्ध्र प्रदेश तक गई। इधर, इरशाद विजयवाडा से वापस अपने गांव भरतपुर राजस्थान वापस आ गया। जहां से इरशाद पुत्र माजिद को 26 जून 2021 को गिरफ्तार किया गया। तीसरे आरोपी अरशद उर्फ साजिद सिद्दकी पुत्र माजिद को रविवार 27 जून को रेलवे स्टेशन सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का रहता है संरक्षण
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के संबंध में स्थानीय पुलिस ने एसटीएफ को बताया कि साइबर अपराध में लिप्त इन आरोपियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सरंक्षण रहता है। साइबर अपराधियों को गिरफ्तारी से बचाने का प्रयास किया जाता है। गांव में दबिश के दौरान पुलिस पर भीड़ के रूप में इकट्ठा हो कर दबाव बनाने का प्रयास करते है। यदि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है तो ज त है तो न्यायालय में अधिवक्ता के माध्यम से प्रभावी पैरवी की जाती है। इस कारण मेवात क्षेत्र भरतपुर, अलवर, नूंह साइबर क्राइम का नया हब बना गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
Uttarakhand police ko salaam. Cyber crime ke investigation me uska koi muqabla nahin hai.