कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वालों को नहीं है टेस्ट कराने की जरूरत, इन परिस्थितियों में कराएं टेस्टः केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को कोविड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। जब तक ज्यादा जोखिम वाले व्यक्ति के तौर पर उनकी पहचान न हो, तब तक टेस्ट की जरूरत नहीं है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एडवाइजरी में ये कहा गया है कि आईसीएमआर ने टेस्टिंग की इस नई स्ट्रैटजी को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि लक्षण वाले मरीजों की जल्द से जल्द पहचान हो और उन्हें सही समय पर आइसोलेशन के साथ उचित इलाज दिया जाए। बुजुर्गों और बीमारियों के शिकार लोगों में संक्रमण की पहचान में तेजी लाई जाए। खासकर हाइपरटेंशन, फेफड़े और किडनी से जुड़ी बीमारियों, मोटापा आदि। इसमें कहा गया है कि किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर टेस्ट की जरूरत नहीं है। ऐसे व्यक्ति को आइसोलेट होना पड़ेगा। आइसोलेशन में गए मरीजों को भी सात दिन आइसोलेट रहने के बाद टेस्ट की जरूरत नहीं है। यदि उनमें हल्के लक्षम हैं।
अभी कोविड-19 के संदिग्धों के लिए मौजूदा टेस्ट की लिस्ट भी आईसीएमआर ने दी है। इसमें प्वाइंट ऑफ केयर टेस्ट यानी ऐहतियाती जांच के तौर पर होम या सेल्फ टेस्ट या रैपिड एंटीजन टेस्ट शामिल है. जबकि अन्य तरीकों में आरटीपीसीआर, ट्रूनैट, सीबीएनैट, आरटीलैंप, रैपिड मॉलीक्लूयर टेस्टिंग सिस्टम और अन्य तरह के मान्यताप्राप्त टेस्ट शामिल हैं।