इस बार भी पूरी अवधि नहीं चला विधानसभा सत्र, पहले भी होता रहा ऐसा, देखें सीएम का भाषण- युवाओं के मुकदमें होंगे वापस
जैसी की अपेक्षा थी कि चमोली जिले में उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित विधानसभा में बजट पूरी अवधि तक नहीं चलेगा, ऐसा ही हुआ। सत्र 13 मार्च से लेकर 18 मार्च तक चलना था, लेकिन इसे 16 मार्च को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में क्या खास रहा। इस पर हम चर्चा करेंगे, लेकिन पहले ये बता दें कि सत्र को पूरी अवधि तक चलाने से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाना उत्तराखंड में पहली बार नहीं हुआ है। इस बार बजट सत्र गैरसैंण में आयोजित किया गया। इसके लिए प्रचारित किया गया कि सरकार को पहाड़ की चिंता है, लेकिन सत्र की अवधि पहले ही कम दिन की थी। वहीं, इस सत्र को मात्र चार दिन में ही निपटा दिया गया। इससे अच्छा तो ये होता कि हिमाचल से ही सरकार सबक ले लेती, जहां विधानसभा सत्र 14 मार्च से चल रहा है और छह अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। यदि वहां सत्र ठीकठाक चलता है तो पक्ष विपक्ष को विधानसभा में चर्चा का पर्याप्त समय मिल जाएगा। उत्तराखंड भी हिमाचल की तरह पहाड़ी राज्य है, लेकिन यहां नेताओं को सर्दी ज्यादा लगती है। इन दिनों गैरसैंण में हर दिन बारिश हो रही है। वहां जमकर सर्दी पड़ रही है। ऐसे में नेता कैसे सर्दी को सहन करके सत्र को आगे चलाते, ये भी सोचनीय प्रश्न है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे दिन सीएम रहे नदारद
अब सत्र की गंभीरता को देखा जाए तो दूसरे दिन 14 मार्च को सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद सदन में नहीं थे। वह सत्र के पहले दिन 13 मार्च को विधानसभा पहुंचे और उसी दिन सोमवार की दोपहर बाद वह भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन से देहरादून के लिए रवाना हुए। जहां से देर शाम वह दिल्ली चले गए। दिल्ली में वह मंगलवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में शामिल हुए। आज 15 मार्च को वह विधानसभा सत्र में पहुंचेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हिमाचल में सत्र के दौरान 18 बैठकें प्रस्तावित
उत्तराखंड की तरह हिमाचल भी छोटा पर्वतीय राज्य है। हिमाचल में 14 मार्च से बजट सत्र शुरू हो चुका है। यह सत्र छह अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होनी प्रस्तावित हैं। आज 17 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए विधानसभा में बजट पेश करेंगे। सत्र के दौरान 16 मार्च और 24 मार्च को गैर सरकारी कार्य दिवस के लिए निर्धारित किया गया है। 20-21-22 मार्च और 23 मार्च को बजट पर चर्चा होगी। इसके अलावा 27-28 मार्च और 29 मार्च को बजट में की गई मांगों पर चर्चा होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद 29 मार्च को ही वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रदेश का बजट पारित किया जाएगा। इसके आगे भी विधानसभा की बैठके छह अप्रैल तक होंगी। यदि इस अवधि से पहले विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित नहीं किया जाता तो हिमाचल में चर्चा के लिए पर्याप्त समय है। उत्तराखंड सरकार भी हिमाचल से सबक ले लेती और इसे गंभीरता से लेती तो बेहतर होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व में भी तत्कालीन सीएम ने बीच में छोड़ा था बजट सत्र
उत्तराखंड में विधानसभा सत्रों को समय से कम अवधि में अचानक खत्म करने की परंपरा उत्तराखंड में नई नहीं है। वर्ष 2021 में उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में एक मार्च 2021 से 10 मार्च 2021 तक विधानसभा का बजट सत्र चलना था। अचानक छह मार्च को विधानसभा में बजट पारित कराने के बाद तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही सभी विधायक और मंत्री दिल्ली रवाना हो गए थे। उस समय पहले अफरा तफरी में बजट को पास किया जा रहा था। विपक्ष के हंगामे के चलते कुछ देर चर्चा की गई और आनन फानन बजट पारित कर दिया गया। तब भी सत्र चार दिन कम चला और विपक्ष यही आरोप लगाता रहा है कि महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार चर्चा से भागती रही। इसके बाद तो सीएम ही बदल दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शीतकालीन सत्र भी सात दिन की बजाय दो दिन में निपटाया
