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November 11, 2025

इस रक्षाबंधन में बन रहा ये योग, जानिए शुभ मुहूर्त, बता रहे हैं आचार्य डॉ. सुशांत राज

इस वर्ष राखी बांधने के लिए 12 घंटे का मुहूर्त है। त्योहार का शुभ मुहूर्त, इस दिन भद्रा को लेकर विस्तार डाल रहे हैं डॉक्टर आचार्य सुशांत राज।

रक्षाबंधन का त्योहार बहन-भाई के बीच प्रेम का प्रतीक है। इसमें बहन भाई को तिलक लगाकर उसके दीर्घायु की कामना करती है। भाई भी जीवन भर बहन के सुख-दुख में साथ निभाने का वादा करता है और स्नेह स्वरूप बहन को उपहार भी देता है। इस त्योहार को प्राचीन काल से मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस पर्व को हिंदी पंचांग के श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। पूर्णिमा के दिन मनाएं जाने कि वजह से कई जगह इसे राखी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस तिथि पर भद्राकाल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्राकाल और राहुकाल में राखी नहीं बांधी जाती है, क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित है। इस साल भद्रा का साया राखी पर नहीं है। भद्रा काल 23 अगस्त, 2021 सुबह 05:34 से 06:12 तक होगा और 22 अगस्त को सारे दिन राखी बंधेगी। इस वर्ष राखी बांधने के लिए 12 घंटे का मुहूर्त है। त्योहार का शुभ मुहूर्त, इस दिन भद्रा को लेकर विस्तार डाल रहे हैं डॉक्टर आचार्य सुशांत राज।
इस वर्ष रक्षाबंधन 22 अगस्त दिन रविवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षा बंधन का त्योहार हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त की शाम 03 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी। जो कि 22 अगस्त की शाम 05 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। रक्षा बंधन उदया तिथि में 22 अगस्त को मनाया जाएगा। भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ होता है। दरअसल शास्त्रों में राहुकाल और भद्रा के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
भद्रा में राखी ना बंधवाने का कारण
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने की पीछ कारण है कि लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा में राखी बंधवाई और एक साल के अंदर उसका विनाश हो गया। इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती है। इस साल पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त शाम से शुरू होगी और 22 अगस्त को सर्योदय पर पूर्णिमा रहेगी। इसलिए 22 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।
ये है शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन तिथि: – 22 अगस्त 2021, रविवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: – 21 अगस्त 2021, शाम 03:45 मिनट
पूर्णिमा तिथि समापन: – 22 अगस्त 2021, शाम 05:58 मिनट
शुभ मुहूर्त: – सुबह 05:50 मिनट से शाम 06:03 मिनट
रक्षा बंधन की समयावधि: – 12 घंटे 11 मिनट
रक्षा बंधन के लिए दोपहर में समय: – 01:44 से 04:23 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: – दोपहर 12:04 से 12:58 मिनट तक
अमृत काल: – सुबह 09:34 से 11:07 तक
ब्रह्म मुहूर्त: – 04:33 से 05:21 तक
भद्रा काल: – 23 अगस्त, 2021 सुबह 05:34 से 06:12 तक
आचार्य का परिचय


नाम डॉ. आचार्य सुशांत राज
इंद्रेश्वर शिव मंदिर व नवग्रह शनि मंदिर
डांडी गढ़ी कैंट, निकट पोस्ट आफिस, देहरादून, उत्तराखंड।
मो. 9412950046

 

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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