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April 13, 2025

उत्तराखंड के किसानों से राज्य सरकार ने इस साल खरीदा 3100 मीट्रिक टन मंडुआ, सरकारी खर्च पर प्रचार का अनोखा तरीका

उत्तराखंड सरकार का कहना है कि कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुआ अब हाथों हाथ बिक रहा है। राज्य सरकार ने ही इस साल विभिन्न सहकारी और किसान संघों के जरिये उत्तराखंड के किसानों से 3100 मीट्रिक टन से अधिक मंडुआ खरीदा है। सरकार ने इस साल किसानों को मंडुआ पर 4200 प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य भी दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इन दिनों उत्तराखंड में स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में सरकार नई घोषणा तो नहीं कर सकती है, लेकिन अपनी उपलब्धियों का बखान जरूर कर सकती है। ऐसे में सरकार के सूचना विभाग के ओर से हर दिन दो से तीन ऐसी खबरें जारी की जा रही हैं, जिसमें सरकार की उपलब्धियों को बताया जाए। सरकारी खर्च पर सरकार की ओर से प्रचार का अनोखा तरीका उत्तराखंड में अपनाया गया है। वैसे सरकार अपनी उपलब्धी बताती है, ये उसका काम है, लेकिन किसी चुनाव के दौरान उपलब्धियों के बखान की सीरीज जारी होना उत्तराखंड में देखा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूचना विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि उत्तराखंड के सीढ़ीदार खेतों में परंपरागत रूप से मंडुआ की खेती होती रही है। कुछ साल पहले तक मंडुआ फसल उपेक्षा का शिकार रहती थी। इस कारण किसानों का मंडुआ उत्पादन के प्रति मोह भंग होने लगा था। अब केंद्र और उत्तराखंड सरकार की ओर से मिलेट्स फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कारण उत्तराखंड में मंडुआ उत्पादक क्षेत्र के साथ ही उत्पादन भी बढ़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रेस नोट में कहा गया है कि मौजूदा सरकार ने मंडुआ उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सबसे पहले 2022 इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदना शुरू किया। साथ ही उपभोक्ताओं तक मिलेट्स उत्पाद पहुंचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर मिड डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम में इसे शामिल किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसी तरह सरकार ने स्टेट मिलेट मिशन शुरू करते हुए उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, मिलेट्स उत्पादों को अपनाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार, किसानों से खरीद से लेकर भंडारण तक की मजबूत व्यवस्था तैयार की। वहीं किसानों को बीज, खाद पर अस्सी प्रतिशत तक सब्सिडी दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

270 केद्रों के जरिये खरीद
सरकार ने दूर दराज के किसानों से मंडुआ खरीदने के लिए बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से जगह – जगह संग्रह केंद्र स्थापित किए। इस प्रयोग की सफलता की कहानी यूं कही जा सकती है कि 2020-21 में जहां इन केंद्रों की कुल संख्या 23 थी जो 2024-25 में बढ़कर 270 हो गई है। इन केद्रों के जरिए इस साल उत्तराखंड के किसानों से 3100.17 मीट्रिक टन, मंडुआ की खरीद की गई, इसके लिए किसानों को 42.46 प्रति किलो की दर से समर्थन मूल्य दिया गया। सरकार ने मंडुआ खरीद में सहयोग देने के लिए किसान संघों को 150 रुपए प्रति कुंतल और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को प्रति केंद्र 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। साथ ही सुनिश्चित किया गया कि केंद्रों का भुगतान 72 घंटे में कर दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

समर्थन मूल्य में 68 प्रतिशत का उछाल
प्रदेश में 2021-22 में मंडुआ समर्थन मूल्य कुल 2500 प्रति कुंतल था, जो 2024-25 में 4200 प्रति कुंतल हो गया है। इस तरह दो साल के अंतराल में ही समर्थन मूल्य 68 प्रतिशत बढ़ गया है। किसानों तक इसका लाभ पहुंचने से मंडुआ उत्पादन क्षेत्र भी बढ़ रहा है। इसके साथ ही सरकार ओपर मार्केट और हाउस ऑफ हिमालय के जरिए भी मंडुआ उत्पादों को प्रोत्साहन दे रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में मंडुआ परंपरागत तौर पर उगाया जाता है। यह पौष्टिक होने के साथ ही आर्गेनिक भी होता है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने के बाद भी मंडुआ की मांग बढ़ी है। इसलिए राज्य सरकार सीधे किसानों से मंडुआ खरीद करते हुए, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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