दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में आने वालों को मिल सकती है छूट, सप्ताह में पांच दिन खुलेंगे स्कूल, छह से आठ तक की पढ़ाई 16 से
उत्तराखंड में जैसे जैसे कोरोना का असर धीमा पड़ रहा है, सरकार भी नियमों में ढील देती जा रही है। हालांकि, उत्तराखंड में कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ। नए संक्रमित 40 के आसपास स्थिर हैं। अब दो अगस्त से स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है। दो अगस्त से नौ से 12वीं तक के स्कूल खुलेंगे। वहीं, छह से आठ तक के स्कूल 16 अगस्त तक खोले जा रहे हैं। पहली से पांचवीं तक के स्कूल फिलहाल बंद रहेंगे। इसके साथ ही प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों से उत्तराखंड में आने वालों को छूट दे सकती है। इसे अबकी बार की एसओपी में शामिल किया जा सकता है।
अब सरकार बाहर से आने वालों को बार्डर व रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अथवा कोविड वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र दिखाने के लिए रोकने से छूट दे सकती है। माना जा रहा कि कोविड कर्फ्यू की अगली मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में इसका प्रविधान किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार इस बात पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है कि बाहर से आने वाले यात्रियों को बार्डर अथवा रेलवे स्टेशनों पर रोका न जाए। अलबत्ता, किसी भी क्षेत्र में पुलिस अथवा स्वास्थ्य विभाग की टीम के मांगने पर संबंधित यात्री को कोविड वैक्सीनेशन का फाइनल प्रमाणपत्र अथवा कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी आवश्यक होगी।
वर्तमान में लागू कोविड कर्फ्यू की अवधि चार अगस्त को सुबह छह बजे खत्म हो रही है। अभी तक के तय प्रविधानों के तहत दूसरे राज्यों से आने वाले उन सभी व्यक्तियों को उत्तराखंड आने की छूट है, जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हों। इसके लिए उन्हें वैक्सीनेशन का फाइनल प्रमाणपत्र दिखाना जरूरी है। अन्य व्यक्तियों के लिए कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। सरकार अब इसमें और राहत देने जा रही है।
स्कूलों के लिए ये हैं नियम
देश में सभी सरकारी और निजी स्कूलों में नवीं से 12वीं तक कक्षाएं दो अगस्त प्रारंभ होंगी। छठी से आठवीं तक कक्षाएं 16 अगस्त से संचालित की जाएंगी। स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकेंगे। अन्य फीस नहीं ली जा सकेगी। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के अंदेशे के बीच दो अगस्त से स्कूल खोलने के फैसले में आंशिक संशोधन किया गया है।
विद्यालयी शिक्षा सचिव राधिका झा की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में निजी स्कूलों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ स्कूलों को खोले जाने के संबंध में मंथन किया गया। बैठक में प्राप्त सुझावों के आधार पर सचिव राधिका झा ने दिशा-निर्देश जारी किए। बीती 27 जुलाई को कैबिनेट बैठक में आगामी दो अगस्त से प्रदेश में स्कूलों को खोलने के निर्णय पर मुहर लगाई गई। अब इस फैसले को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है।
नवीं से 12वीं तक चार घंटे पढ़ाई
बैठक में तय किया गया कि नवीं से 12वीं तक कक्षाएं अधिकतम चार घंटे और छठी से आठवीं तक अधिकतम तीन घंटे चलेंगी। विद्यालयों का संचालन हाइब्रिड मोड पर होगा। स्कूल आफलाइन के साथ आनलाइन पढ़ाई भी जारी रखेंगे। शिक्षक कक्षाओं में अध्यापन कार्य को आनलाइन करेंगे, ताकि स्कूल न आने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान न उठाना पड़े। ऐसे विद्यार्थी घर से ही पढ़ाई जारी रख सकेंगे। छात्र-छात्राओं को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। इसके लिए अभिभावकों से सहमति ली जाएगी। विद्यालय में सहमति पत्र उपलब्ध कराने के लिए छात्रों को तीन दिन का समय दिया जाएगा। कक्षा कक्षों में बैठने की व्यवस्था में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन कराया जाएगा।
मिड डे मील और लंच बाक्स की मनाही
स्कूलों में बगैर मास्क किसी की एंट्री नहीं होगी। शिक्षकों, कर्मचारियों और सभी विद्यार्थियों को मास्क पहनने के बाद ही दाखिल होने की अनुमति मिलेगी। स्कूलों में प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेलकूद, संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत अन्य सामूहिक गतिविधियां स्थगित रखी जाएंगी। मिड डे मील नहीं बनेगा। खाद्यान्न सामग्री बच्चों को बीते वर्ष की तरह वितरित की जाती रहेगी। भोजन माताएं स्कूलों में आकर छात्र-छात्राओं के सैनिटाइजेश व अन्य कोविड सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन करने में सहयोग देंगी। स्कूलों में विद्यार्थियों को लंच बाक्स या भोज्य पदार्थ लाने की अनुमति नहीं होगी। स्कूल प्रबंधन को इसका पालन कराना होगा।
