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April 18, 2025

इस बार दिवाली में हैं पांच राजयोग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त एवं विधि, इन उपायों से नहीं रहेगी धन की कमी

धनतेरस से भैया दूज तक पांच दिनों तक मनाई जाने वाली दिवाली पूजा एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस साल 12 नवंबर को दीपावली है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पूरे देशभर में दिवाली का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। दिवाली की तैयारियां कई दिनों पहले से होने लगती है। इस दिन पूरे घर को दीयों और रंगबिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। हर वर्ष दीपोत्सव का पर्व 5 दिनों तक मनाया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लक्ष्मी और गणेश पूजा
यह त्योहार पूरे भारत में बहुत खुशी तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग एक साथ इकट्ठे होते हैं, खाते हैं व जश्न मनाते हैं। बुराई पर अच्छाई और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में पूरे घर में तेल के दीपक जलाए जाते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। लक्ष्मी पूरा गणेश जी की पूजा के बगैर अधूरी है। लक्ष्मी पूजा, या दिवाली पूजा 2023 पूजा शुभ दिन पर हर भारतीय घर में किए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है। यह मुख्यतः शाम को देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है। लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। इसलिए पूजा अत्यंत प्रसन्नता और भक्ति के साथ की जाती है। देवी लोगों के जीवन में समृद्धि, धन और शांति भी लाती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस तरह पांच दिन मनाई जाती है दिवाली
धनतरेस से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है और फिर इसके बाद नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं मनाया जाता है। इसके बाद दिवाली फिर अगले दिन गोवर्धन पूजा और आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार आता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दीपावली बहुत ही खास रहेगी, क्योंकि कई दशकों के बाद दिवाली पर एक साथ कई शुभ योग और राजयोग का निर्माण हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस बार दिवाली का शुभ योग
दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर मनाने का विधान होता है। दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का काफी महत्व होता है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा माना जाता है। दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगी। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक दिवाली की शाम के समय जब लक्ष्मी पूजा होगी, उसी दौरान 5 राजयोग का निर्माण भी होगा। इसके अलावा आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा। इस तरह से दिवाली 8 शुभ योगों में मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यो का मनाना है कि दीपावली पर इस तरह का शुभ योग कई दशकों के बाद बना है। ऐसे में इस शुभ योग में दिवाली सभी के लिए सुख-समृद्धि और मंगलकामना साबित होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस बार पांच राजयोग
इस साल दिवाली पर एक साथ 5 राजयोग देखने को मिलेगा। ये 5 राजयोग गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के होंगे। इन राजयोगों का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण बनेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह योग मान-सम्मान और लाभ देने वाला साबित होता है। वहीं हर्ष योग धन में वृद्धि और यश दिलाता है। बाकी काहल ,उभयचरी और दुर्धरा योग शुभता और शांति दिलाता है। वहीं कई सालों बाद दिवाली पर दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा जब शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे। इसके अलावा दिवाली पर आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण भी होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

12 नवंबर को सुबह चतुर्दशी और दोपहर बाद अमावस्या तिथि
इस वर्ष छोटी और बड़ी दिवाली दोनों ही एक दिन यानी 12 नवंबर को ही मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार 12 नवंबर को सुबह तक रूप चौदस रहेगी फिर दोपहर ढाई बजे के बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। शास्त्रों के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या की रात को होती है। इस वजह से दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा 12 नवंबर को रात को होगी। अमावस्या तिथि 13 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक ही रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का मुहूर्त- 12 नवंबर 2023
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक।
अवधि: 01 घंटा 54 मिनट
प्रदोष काल- 05:29 से 08:07 तक
वृषभ काल- 05:40 से 07 :36 तक (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पितरों को मोक्ष प्राप्ति के लिए करें यह उपाय
छोटी दीपावली प्रमुख त्योहार चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व इस वर्ष 11 नवंबर को मनाई जाएगी. मिथिला में चली आ रही परंपरा के अनुसार पितर निवृत्तिक गाय के गोबर से दीप निर्माण करके और उसका दक्षिणविमुख करके दीप प्रज्वलित किया जाता है। इसके बाद इसे घर से बाहर जहां कूड़ा करकट रखा जाता है। वहां उसके ऊपर जाकर के वह दीपदान किया जाता है। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। धन्य-धान्य की भी प्राप्ति होती है।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