पिछले साल उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी सात दिन की बजाय मात्र दो दिन में निपटा दिया दया। इसके समाप्त होते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एमसीडी चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली का रुख कर दिया। ये सत्र 29 नवंबर 2022 से पांच दिसंबर तक देहरादून में प्रस्तावित था। इससे पहले ही 30 दिसंबर को ही सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके साथ ही सभी विधायक और बीजेपी के नेता दिल्ली रवाना हो गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस बार भी 21 घंटे 36 मिनट चला सदन
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चार दिवसीय बजट सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही 21 घंटे 36 मिनट चली। सत्र में विनियोग विधेयक समेत कुल 13 विधेयक पारित हुए। गुरुवार देर रात सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि सत्र में प्रदेश व जनहित से जुड़े अनेक विषयों पर गंभीर चिंतन-मनन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लगाए गए कुल 603 प्रश्न
विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने बताया कि सत्र के लिए विधायकों के कुल 603 प्रश्न प्राप्त हुए थे। इनमें से आठ अल्पसूचित प्रश्नों में से एक उत्तरित हुआ। 180 तारांकित प्रश्नों में से 46 और 380 अतारांकित प्रश्नों में से 197 उत्तरित हुए। 29 प्रश्न निरस्त किए गए। सत्र के दौरान एक दिन प्रश्नकाल में सभी प्रश्न उत्तरित हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पक्ष और विपक्ष की चली जोरआजमाइश
दो साल के अंतराल के बाद ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हुए विधानसभा के बजट सत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष में खूब जोरआजमाइश नजर आई। सत्र की शुरुआत से लेकर आखिर तक विपक्ष ने विभिन्न विषयों को लेकर आक्रामक तेवर अपनाते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया। वहीं, सरकार ने भी विपक्ष को जवाब देने का प्रयास किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले दिन से हुआ हंगामा
विधानसभा के बजट सत्र से पहले ही विपक्ष ने जिस तरह से विभिन्न विषयों को उठाता आ रहा था, उससे यह साफ था कि सत्र के दौरान वह सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा, हुआ भी ऐसा ही। सत्र की शुरुआत सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण से हुई, लेकिन इस दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने भर्ती प्रकरण, कानून व्यवस्था समेत तमाम विषयों को लेकर हंगामा किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे दिन टूटी मर्यादा, कांग्रेसी नेताओं को किया निलंबित
इसके अगले दिन तो विपक्ष का पारा इतना चढ़ा कि सदन में मर्यादा टूटीं और नेता प्रतिपक्ष समेत सभी कांग्रेस विधायकों को एक दिन का निलंबन तक झेलना पड़ा। बावजूद इसके विपक्ष ने अपने तेवरों में कोई कमी नहीं आने दी। वह लगातार ही कार्य स्थगन के माध्यम से सरकार को घेरने के प्रयासों में जुटा रहा तो प्रश्नकाल में भी उसने उलझाने के प्रयास किए। विनियोग विधेयक पारित होने से पहले विपक्ष ने सरकार पर उसकी आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट कर दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
क्या चार दिन तक सत्र चलाना जायज है
अब सवाल उठता है कि क्या चार दिन सत्र चलाना उत्तराखंड की जनता के साथ न्याय है। या फिर लंबी अवधि तक सत्र चलाकर एक एक बिंदु पर विस्तार से चर्चा और बहस कराई जा सकती थी। चार दिन में एक दिन तो सीएम खुद सत्र में नहीं रहे और एक दिन यानि की करीब 24 घंटे निलंबन के चलते कांग्रेसी विधायक विधानसभा के बाहर रहे। ऐसे में समझा जा सकता है कि सात दिन के सत्र में चार दिन के भीतर मात्र 21 घंटे 36 ही सत्र चला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आखरी दिन सीएम दिया भाषण
सत्र के आखरी दिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो भाषण दिया, उसे हम बगैर किसी काटछांट के सीधे प्रस्तुत कर रहे हैं। ताकि सरकार की प्रदेश के विकास के लिए क्या सोच और रणनीति है, वह आप उसी तरह पढ़ सकें, जैसा कि सीएम ने विधानसभा में कहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम का भाषण
माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी, मैं, सर्वप्रथम गैरसैंण क्षेत्र की कुलदेवी गंगा मईया के चरणों में शीश नवाता हूं। मैं, उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उत्तराखण्ड की जनता की ओर से शत शत नमन करता हूं तथा आप सभी को प्रकृति का आभार प्रकट करने और बसंत ऋतु के स्वागत का प्रतीक लोकपर्व फूलदेई की बधाई देता हूं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अटल जी ने उत्तराखण्ड बनाया था तो देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इसे संवारने का काम कर रहे हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। मैं, आज सदन में उत्तराखण्ड की जनता की ओर से प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गैरसैंण में 2 वर्ष बाद आयोजित हो रहे इस बजट सत्र में उपस्थित विधानसभा के सभी सदस्यों का मैं, हार्दिक अभिनंदन करता हूं। प्रेमचंद अग्रवाल और उनकी समस्त टीम को भी मैं इतना अच्छा बजट प्रस्तुत करने के लिए साधुवाद देता हूं। ये बजट, सर्वस्पर्शी बजट है तथा इसमें जो हॉलिस्टिक अप्रोच रखी गई है वो इसका मजबूत पक्ष है। यह बजट आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, विजन के अनुरूप है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत की शक्ति और सामर्थ्य को पूरे विश्व ने पहचाना है, आज हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा है। भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। हम सभी पिछले वर्षों में कोविड की भयावहता के साक्षी रहे हैं। लेकिन हमने यह भी देखा है कि कैसे माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत ने न सिर्फ कोविड को हराया बल्कि अपने कोविड प्रबंधन का लोहा दूसरे देशों को भी मनवा दिया। निःशुल्क वैक्सीन एवं गरीबों को निःशुल्क अनाज दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन, परिवहन व संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़ का राहत पैकेज। चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ और महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को 118 करोड़ रूपए का कोविड राहत पैकेज दिया गया। लाभार्थियों के खातों में डीबीटी द्वारा राहत राशि पहुंचाई गई। प्रदेश में कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे 6000 से अधिक बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3000 रूपये प्रति माह दिये जायेंगे। हमारी सरकार युवाओं के लिए समर्पित सरकार है। हमने भर्ती माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले 60 से ज्यादा लोगों को जेल में डाला है। हमारे युवाओं के साथ कोई धोखा करने की सोचे भी नहीं, इसके लिये हमने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है। पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। तीन परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। अन्य परीक्षाओं का आयोजन जारी केलेण्डर के अनुसार किया जा रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं सरकार ने कुछ नहीं किया, मंहगाई बढ़ रही है, पेपर लीक हो रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हां मैं, मानता हूं इतने कम समय में, मैं, सबकुछ नहीं कर सकता। 22 वर्षों में नकल माफियाओं के गिरेबान में हाथ किसने डाला। नकल माफियाओं को जेल में किसने भेजा। नकल विरोधी कानून किसने बनाया। क्या ये सब पहले नहीं किया जा सकता था। विपक्ष को भी पता है, उत्तराखंड का समुचित विकास कोई कर सकता है तो वो मोदी जी के नेतृत्व में धामी ही कर सकता है। हमने समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने का संकल्प लिया है और इसको सिद्धि तक भी ले जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में देहरादून में हुई घटना में जिन युवाओं पर मुकदमें दर्ज हुए, जिन युवाओं को प्रतियोगिता परीक्षाओं में भाग लेना है, उनके मुकदमे वापस लिये जायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमने चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता का वायदा किया था और जनता जनार्दन से हमें भरपूर आशीर्वाद भी मिला। समान नागरिक संहिता के लिये गठित समिति जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, आमजन आदि से सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार कर रही है। हमें खुशी है कि समान नागरिक संहिता के लिये हमें देखकर दूसरे राज्य भी आगे आ रहे हैं। जैसे ही समिति अपना ड्राफ्ट बनाकर सौंपेगी हम उस पर कानून बनाकर आगे बढ़ाया प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिये हमारी सरकार ने सख्त धर्मांतरण कानून बनाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश की महिलाओं को सरकारी नौकरी में उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए हमने तीस प्रतिशत महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण देने का जो फैसला लिया था, उसे