कक्षा एक से पांचवीं तक स्कूल नहीं खुलेंगे
कक्षा एक से पांचवीं तक स्कूल नहीं लगेंगे। आनलाइन पढ़ाई यथावत जारी रखी जाएगी। आनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों के आस-पड़ोस में उपलब्ध पारिवारिक सदस्यों के स्मार्ट फोन की उपलब्धता के मुताबिक शिक्षकों को पढ़ाई का समय निर्धारित करने को कहा गया है। आनलाइन पढ़ाई की सुविधा से वंचित विद्यार्थियों के लिए स्कूल स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाने को कहा गया है।
सोमवार से शुक्रवार तक खुलेंगे स्कूल
उत्तराखंड में सरकारी और निजी स्कूल पढ़ाई के लिए सोमवार से शुक्रवार तक खुलेंगे। शनिवार व रविवार को जिला प्रशासन, नगर निकाय व स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सैनिटाइजेशन व फागिंग कराई जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों, कर्मचारियों और भोजन माताओं के टीकाकरण की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य की होगी। टीकाकरण से वंचित कार्मिकों की सूची स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। ज्यादा छात्रसंख्या वाले स्कूलों को दो पालियों में चलाया जाएगा। पहले जारी एसओपी का करना होगा पालनदो अगस्त से सरकारी व निजी स्कूलों को खोलने के संबंध में शिक्षा विभाग ने मानक प्रचलन कार्यविधि (एसओपी) जारी नहीं की।
शिक्षा सचिव राधिका झा ने कोविड-19 प्रोटोकाल को ध्यान में रखकर 23 बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकाल के संबंध में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से समय-समय पर जारी एसओपी का अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं। सीईओ को बनाया जवाबदेहसचिव ने बताया कि मुख्य शिक्षाधिकारी, खंड शिक्षाधिकारी, प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधन स्कूलों को खोलने से पहले सभी कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, शौचालय, पेयजल स्थानों समेत सभी स्थानों के सैनिटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
स्कूलों में सैनिटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था अनिवार्य होगी। जर्जर कक्षाओं में शिक्षण कार्य नहीं कराया जाएगा। बालक व बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था और वहां स्वच्छता रखने के निर्देश दिए गए हैं। संक्रमण होने पर तुरंत देनी होगी सूचनास्कूलों में सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क, सैनिटाइजर के उपयोग का पालन कराने के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा।
शिक्षा सचिव ने बताया कि स्कूलों में छात्रों, शिक्षकों व अन्य स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने की स्थिति में समय पर इसकी सूचना जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को देने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य और नोडल अधिकारी की होगी। इसके लिए जिले में व्यवस्था बनाने समेत सभी स्कूलों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए लिए मुख्य शिक्षाधिकारी को भी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाया गया है। सम-विषम रोल नंबर से बुलाएं छात्र अधिक छात्रसंख्या वाले स्कूलों में दो पालियां संचालित करने और छात्रों को अनुक्रमांक के सम और विषम क्रम में बुलाने को कहा गया है।
कम छात्रसंख्या वाली संस्थाओं में एक पाली में कक्षाएं चलाई जा सकेंगी। स्कूलों में प्रवेश एवं छुट्टी के समय सभी कक्षाओं को एक साथ नहीं छोड़ा जाएगा। छात्रों को लाने-ले जाने के लिए वाहनों में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन कराया जाएगा। स्कूल तैयार करेंगे आंतरिक एसओपी आवासीय व डे-बोर्डिंग स्कूलों में प्रधानाचार्य समेत समस्त स्टाफ का टीकाकरण कराना होगा। स्कूल प्रबंधक व प्रधानाचार्य को इसके लिए जवाबदेह बनाया गया है।
आवासीय परिसर में रहने वाले छात्रों व स्टाफ को अधिकतम 48 घंटे पहले आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। इसके बाद ही उन्हें विद्यालय में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। सभी स्कूलों को आंतरिक एसओपी तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। डेंगू से बचाव के करने होंगे उपायकोरोना संक्रमण से सुरक्षा के साथ डेंगू से छात्रों के बचाव के निर्देश भी दिए गए हैं। छात्रों को स्कूल अवधि में पूरी बाजू के पैंट-शर्ट, सलवार-कमीज पहनकर उपस्थिति होने के निर्देश स्कूलों को देने होंगे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।