छोटी दीपावली में यम का दीया
धनतेरस के अगले दिन हमारे यहां छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन का अपना अलग महत्व है। इस दिन यम का दीया जलाने की परंपरा है। इस दिन घर के बड़े या बुजुर्ग गाय के गोबर से बने दीया को दक्षिण दिशा में जलाते हैं। इससे कई जगहों पर यम का दीया भी कहते हैं. इसको जलाने से पहले आपको साफ सूथरा रहना चाहिए। शाम को प्रदोष काल के समय यम का दीया जलाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दिवाली पूजा विधि
दिवाली पूजा में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पुराणों में ऐसा कहा गया है कि देवी लक्ष्मी इस दिन पृथ्वी पर हर घर में आती हैं। इसलिए, देवी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन घर की सफाई तथा लाइट की व्यवस्था करना आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूजा में इन बातों का रखें ध्यान
दिवाली पूजा पर सफाई महत्वपूर्ण है। खासकर अगर आप दिवाली पूजा करते हैं। आपको अपने घर को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और गंगाजल (गंगा नदी का पवित्र जल) छिड़कना चाहिए। आप घर को मिट्टी के दीयों, मोमबत्तियों और रंगोली से भी सजा सकते हैं।
-अपनी पूजा या लिविंग रुम में टेबल या स्टूल पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं। बीच में कुछ दाने रखें।
-चांदी या कांसे का 75% पानी से भरा कलश दानों के बीच में रखें। कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें।
-कलश के दाहिनी ओर दक्षिण-पश्चिम दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो तथा बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें। छोटी थाली पर चावल का छोटी सी चपटी आकृति बनाएं, उस पर हल्दी से कमल का फूल डिजाइन करें, कुछ पैसे डालें तथा मूर्ति के सामने रख दें।
-अपनी अकाउंट बुक और धन व बिजनेस से संबंधित अन्य वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें।
-तिलक लगाएं, फूल चढ़ाएं और मूर्तियों के सामने दीया जलाएं।
-पूजा के लिए अपनी हथेली में फूल रखें और आंखें बंद करके मंत्र का जाप करें।
-आपको प्रार्थना की मुद्रा में हाथ जोड़कर दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) पूजा मंत्र बोलना चाहिए। प्रार्थना करने के बाद, अपने हाथ में फूल लेकर गणेश और लक्ष्मी को भेंट करें।
– लक्ष्मी की मूर्ति लेकर उसे जल स्नान के रूप में पंचामृत अर्पित करें। इसे पानी से फिर से धो लें, इसे ताजे तौलिये से साफ करें और कलश के साथ वापस रख दें।
-देवी को भोजन, कुमकुम और हल्दी चढ़ाएं, साथ ही एक माला भी चढ़ाएं। मूर्ति के सामने अगरबत्ती और धूप जलाएं।
-देवी को नारियल, सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएं। देवी को फल और प्रसाद चढ़ाएं और मूर्ति के सामने गुलदस्ता और कुछ पैसे रखें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लाएं लक्ष्मी कुबेर की मूर्ति
दीपावली पर धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कहे जाने वाले कुबेर देव का पूजन किया जाता है। ऐसे में दिवाली के विशेष अवसर पर मां लक्ष्मी और कुबेर जी की प्रतिमा घर लाना बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसा करने से व्यक्ति को धन-संपत्ति का आशीर्वाद मिलता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धातु का कछुआ
धातु से बने कछुए को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसे में यदि आप दिवाली के शुभ अवसर पर धातु से बना कछुआ घर पर लाते हैं, तो इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही धन आगमन के योग भी बनते हैं। आप चाहें तो सोने, चांदी या पीतल का कछुआ भी अपने घर ला सकते हैं।
नोटः यह समाचार धार्मिक मान्यताओं, पंचांग गणना और परंपराओं पर आधारित है। लोकसाक्ष्य इसमें लिखी गई किसी भी सामग्री के लिए अपना दावा नहीं करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

घर लाएं मिट्टी से बनी ये चीजें
मिट्टी से बने बर्तन न केवल सेहत की दृष्टि से अच्छे होते हैं, बल्कि इन्हें शुभ भी माना जाता है। ऐसे में दिवाली पर मिट्टी की सुराही घर लेकर आए और इसमें पानी भरकर घर की उत्तर दिशा में रखें। इससे व्यक्ति के सभी धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

घर में आएगी सुख-समृद्धि
मोर पंख भगवान श्री कृष्ण का प्रिय माना गया है। साथ ही इसे घर में रखना भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में आप दिवाली के दौरान घर में मोर पंख लाकर उसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रख सकते हैं। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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