कानून बनाकर धरातल पर उतारने का कार्य किया है। हमने राज्य आंदोलनकारियों को भी दस प्रतिशत आरक्षण देने को मंजूरी दी है। उत्तराखण्ड आदिकाल से ऋषियों मुनियों की तपस्थली रही है। यहाँ से ज्ञान की गंगा भी निकलती है। ये धरा महर्षि वेद व्यास कालिदास और द्रोणाचार्य की कर्म भूमि रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए हमने स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में देश में लाई गई नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया। राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए नई खेल नीति लाई गई है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना में उभरते खिलाड़ियों को 1500 रूपये प्रतिमाह खेल छात्रवृत्ति के साथ ही अन्य सुविधाएं दी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरलीकरण, समाधान, निस्तारिकरण व संतुष्टि के मंत्र को आधार बनाकर हमारी सरकार आदरणीय मोदी जी द्वारा देश में प्रारंभ की गई सुधारों की एक लंबी श्रृंखला को देवभूमि उत्तराखंड में भी लागू करने का कार्य कर रहे हैं। हमारी सरकार अन्त्योदय की भावना के अनुरूप विकास का लाभ, अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने हेतु कृतसंकल्पित है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-ऑफिस, सीएम हेल्पलाईन आदि सुधारों के द्वारा कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 लांच किया है। इस एप प्राप्त शिकायतों पर हम गम्भीरतापूर्वक कार्यवाही भी कर रहे हैं। वेदों मे कहा गया है आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्।। अर्थात स्वस्थ रहना परम नियति है और अन्य सभी कार्य स्वास्थ्य द्वारा सिद्ध होते हैं। इसी मूलमंत्र को ध्यान में रखकर हमने प्रदेश में जन स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आयुष्मान योजना ने इस दिशा में बहुत अच्छे परिणाम दिए हैं। 46 लाख 70 हजार से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। महिला स्वास्थ्यकर्ताओं और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। हमने राज्य में निःशुल्क जांच योजना प्रारम्भ की है। इसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है। इसी के साथ-साथ उधमसिंहनगर जिले में एम्स ऋषिकेश का सैटेलाईट सेंटर बनने से एक बड़ी आबादी को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले वर्ष अक्टूबर माह में माननीय प्रधानमंत्री जी ने माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में सीमांत गांवों को देश का पहला गांव बताते हुए उनके विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही थी। हमारी सरकार दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को समर्पित है। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ‘एक जनपद दो उत्पाद’ योजना से स्थानीय उत्पादों को पहचान मिलेगी। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का यज्ञ चल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखण्ड भी इस यज्ञ में अपनी ओर से आहुति देने हेतु तत्पर है। केदारखंड के साथ-साथ मानसखंड के मंदिरों का भी विकास किया जा रहा है। प्रथम बार उत्तराखंड की झांकी मानसखण्ड को कर्तव्यपथ पर 26 जनवरी की परेड में प्रथम स्थान। चार करोड़ कांवड़ यात्रियों द्वारा बिना किसी समस्या के कांवड़ यात्रा पूर्ण की गई। 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा चारधाम यात्रा में की गई, यह संख्या वो है जो जिसे हमने रिकॉर्ड किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिये होम स्टे योजना बहुत महत्वपूर्ण है। मैं स्वयं जिलों के भ्रमण के दौरान होम स्टे में रूका हूं। हमारी कोशिश है कि प्रदेश के होम स्टे को पर्यटकों की पहली पसंद बना सकें। हमारे यहां बहुआयामी पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। हमें नये पर्यटन स्थल विकसित करने हैं। ऋषिकेश रिवर राफ्टिंग का हब बन चुका है। नए रिवर राफ्टिंग स्थानों के चयन हेतु सर्वे भी किया गया है। अभी हमने चम्पावत के टनकपुर में महाकाली नदी में रिवर राफ्टिंग शुरू की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मैंने खुद वहां रिवर राफ्टिंग की है। कुछ महीनों में प्रदेश में रिवर राफ्टिंग की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भी कराई जाएगी। पौड़ी, नैनीताल सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों मे पैरा सैलिंग, पैरा मोटर आदि खेलों के प्रति भी आकर्षण बढ़ा है। रोपवे जहां कनेक्टिविटी का एक नवीन