इस बार 14 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा, उत्तराखंड पुलिस के पोर्टल में पंजीकरण करें श्रद्धालु
दो साल कोरोनाकाल के चलते स्थगित रही कांवड़ यात्रा इस बार 14 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसके लिए कई राज्यों ने अपने अपने स्तर से तैयारी कर ली है।

सावन में किया जाता है भगवान शिव का अभिषेक
शिवजी को प्रिय सावन का महीना इस साल 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इस बार सावन 12 अगस्त तक चलेगा। सावन के पवित्र महीने में इस बार चार सोमवार पड़ेंगे। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ेगा। वहीं सावन का अंतिम सोमवार 15 अगस्त को है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सावन के प्रत्येक सोमवार पर जल और बेलपत्र के भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन में कांवड़ यात्रा भी करते हैं। इस बार कांवड़ यात्रा 14 जुलाई से शुरू होने वाली है। इस दौरान शिवजी के भक्त गंगा नदी के जल भरकर शिव मंदिर पहुंचते है और वहां महादेव का गंगाजल से अभिषेक करते हैं। अमूमन शिव के अभिषेक के लिए हरिद्वार से कांवड़ में गंगा जल लेकर श्रद्धालु अपने इलाके के शिव मंदिर की तरफ लेकर रवाना होते हैं।
खड़ी कांवड़ यात्रा
भगवान शिव के कई भक्त सावन में खड़ी कांवड़ यात्रा करते हैं। इस कांवड़ यात्रा में श्रद्धालु सहयोगी की मदद से कांवड़ यात्रा करते हैं। इस दौरान जब कांवड़ लाने वाला भक्त आराम करता है तो उसका सहयोगी कांधे पर कांवड़ लिए खड़ा रहता है।
डाक कांवड़
यह कांवड़ सबसे मुश्किल कांवड़ मानी जाती है। डाक कांवड़ यात्रा में भक्त एक निश्चित समय अवधि में अपनी कांवड़ यात्रा पूरी करते हैं। इस यात्रा को दौड़ कर पूरा किया जाता है। भक्त तय समय अवधि में हरिद्वार के जल भरकर शिवजी का जलाभिषेक करते हैं। आमतौर पर डाक कांवड़ 12, 14, 16, 18, 20 या इससे अधिक घंटे की होती है। इस दौरान भक्त तय समय में ही शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं। डाक कांवड़ यात्रा में भक्त हरिद्वार से जल भरकर दौड़ते हुए शिव मंदिरों में पहुंचते हैं। डाक कांवड़ यात्रा में चलने वाला श्रद्धालु अगर रुक जाए या उसके हाथ से कांवड़ छूट जाए तो यात्रा खंडित मानी जाता है। ऐसे में ये यात्रा गणतव्य तक पहुंचने से पहले रुकती नहीं है।
झूला कांवड़
सावन में अधिकांश भक्त झूला कावड़ यात्रा करते हैं। इस कांवड़ यात्रा में बच्चे, बूढ़े और महिलाएं भी आसानी से कांवड़ यात्रा करती हैं। इस कांवड़ यात्रा की खासियत यह है कि इसे स्टैंड या पेड़ पर रखकर कुछ देर आराम कर किया जा सकता है। इस कांवड़ यात्रा में आराम या भोजन करने के बाद पुनः शुद्ध होना पड़ता है।
यहां कराएं पंजीकरण
कांवड मेला-2022 में उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड पुलिस की ओर से रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल https://policecitizenportal.uk.gov.in/Kavad खोला गया है।
राज्य की पुलिस ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके ही कांवड मेला 2022 में आएं। इससे यात्रा में कोई असुविधा नही होगी।
पुलिस ने की तैयारी
पुलिस प्रशासन के साथ रेल प्रशासन ने भी कांवड़ यात्रा के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। उत्तराखंड सरकार ने दो साल से बंद यात्रा में अबकी ज्यादा कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने की उम्मीद जताई है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने 2019 में 3.30 करोड़ श्रद्धालुओं के हरिद्वार पहुंचने का ब्योरा देते हुए इस बार सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्लान तैयार करने को कहा। राज्य सरकार और रेलवे के बीच गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में योजना पर मंथन किया गया। रेलवे ने उत्तराखंड सरकार की मंशा को देखते हुए स्पेशल ट्रेन चलाने की बजाय कई ट्रेनों को हरिद्वार तक विस्तार देने का खाका तैयार किया है।
हरिद्वार में आरपीएफ के डेढ़ सौ जवान समेत अतिरिक्त स्टाफ
सीनियर डीसीएम सुधीर सिंह ने बताया कि सावन मास में कांवड़ियों की सुविधा के मद्देनजर हरिद्वार समेत अन्य प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त स्टाफ का इंतजाम किया गया है। इसमें अकेले टिकट वितरण व्यवस्था के मद्देनजर 35 कर्मी रहेंगे। जबकि सुरक्षा के लिए आरपीएफ के डेढ़ सौ कर्मियों की कांवड़ यात्रा के चलते तैनात किया जा रहा है। स्टेशन पर साफ सफाई से लेकर बिजली पानी के समुचित इंतजाम किए जा रहे हैं।
ट्रेनों को विस्तार देगा रेलवे
कोरोना काल में दो साल बंद रही कांवड़ यात्रा में भीड़ उमड़ने की संभावनाओं के मद्देनजर रेलवे ने एक्शन प्लान पर अमल शुरू कर दिया है। हरिद्वार से गंगाजल लाने वाले कांवड़ियों के लिए रेलवे ट्रेनों को विस्तार देगा। दिल्ली से शामली डीएमयू और दिल्ली-सहारनपुर मेमू को हरिद्वार तक चलाया जाएगा। ट्रेनों को 13 से 27 जुलाई तक चलाने की तैयारी है। मुरादाबाद रेल प्रशासन ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है।