माध्यम है, उसी के साथ-साथ यह पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। कुछ माह पूर्व ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया गया। इनके बनने से श्रद्धालुओं का घंटों का सफर मिनटों में संभव होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमारा मूल मंत्र है संकल्प से सिद्धि, कृषि बागवानी और सहकारिता से समृद्धि है। हमारी सरकार, किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगभग साढ़े चार हजार जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया गया है। जिन किसान भाईयों के पास कृषि उपकरण नहीं हैं, उनके लिए हमने ‘फार्म मशीनरी बैंक’ योजना शुरू की है। इसके लिए 80 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से प्रदेश के लगभग 9 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माननीय प्रधानमंत्री जी के विशेष प्रयासों से वर्ष 2023 को अंतराष्ट्रीय मिलेट वर्ष मोटे अनाजों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के विजन से भारत के पोष्टिक मोटे अनाजों को विश्व स्तरीय पहचान मिल रही है। हम भी अपने प्रदेश में मंडुवा, झंगोरा आदि स्थानीय मोटे अनाजों को बढ़ावा दे रहे हैं। स्टेट मिलेट मिशन को मंजूरी दी गई है। किसानों से 3578 (तीन हजार पांच सौ अठहतर) रूपये प्रति किं्वटल मंडुवा खरीदा जा रहा है और राशन कार्ड धारक को 1 किलो पोष्टिक मंडुवा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। मध्याह भोजन योजना में मंडुवा और झंगोरा भी दिया जाएगा। इससे एक ओर हमारे किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी वहीं पोष्टिक अनाज लोगों के लिये स्वास्थ्यवर्धक रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 31 नये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण और 06 एसटीपी का अपग्रेडेशन किया गया। गंगा नदी में प्रदूषण के रोकथाम के लिये 128 नालो को टैप किया गया। उत्तराखण्ड के 5 शहरों का चयन स्वच्छ भारत मिशन में होने पर सम्मानित किया गया। हमने पर्यावरण मित्रों का एक दिन का मानदेय बढ़ाकर 500 रूपये किया। ई-वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया और चार पहिया वाहनों की खरीद पर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। हमने बड़ी पहल करते हुए व्यावसायिक भवनों की पार्किंग में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चार्जिंग की व्यवस्था को अनिवार्य किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत बिजली से वंचित सभी गांवों का शतप्रतिशत विद्यतिकरण किया जा चुका है। जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना को केंद्र से निवेश स्वीकृति मिल चुकी है। 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना का निर्माण पूरा किया जा चुका है। हमें केंद्र से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत की स्वीकृति मिली है। 300 मेगावाट की लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू किया जायेगा।उत्तराखण्ड देवभूमि ही नहीं, वीरभूमि भी है। देहरादून में भव्य सैन्य धाम की स्थापना की जा रही है। हमारी सरकार, शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित कर रही है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस वर्ष हमें जोशीमठ भू धंसाव जैसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। लेकिन स्थानीय लोगों के सहयोग से सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन तथा त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों को सुनिश्चित करते हुए किसी प्रकार की जीवन हानि नहीं होने दी गई। इस कार्य में केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग राज्य सरकार को मिला है। हमारी सरकार सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता की स्थिति के निर्धारण हेतु एक व्यापाक सर्वे कराने हेतु कार्य कर रही हैं। विस्थापितों के पुनर्वास के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के साथ ही राहत पैकेज देने की घोषणा की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोविड महामारी के बाद और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जहां विश्व की अर्थव्यवस्था धाराशायी हो गई, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था उभरकर सामने आई है। हमारे विपक्ष के साथी जब महंगाई की बात करते हैं तो वह यह भूल जाते हैं कि आज विश्व के बड़े-बड़े देश महंगाई की मार से जूझ रहे हैं, तब भारत ने महंगाई की दर स्थिर रखने में सफलता प्राप्त की है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि 2025 तक भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा 2027 तक 5.4 लाख करोड़ डालर के आकार के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। उत्तराखण्ड में भी एक ओर जहां प्रति व्यक्ति आय में पिछले वर्ष के मुकाबलें दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश जी.एस.टी. के संग्रह की वृद्धि दर में उत्तराखण्ड टॉप 06 राज्यों में आ चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य में एस.जी.एस.टी. संग्रह की वृद्धि 32 प्रतिशत रही है। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि उत्तराखण्ड में लोगों द्वारा खर्च बढ़ा है। मुख्यमंत्री रिफिल योजना के तहत राज्य के करीब पौने दो लाख गरीब परिवारों को साल में तीन सिलेंडर मुफ्त रिफिल दिये जा रहे हैं, जिससे रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़े हुए गैस के दामों से गरीब परिवारों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह बजट जहां हमारे दृष्टि पत्र के आधार पर बनाया गया है, वहीं हमने आपका बजट-आपका सुझाव कार्यक्रम के आधार पर इस बजट में जनता को भी सीधा भागीदार बनाया है। इस बजट में हमने रोजगार, स्वरोजगार, शिक्षा, नारी सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, युवा कल्याण, कृषि, उद्योग, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, सिंचाई जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। मैं, इस लीक से हटकर बनाए गए बजट का अध्ययन करने का आप सभी से आव्हान करता हूं तथा जिससे जनता तक इसके प्रावधानों को प्रचारित और प्रसारित किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह बजट नहीं बल्कि नए उत्तराखंड बनाने का अर्थ संकल्प है और आचार्य चाणक्य की अर्थ प्रबंधन को लेकर दी गई परिकल्पना के अनुरूप है। बजट में स्वरोजगार एवं रोजगार हेतु विशेष प्राविधान किये गये हैं। उद्यान विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 815.66 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पॉलीहाउस हेतु रू0 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।मिशन एप्पल योजना के अन्तर्गत रू0 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राजकीय नियुक्तियों हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। जिस हेतु राज्य लोक सेवा आयोग के अन्तर्गत रू0 133.53 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उद्योग विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 461.31 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वर्क फोर्स डेवलेपमेंट हेतु 100 करोड़ रूपये व्यय किये जाएंगे। प्रमोशन ऑफ इंवेस्टमेंट स्टार्ट अप और इंटेरप्रीनियरशिप योजना हेतु रू0 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विभिन्न नीतियों के तहत उद्योगों को अनुदान हेतु रू0 26 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु रू0 40 करोड़ व्यय किये जाएंगे। पर्यटन विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 302.04 करोड़ का प्रावधान किया गया है।उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन विकास परिषद हेतु रू. 63.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यटन विकास के अवस्थापना निर्माण हेतु रू. 60.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। टिहरी झील का विकास के निर्माण हेतु रू. 15.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। चार धाम यात्रा/मार्गों पर आधारभूत सुविधाओं का निर्माण/विकास हेतु रू. 10.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पर्यटन विभाग अन्तर्गत चारधाम एवं विभिन्न स्थानों हेतु भूमि क्रय हेतु रू. 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। शिक्षा एवं युवा कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 10459.55 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय हेतु रू0 51 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना में छात्रवृत्ति हेतु रू0 11 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पी.एम श्री योजना हेतु रू0 92.78 करोड़ का प्रावधान किया गया है। कृषि विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 1294.15 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मिलेट मिशन हेतु रू0 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्थानीय फसलों में प्रोत्साहन हेतु रू0 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 4217.87 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अटल आयुष्मान हेतु रू0 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मेडिकल कॉलज तथा नर्सिंग कॉलेज के निर्माण हेतु रू0 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है। समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 2850.24 करोड का प्रावधान किया गया है।निराश्रित विधवा पेंशन हेतु रू0 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
किसान पेंशन योजना हेतु रू 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नंदा गौरा योजना हेतु रू0 282.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान योजना हेतु लगभग रू0 26.72 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना हेतु रू० 23 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना हेतु रू0 19.95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले वर्ष आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने 21वी सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था। आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम विकल्प रहित संकल्प के आधार पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से हम समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करने में सफल होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आप सभी को ज्ञात ही है कि आदरणीय मोदी जी ने वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष की संज्ञा दी है। हम आदरणीय मोदी जी के इसी विजन के अनुरूप ही पोष्टिकता से भरपूर उत्तराखंड के मोटे अनाज को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। हम सभी के लिए आज मोटे अनाज का ही लंच तैयार कराया गया था और मुझे पूरी उम्मीद है कि आप सभी उत्तराखंड की माटी से उपजे इस पोष्टिक मोटे अनाज से बने हुए भोजन का अवश्य आनंद उठाया होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अंत में, इस बजट भाषण के दौरान स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा लिखी गई इन पंक्तियों के साथ मैं, आप सभी के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता को यह बताना चाहता हूं कि राह लंबी है, डगर कठिन है, लक्ष्य दूर है, लेकिन संकल्प दृढ़ है और हम अपने इस विकल्प रहित संकल्प के द्वारा आप सभी के सहयोग से उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाकर ही दम लेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज अपने स्वप्न को मैं, सच बनाना चाहता हूं,
दूर की इस कल्पना के, पास जाना चाहता हूं,
दूर की इस कल्पना के, पास जाना चाहता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल 2022 से दिसम्बर 2022 तक 5858 किमी के मार्गों को पैच मरम्मत पूर्ण किया गया। वर्ष 2023-24 के बजट में पीएमजीएसवाई के मार्गों के मरम्मत के लिए 150 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही लोक निर्माण के अनुरक्षण में 97 प्रतिशत की वृद्धि कर 850 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। विकास प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक भूमि उपयोग में मानचित्र स्वीकृति की स्व प्रमाणन प्रक्रिया लागू की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में एकल आवासीय मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल करने की कार्यवाही की जा रही है। मलिन बस्तियों के सुधार एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए विकास शुल्क का 10 प्रतिशत धनराशि का प्राविधान किया गया है। विधायक निधि 3.75 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ कर दी गई है। गैरसैंण में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए जितनी धनराशि की आवश्यकतानुसार उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमारा संकल्प है कि हल्द्वानी में एक अच्छा अंतरराष्ट्रीय स्तर का बस अड्डा बनेगा। शहीदों आंदोलनकारियों का सम्मान हमारी पहली प्राथमिकता है। माननीय विधायकों से जो हमने प्रस्ताव लिए हैं वह प्रस्ताव को 5 वर्ष की दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत है और उनको आगे बढ़ा रहे हैं। ड्रग्स के क्षेत्र में हम लगातार संवेदनशील हैं, 2025 तक हमने ड्रग्स फ्री उत्तराखंड का संकल्प लिया है वह संकल्प भी हम तेजी से पूरा करेंगे, इसके लिए टास्क फोर्स बनाया दी गई है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।